जब टकरायेंगे जिले के 3 सियासी सूरमा, कैसा होगा रायबरेली का नगर पालिका चुनाव?
जब टकरायेंगे जिले के 3 सियासी सूरमा, कैसा होगा रायबरेली का नगर पालिका चुनाव?
अदिति, दिनेश, मनोज: रायबरेली नगर पालिका पर कौन फहराएगा झण्डा?
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। चुनाव कोई भी हो यूपी का रायबरेली हमेशा सुर्खियों में रहता है। चुनाव चाहे लोकसभा का हो, विधानसभा का हो, पंचायत का हो या फिर नगर पालिका का। लोगों की निगाहें रायबरेली जिले पर रहती हैं। इसी कड़ी में एक बार फिर से जिले में सियासी सरगर्मी बढ़ रही है। वजह है आगामी नगर पालिका चुनाव। ये चुनाव पिछले चुनावों से बिल्कुल अलग होने वाला है क्योंकि 5 सालों में राजनीति बहुत बदल गई है। पहले जो उधर थे, अब वो इधर हैं और जो इधर हैं, वो कब उधर चले जाएंगे पता नहीं।
आइए समझते हैं रायबरेली की इसी सियासत को।बता दें कि अभी रायबरेली नगर पालिका पर बीजेपी का कब्जा है। पालिका अध्यक्ष पूर्णिमा श्रीवास्तव सदर सीट से विधायक अदिति सिंह की करीबी हैं। ये दोनों ही विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए हैं। यानी पूर्णिमा श्रीवास्तव ने नगर पालिका का चुनाव बीजेपी के झंडे तले नहीं जीता था । सभी जानते हैं उनकी जीत में सिर्फ और सिर्फ विधायिका अदिति सिंह के पिता स्व. अखिलेश सिंह का हाथ है लेकिन अब हालात बदले हैं। लोगों में मौजूदा पालिका अध्यक्ष के खिलाफ रोष है। कुछ काम की वजह से कुछ प्रतिनिधि (पति) की वजह से और कुछ विरोध के लिए विरोध है। ऐसे में अदिति सिंह के सामने अपनी विधानसभा सीट की तरह नगर पालिका की सीट भी बचाने की चुनौती है लेकिन ये काम आसान नहीं है, क्योंकि इस सियासी खेल में दो सबसे बड़े चेहरे उनके सामने आ सकते हैं, जो उनका खेल बिगाड़ भी सकते हैं और बना भी सकते है,एक हैं बीजेपी एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह और दूसरे हैं सपा एमएलए मनोज पांडेय। दिनेश प्रताप अभी योगी सरकार में मंत्री हैं, जबकि मनोज पांडेय ऊंचाहार से तीसरी बार विधायक हैं।
रायबरेली की सियासत के सबसे बड़े चेहरे
रायबरेली की सियासत के ये तीन सबसे बड़े चेहरे (अदिति, दिनेश, मनोज) जब नगर पालिका चुनाव में दखल देंगे तो जाहिर सी बात है मुकाबला दिलचस्प होगा। आइए जानते हैं कैसे। जैसा कि हमने बताया अभी अदिति सिंह के करीबी के पास नगर पालिका की कमान है लेकिन आगामी चुनाव में इसमें सपा एमएलए और बीजेपी एमएलसी के दखल देने की पूरी संभावना है। सपा की ओर से जहां मनोज पांडेय के छोटे भाई (रिंकू पांडे) मैदान में उतर सकते हैं तो वहीं दिनेश प्रताप भी अपने किसी करीबी को मैदान में उतार सकते हैं। वह अपने प्रत्याशी को टिकट दिलाने के लिए लखनऊ-दिल्ली एक कर सकते हैं। रही बात एमएलए अदिति सिंह की तो वो एक बार फिर से अपने ही कैंडीडेट को टिकट दिलाने की भरसक कोशिश करेंगी। अंदरखाने बात कही जा रही है कि अदिति इस बार किसी व्यापारी पर दांव खेल सकती हैं। पूर्णिमा श्रीवास्तव को रिप्लेस कर वो एक चर्चित व्यापारी, समाजसेवी को टिकट दिलाने का प्रयास करेंगी। हालांकि अभी चुनाव थोड़ा दूर है लेकिन सियासत तो सियासत है, वह करवट लेना शुरू कर चुकी है। नेता अपनी बिसात बिछाने लगे हैं। किसकी शह होगी और किसकी होगी मात, जल्द चलेगा पता।
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