गैरलाइसेंस व बिना जीएसटी के सलोन क्षेत्र में फैला अवैध टेण्ट हाउसों का मकड़जाल
संचालकों से लूट रहे ग्रामीण, टेण्ट लगाने के नाम पर मनमाने ढंग से ऐंठ रहे मोटी रकम आखिर छोटे कारोबारियों पर शिंकजा कसने वाला जीएसटी विभाग इन पर क्यों है मेहरबान?
अनुभव शुक्ला
सलोन, रायबरेली। तेजस टूडे हिंदी दैनिक अखबार में आप लोग कई तरह की खबरें पढते हैं किंतु यह खबर सबसे हटकर है। समाज में होने वाले मांगलिक कार्यक्रमों के अवसर पर टेंट लगाने के नाम पर टेंट हाउस संचालक ग्रामीणों से मोटी रकम वसूल कर जेब गर्म करने में भले ही लगे हैं किंतु गहनता से यदि इस विषय पर विचार विमर्श किया जाए तो क्षेत्र में कुकुरमुत्तों की तरह फैले कई टेंट हाउस संचालक न ही जीएसटी अदा करते हैं और न ही लाइसेंस बनवाना उचित समझते हैं।
यहां तक की मांगलिक कार्यक्रमों में टेंट लगाने के बाद दूसरे दिन सिर्फ टेंट समेटने व रुपए वसूलने तक की ही जिम्मेदारियों का निर्वहन करते नजर आते हैं। ऐसे में कई जगहों पर देखा गया है कि आंधी तूफान में यदि टेंट उड़ जाते हैं तो घर मालिक ही टेंट व उसके पर्दों की रखवाली करते नजर आता है। छोटे कारोबारियों से लेकर बड़े कारोबारियों पर जीएसटी विभाग का सचल दल शिकंजा कसते नजर आता है किंतु क्षेत्र में फैले टेंट हाउसों के संचालकों पर आखिर जिम्मेदार लाइसेंस व जीएसटी को लेकर शिंकजा क्यों नहीं कसते?
यह एक सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है। आखिर टेंट हाउस संचालकों से ग्रामीण क्षेत्रों में घर पर मांगलिक कार्यक्रम कराने वाले ग्रामीण कब तक टेंट लगाने का किराया देने के नाम पर लुटते रहेंगे? इसका उत्तर मिलना मील का पत्थर साबित हो रहा है।
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