बाग में फांसी लगाकर युवक ने दी जान, परिजनों में मचा कोहराम
योगेश मिश्र
प्रतापगढ़। घर से कुछ दूर जाकर बाग में आम के पेड़ पर अर्द्ध विक्षिप्त युवक फांसी पर झूल गया। जिससे उसकी मौत हो गई। सुबह से गायब युवक का शव दोपहर में जब ग्रामीणों ने आम के पेड़ से लटकता देखा तो हड़कम्प मच गया। शव को नीचे उतारकर घटना की सूचना पुलिस को दी गई लेकिन मृतक के परिजनों ने पीएम कराने से इंकार कर दिया।
महेशगंज थाना क्षेत्र के गोपालापुर गांव के रहने वाले राजेन्द्र प्रसाद तिवारी घर पर ही रहकर खेतीबाड़ी का काम करतें हैं। उनके साथ उनका बड़ा पुत्र राधेरमण तिवारी (35 वर्ष)भी उनके साथ घर पर रहता था। बचपन से ही उसका मानसिक संतुलन ठीक नही था। जिससे वह बचपन से ही अजीबोगरीब हरकत करता रहता था। अर्द्ध विक्षिप्त होने के कारण उसकी शादी भी नही की गई थी। मंगलवार की सुबह करीब साढ़े 9 बजे वह घर से खा पीकर अचानक गायब हो गया।
दोपहर में घर से करीब 250 मीटर की दूरी पर उसका शव बाग में आम के पेड़ से लटकता मिला। उसने नायलॉन की रस्सी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दोपहर में जब ग्रामीण बाग की ओर गए तो राधेरमण का शव पेड़ से लटकता देखकर उनके होश उड़ गए। सूचना देने पर परिजनों ने शव को नीचे उतारा और सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुचीं पुलिस ने स्थलीय निरीक्षण किया और पीएम कराने को परिजन से कहने लगी लेकिन परिजन पीएम के लिए तैयार नही हुए। इस संबंध में एसएचओ महेशगंज अनव कुमार दीक्षित का कहना है कि मृतक के परिजन पोस्टमार्टम के लिए तैयार नही हुए। जिससे लिखा पढ़ी करने के बाद शव को परिजनों को सौप दिया गया है।
हादसों में हो चुकी है दो पुत्रों की मौत
बाबागंज। राजेन्द्र प्रसाद तिवारी का सबसे बड़ा पुत्र राधेरमण ही था।उसका मानसिक संतुलन ठीक न होने कारण राजेन्द्र उसको कहीं भी नही भेजतें थे। कई बार वह बिन बताए ही रिश्तेदारों के यहां या कहीं अन्य बाहर चला जाता था। फिर अपने आप ही घर पर आ जाता था। राजेन्द्र का दूसरा पुत्र जीतेन्द्र उर्फ रंजीत अपने सबसे छोटे भाई राजन के साथ दिल्ली में रहकर प्राइवेट जॉब करता है। राजेन्द्र के तीसरे पुत्र अतुल की भी मौत एक वर्ष पूर्व सड़क हादसे में हो गई थी। जिसकी 4 दिसम्बर 2021 में वार्षिकी थी। युवावस्था में ही दो पुत्रों की हुई अचानक मौत ने राजेन्द्र और उनकी पत्नी गौरी देवी को अंदर से एकदम तोड़ दिया है।
पूर्व में भी कर चुका था आत्महत्या की कोशिश
बाबागंज। राधेरमण का मानसिक संतुलन ठीक न होने के कारण वह बचपन से ही अजीबोगरीब हरकत करता रहता था। वह कई बार अपने आप को चोट पहुँचा कर और धारदार हथियार से मारकर घायल चुका था। परिजनों और ग्रामीणों ने बताया कि करीब एक सप्ताह पूर्व भी वह खुद को ब्लेड मारकर घायल कर लिया था। जिसका परिजनों ने इलाज कराया था। कई बार कोशिश करने के बाद भी आत्महत्या में असफल राधेरमण ने आखिर में मंगलवार को आत्महत्या करके अपनी जीवन लीला को समाप्त ही कर लिया।
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