अक्षय नवमी पर महिलाओं ने की आंवला वृक्ष की पूजा

अक्षय नवमी पर महिलाओं ने की आंवला वृक्ष की पूजा

आंवाला पूजन से होती है मनोकामनाओं की पूर्ति
सुख—समृद्धि के लिये महिलाओं ने किया आंवला पूजन
अक्षय नवमी पर महिलाओं ने आंवला के पेड़ के नीचे की पूजा
तेजस टूडे सं.
मो. परवेज
सरेनी, रायबरेली। अक्षय नवमी का पर्व रविवार को हर्षोल्लास से मनाया गया। महिलाओं ने भगवान विष्णु का प्रतीक आंवला के पेड़ की पूजा अर्चना करने के बाद दान पुण्य किया। परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। पेड़ के नीचे ब्राह्मणों को भोजन भी कराया गया। अक्षय नवमी पर्व को लेकर महिलाओं में काफी उत्साह रहा। सुबह अधिकांश महिला व पुरुषों ने गंगा स्नान करने के बाद आंवला के पेड़ के नीचे पूजन अर्चन किया। थाना क्षेत्र में विभिन्न जगहों पर अक्षय नवमी की पूजा आराधना की गई। यह तिथि भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद शुभ दिन माना जाता है। महिलाओं ने आंवला की पूजा करने के बाद परिक्रमा लगाई। साथ ही परिवार सुख-समृद्धि की कामना की।
मान्यता है कि इस व्रत को करने से कई जन्म संवर जाते हैं। आज के दिन किया गया तप, जप, दान इत्यादि कभी अक्षय नहीं होता। व्यक्ति को सभी पापों से मुक्त कर मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु एवं शिव जी का निवास होता है। इस दिन इस वृक्ष के नीचे बैठने और भोजन करने से रोगों का नाश होता है। धर्मशास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवले की उत्पत्ति हुई थी। यह विष्णु भगवान और माता लक्ष्मी का प्रिय वृक्ष है, इसलिए इस दिन को आंवला के वृक्ष की पूजा से त्रिदेव ब्रह्मा-विष्णु-महेश के साथ ही माता लक्ष्मी की भी अपार कृपा प्राप्त होती है। महिलाओं ने आंवला के वृक्ष में धागा बांधा और पूजा-अर्चना के साथ व्रत पूरा किया।

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