एसडीएम ने जमीन पर करवा दिया जबरन कब्जा
तहसील प्रशासन ने कर लिया किसानों की जमीन पर कब्जा
प्राचीन चकरोडों पर भी किया कब्जा, किसानों का बंद हुआ पुराना रास्ता
सतीश आर्य
सीतापुर। सड़क के चौड़ीकरण के नाम पर तहसील प्रशासन ने सड़क पट्टी के साथ चकरोडों और किसानों के खेतों पर भी कब्जा कर लिया हैं। नक्शा बता रहा है कि जिस तरह से तहसील प्रशासन ने किसानों की जमीन पर कब्जा किया है, वह न तर्कसंगत है और न ही न्यायपूर्ण। किसानों में जबरदस्त रोष व्याप्त है। किसानों का कहना है कि तहसील प्रशासन ने सड़क के चौड़ीकरण के नाम पर हम सरकारी प्राचीन चकरोड जिसको हम किसान मुख्य मार्ग के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। उसको भी अपने कब्जे में ले लिया है और हम लोगों की खेतों की जमीन भी दबा दी है।
किसान इसका विरोध पहले से ही कर रहे थे। इस कारण स्वयं एसडीएम पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और जबरन जमीन पर कब्जा करवा दिये। किसानों का आरोप है कि एसडीएम ने हम लोगों के खेतो की जमीन का भी कुछ भाग कब्जे में ले लिया है। यह पूरी तरह से गलत है। हम लोगों इसकी शिकायत ऊपर तक करेंगे और अपनी जमीन का अंश ऐसे नहीं जाने देंगे। घटना के सम्बन्ध में मिली जानकारी के अनुसार सीतापुर परसदा मार्ग का चौड़ीकरण हो रहा है। इस कारण सड़क को चौड़ा करने के लिये जगह की जरूरत है और प्रशासन के पास इतनी जगह नही थी कि यह मार्ग चौड़ा हो सके, इस कारण तहसील प्रशासन ने सरकारी पट्टी के साथ साथ किसानों के खेतो का कुछ भाग पर भी कब्जा कर लिया।
सीतापुर से परसदा मार्ग पर कनवाखेड़ रस्यौरा के पास जो तहसील प्रशासन ने खुदवाई करवाई है और जमीन को अपने कब्जे में लिया है। यह कब्जेदारी इस समय चर्चा का विषय बनी हुई है और किसान इस जमीन को अवैध कब्जा करने वाली बात रहे हैं। इस सम्बन्ध में किसान सतीश यादव का कहना है कि इस स्थान पर मेरी करीब साढ़े 12 बीघा जमीन है। इस सड़क चौड़ीकरण के नाम पर सरकारी चकरोड के साथ ही मेरी जमीन का एक बड़े भाग पर कब्जा कर लिया गया है। इसी तरह से किसान अर्जुन यादव कहते हैं कि चकरोड मेरी जमीन के पास गुजरा है।
कब्जा करते समय मेरी भी जमीन का भाग दब गया है। क्या प्राचीन चकरोड जो हम लोगों का मुख्य मार्ग था, पर इस तरह से तहसील प्रशासन को कब्जा करने का अधिकार है? दुर्गविजय सिंह यादव तथा किसान पृथ्वी यादव कहते हैं कि तहसील प्रशासन ने हमारे साथ अन्याय किया है। प्रशासन सरकारी जमीन नियमा अनुसार ले हमें कोई दिक्कत है लेकिन बिना नियम के विपरीत किये गये कब्जे का हम लोग विरोध करेंगे। किसानों का कहना है कि 388 नम्बर की जमीन तो बंजर के रूप में दर्ज है। इसके अलावा अन्य जमीने भी खुदवाकर कब्जा किया गया है। किसानों का कहना है कि कब्जा करवाने स्वयं एसडीएम सदर, लेखपाल पुलिस फोर्स के साथ गये थे।
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