चीन। कोरोना वायरस (Coronavirus) विश्व के लिए महामारी बनकर उभरा है। अर्थव्यवस्था ठंप हो गई है तमाम बड़े शहर लॉकडाउन की स्थिति में हैं। दुनिया के 186 देशों में फैल चुके इस वायरस से करीब चार लाख बीस हजार लोग संक्रमित हैं और मरने वालों का आंकड़ा 20 हजार के पार पहुंच चुका है। इंसान के शरीर में पहुंचने के बाद कोरोना वायरस उसके फेफड़ों पर हमला करता है। इसके बाद व्यक्ति में इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। अब सवाल है कि ये वायरस किस तरह शरीर पर हमला करता है? इसका इलाज किस तरह किया जाता है और सबसे पहले किस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं?
इसका जवाब सीधा है। कोविड-19 के शुरुआती लक्षण सर्दी और फ्लू जैसे ही होते हैं जिससे कोई भी आसानी से धोखा खा सकता है। लेकिन इस वायरस के बारे में ये जान लेना जरूरी है कि यह किस तरह आपके शरीर पर हमला करता है? दिनों के हिसाब से कोरोना वायरस के लक्षण कैसे सामने आते हैं और कब ये व्यक्ति के शरीर में पूरी तरह से दिखना शुरू होते हैं।
अलग-अलग चरणों में आपके शरीर पर हमला करता है COVID-19
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय लग सकता है।
COVID-19 का सबसे पहला लक्षण है बुखार। यह पहले दिन का लक्षण है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सबसे पहले बुखार होता है।
दूसरे दिन आपको थकाम महसूस होगी। आप कुछ भी करने में खुद को असमर्थ पाएंगे।
तीसरे दिन संक्रमित व्यक्ति को सूखी खांसी होती है। एक हफ्ते बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है।
बाद में व्यक्ति को खुद में निमोनिया जैसे लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं। कोरोना वायरस की शिकायत होने पर पहले पांच दिनों में आपको इस तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अध्ययन के मुताबिक इस वायरस से संक्रमित 80 फीसदी लोगों में संक्रमण के मामूली लक्षण देखे गए, जैसे बुखार और खांसी। जोकि इस संक्रमण के पहले चरण के लक्षण हैं।
कुछ लोगों को एक या दो दिनों के लिए उल्टी या डायरिया का भी अनुभव हो सकता है।
हालांकि ऐसी स्थिति आने से पहले मरीजों को अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए। ज्यादा गंभीर मामलों में व्यक्ति सांस नहीं ले पाता और उसकी मुत्यु हो जाती है।
वुहान विश्वविद्यालय के झोंगनान अस्पताल में 138 मरीजों पर किए गए अध्ययन के मुताबिक 85 फीसदी मरीज ही कोरोना वायरस के पहले चरण का अनुभव करते हैं। जबकि सात में से एक मरीज पूरे तीन सप्ताह के लक्षणों से गुजरता है। इसके संक्रमण का पहला चरण सात दिनों तक रहता है और दूसरा चरण दो सप्ताह या इससे ज्यादा भी रह सकता है। जोकि बाद में जानलेवा भी साबित हो सकता है।