सादगी से मनी शायर आकिल जौनपुरी की पहली बरसी
जौनपुर। माइनॉरिटी वेलफेयर सोसाइटी ने मशहूर शायर आकिल जौनपुरी की पहली बरसी ख्वाजगी टोला में कारी जिया जौनपुरी की अध्यक्षता में सादगी से मनाई। संचालन शहजाद जौनपुरी ने किया। संस्थाध्यक्ष हफीज शाह ने कहा कि आकिल जी का असमय चले जाना सामाजिक व साहित्यिक दोनों क्षेत्र मे क्षती है जिसकी भरपाई मुमकिन नहीं है। नेयाज ताहिर एडवोकेट ने कहा कि आकिल की खिदमात मिल्ली और कौमी दोनों में हमेशा याद किये जायेंगे। इस मौके पर शायर असीम मछलीशहरी ने अपनी शायरी के जरिये खीराज-ए-अकिदत पेश करते हुए पढ़ा कि हमारे शहर का मंजर खरीद लोगे क्या। अमीर हो तो समंदर खरीद लोगे क्या।।
खुदा ने बख्शी है दौलत तो ये बताओ जरा।।। कलंदरों की भी चादर खरीद लोगे क्या।।।। इसी तरह अकरम जौनपुरी ने पढ़ा कि झसियासी लोग समंदर नहीं है दरिया है। कभी ये अपनी हदो से सिमट भी सकते हैं।। ये जानते हुए सच्चाईयों को लिखते हैं।।। हमारे हाथ किसी रोज कट भी सकते हैं।।।। मोनिश जौनपुरी ने पढ़ा कि तेरा वादा था साथ चलने का क्या सबब था रास्ता बदलने का। जो बुलंदी पर है, उन्हें हर पल डर लगता रहता है फिसलने का।। अध्यक्षता करते हुए कारी जिया जौनपुरी ने कहा कि आकिल जी से मेरा सम्बन्ध बहुत पुराना था। साकिब अहमद ने कहा कि आकिल जौनपुरी से हमारा वयक्तिगत सम्बन्ध था। उनका असमय चले जाना शायरी की दुनिया के साथ साथ मेरा निजी नुकसान है। इस मौके पर डा. अर्शी, मोहम्मद आसिम, मेराज अहमद, शाद, हुजैफा अंसारी, शोबी ताज, अकरम अंसारी बैग, सलाहुद्दीन आदि लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। अंत में एजाज अहमद ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।