शासन ने महिला अस्पताल से पूछा— इंजेक्शन लगते कैसे बिगड़ी प्रसूताओं की हालत?
जांच को भेजा सैम्पल, इंजेक्शन सप्लाई पर लगी रोक
अजय जायसवाल
गोरखपुर। जिला महिला अस्पताल में दर्जनों प्रसूताओं की इंजेक्शन लगने से तबीयत बिगड़ने के बाद मरीजों व तीमारदारों में मची अफरा—तफरी के मामले को स्वास्थ्य महकमा ने गम्भीरता से लेते हुए सख्त रुख अपनाया वहीं ड्रग डिपार्टमेंट भी अब नींद से जाग गया है। महिला अस्पताल के 100 शैया के एमसीएच विंग में भर्ती जिन महिलाओं को जो एंटीबायोटिक इंजेक्शन लगाए गए थे, उनका नमूना ड्रग विभाग ने ले लिया है। यह नमूने जांच के लिए राजकीय प्रयोगशाला लखनऊ भेजे जाएंगे।
वहीं दूसरी ओर अस्पताल प्रशासन ने ड्रग कॉर्पोरेशन को एंटीबायोटिक इंजेक्शन वापस कर दिए हैं। साथ ही उस बैच के इंजेक्शन पर रोक लगाने के लिए पत्र भी भेज दिया है। शासन ने भी पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है जबकि शासन ने भी इस मामले में पूरी रिपोर्ट मांगी है।
वहीं महिलाओं की स्थिति जानने के लिए शुक्रवार को सीएमओ डॉ. आशुतोष दूबे मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने मरीजों से एक-एक करके पूरे मामले की जानकारी ली है। इसके अलावा महिला अस्पताल के एसआईसी डॉ. जय कुमार ने भी मरीजों से उनके सेहत के बारे में पूछा है। अब महिलाएं पूरी तरह से स्वस्थ है। इस पर विभाग ने राहत की सांस ली है। सूचना पर एलआईयू की टीम भी मौके पर पहुंचकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी हासिल की है।
उधर महिला अस्पताल के एसआईसी डॉ. जय कुमार ने उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन लिमिटेड (UPMSCL) को पत्र भेजकर एंटीबायोटिक इंजेक्शन एमोक्सिसिलीन के बैच नंबर एबी-193009, जेंटामाइसिन बैच नंबर यूडी 32 और मेटाक्लोरोमाइड के बैच नंबर एमटी 12249 को रोक लगाने को कहा है।
उन्होंने बताया कि एमोक्सिसिलिन के 310 वायल, जेंटामाइसिन के 2000 एंपुल और मेटाक्लोराेमाइड के दो हजार एंपुल की आपूर्ति यूपीएमएससीएल के ड्रग वेयर हाउस से की गई थी। इस इंजेक्शन के लगने के बाद महिलाओं की हालत बिगड़ गई थी। अस्पताल प्रशासन ने इस इंजेक्शन को ड्रग विभाग को वापस भी कर दिया है।
दरअसल महिला अस्पताल के 100 शैया के एमसीएच विंग में सिजेरियन प्रसव के बाद महिलाओं को भर्ती किया जाता है।
गुरुवार की देर रात भर्ती महिलाओं को एंटीबायोटिक इंजेक्शन एमोक्सिसिलीन और जेंटामाइसिन लगाई गई। इंजेक्शन लगने के बाद 50 से अधिक महिलाओं की तबीयत बिगड़ने लगी। एक-एक करके महिलाओं को ठंड के साथ बुखार, आंखों में जलन, कपकपी, मिचली, उल्टी, खुजली होने लगी।
इस पर मरीजों के परिजनों ने नर्सों से सवाल किया तो वह डरवश भागकर खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। इन सबके बीच एक दो नर्सों से हाथापाई भी हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस और महिला अस्पताल के एसआईसी डॉ. जय कुमार ने तत्काल मरीजों को एंटी एलर्जी इंजेक्शन लगवाए। इसके बाद धीरे-धीरे उनकी हालत में सुधार होने लगा।
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