योगी सरकार के इस फैसले से शिक्षकों का योगी सरकार पर बढ़ा आक्रोश, जानिए क्या है मामला | #TejasToday
जौनपुर। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अरविन्द शुक्ल ने प्रदेश सरकार द्वारा चुनाव ड्यूटी में जान गवाने वाले सरकारी कर्मचारियों को यथासम्मान अनुग्रह राशि देने के फैसले का स्वागत किया है।
बुधवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के लाखों शिक्षकों कर्मचारियों का सरकार पर भरोसा बढ़ा है। सरकार का यह निर्णय शिक्षक हितो के लिए मील का पत्थर साबित होगा। घोषित अनुग्रह राशि को बढ़ाने के लिए संगठन द्वारा शीघ्र ही शासन को पत्र लिखा जाएगा। उन्होंने पीड़ित शिक्षक परिवारों को आवेदन हेतु आहवान करते हुए कहा की अभी परिजन यथाशीघ्र अपना आवेदन पत्र सम्बंधित अधिकारी के पास जमा करा दे।
ध्यान देने वाली कि शासन द्वारा स्पष्ट निर्देश है कि जिलाधिकारियों को आवेदनों की 22 जून तक जांच कर शासन को संस्तुति भेजनी होगी। शासन ने कहा कि आवेदन करने में किसी तरह की कमी के चलते कोई भी पात्र अनुग्रह राशि पाने से रह न जाए।
इसके लिए पंचायतीराज विभाग ने मंडलवार अधिकारी तैनात किए हैं। आवेदन की कमियों को देखकर संबंधित अधिकारी उसे आवेदक से बात कर ठीक कराएंगे।
गौरतलब है कि अब चुनाव ड्यूटी से 30 दिन की अवधि में मृत्यु होने पर सिर्फ आरटीपीसीआर या एंटीजेन टेस्ट की पाजिटिव रिपोर्ट ही नहीं, बल्कि खून की जांच और सीटी स्कैन की रिपोर्ट को भी कोविड-19 से मुत्यु होने का आधार माना जाएगा।
कोरोना से मृत्यु के लिए 30 दिन की ही अवधि रखने के पीछे खासतौर से लांसेट जनरल में प्रकाशित शोध पत्र व रिपोर्ट और कोविड-19 के संबंध में स्टेट एडवाइजरी बोर्ड के अध्यक्ष एसजीपीजीआई के निदेशक की सहमति को आधार माना गया है।
बॉक्स
22 जून तक डीएम स्तर से जाएगी स्वीकृति
जौनपुर। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अरविंद शुक्ला ने बताया कि अनुग्रह राशि पाने की पुरानी व्यवस्था से प्रदेश में सिर्फ 40 मृत कर्मी ही पात्र पाए गए हैं।
इनके परिवारों को 30-30 लाख रुपये देने के संबंध में पंचायती राज विभाग ने राज्य निर्वाचन आयोग को मंगलवार को संस्तुति भी भेज दी है। जबकि शिक्षक संघ के अनुसार चुनाव ड्यूटी के दौरान अकेले 1600 से ज्यादा शिक्षकों की मौत हुई है।
सोमवार को कैबिनेट के फैसले के बाद पात्रता की नई व्यवस्था को लेकर मंगलवार को अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह द्वारा जारी शासनादेश के तहत जिन 40 मामलों को आयोग के पास भेजा जा चुका है। उन्हें छोड़कर अन्य पात्र मामले में 15 जून की शाम छह बजे तक परिवार या संबंधित विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी को आनलाइन आवेदन करना होगा।
आर्थिक मदद पाने के लिए आवेदन के साथ मृत कर्मी के चुनाव ड्यूटी का आदेश, कोविड-19 से संक्रमण का प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र व कर्मी का फोटो अपलोड करना होगा। जिलाधिकारियों को ऐसे हर एक आवेदन की जांच कराकर 22 जून तक अपनी संस्तुति पोर्टल के जरिये शासन को भेजनी होगी।
आवेदन में कमियां मिलने पर वे संबंधित मंडल के अधिकारी आवेदक से बात कर उसे दूर कराएंगे ताकि त्रुटियों के चलते कोई पात्र अनुग्रह राशि से वंचित न रह सके। पात्रता की नई व्यवस्था से सरकार का मानना है कि अनुग्रह राशि के तौर पर तकरीबन 350 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
#twitter, #this, #policy, #former, #thisisfostercare, #thisismyjourney, #funny, #blog, #giglife, #constitution, #petebuttigieg, #insurancequote