महामारी के चलते मृतक आश्रितों के भविष्य पर लटकी तलवार | #TejasToday

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महामारी के चलते मृतक आश्रितों के भविष्य पर लटकी तलवार | #TejasToday

बीटीसी आवेदन को लेकर अभी तक कोई सूचना नहीं हुई जारी

कई अभ्यर्थियों के पास बचा है मात्र 2 साल का समय

पीएसईई की जगह इस बार जेईई करायेगी परीक्षा | #TejasToday

जौनपुर। कोविड-19 की महामारी का पूरी दुनिया पर असर रहा है। इसकी त्रासदी झेल रहे लोगों को सही स्थिति में आने में काफी समय लगेगा। इन सभी स्थितियों से बेसिक शिक्षा विभाग में मृतक आश्रित पद पर नौकरी पाने वालों के भविष्य पर खतरा मंडराने लगा है। कई अभ्यर्थी काफी दिनों से बीटीसी के आवेदन पत्र आने का इंतजार कर रहे हैं। सरकार की ओर से अभी तक इस दिशा में कोई सूचना जारी नहीं की गई है। सूचना मिलने की स्थिति में आवेदक परेशान है। सही सूचना के अभाव में अभ्यर्थी इधर उधर भटक रहे हैं। गौरतलब है कि पूर्व में बेसिक शिक्षा विभाग में स्नातक मृतक आश्रितों को अनट्रेंड टीचर के रूप में नौकरी दे दी जाती थी। बाद में उनको पत्राचार या अन्य माध्यमों से बीटीसी और दूसरे प्रकार के शिक्षक प्रशिक्षण लेने की अनुमति दे दी जाती थी। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उनको नियमित शिक्षक या क्लर्क के रूप में नियुक्त कर दिया जाता था। हालांकि कुछ समय बाद नियमों में बदलाव कर दिया गया और मृतक आश्रितों को चपरासी के पद पर नियुक्ति दी जा रही है। नए नियमों के मुताबिक ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट होने के बावजूद उनको चपरासी के पद पर ही नौकरी मिल रही है। मृतक आश्रित पद पर नियुक्ति का लाभ अभ्यर्थी को एक ही बार मिलता है। स्थिति मेंकी नौकरी कोटे के अंतर्गत नहीं मिल पाती है। दुखद बात यह है कि कुछ महिलाएं और लड़कियां भी ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट है, उनको भी मजबूरी में चपरासी के पद पर नौकरी करनी पड़ेगी। उत्तर प्रदेश में कई ऐसे मृतक आश्रित हैं जिनके पास सरकार द्वारा तय समय के अनुसार बीएड और बीटीसी का कोर्स पूरा होते ही उनका समय खत्म हो जाएगा। मृतक आश्रित को पद पर नियुक्ति देने के लिए 5 साल का समय देती है। के कारण वे समय पर बीटीसी नहीं कर पाए हैं। पेंशन या दूसरे अन्य आर्थिक संसाधन उपलब्ध होने के बाद अब वे बीएड और बीटीसी करने की स्थिति में है। महामारी के चलते अभी तक बीटीसी का आवेदन पत्र निकल नहीं पाया है। ऐसी स्थिति में कई अभ्यर्थी असमंजस की स्थिति में है और उनके भविष्य पर खतरा मंडराने लगा है। एक महिला अभ्यर्थी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मेरे पिता बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापक थे। उनकी मौत करीब 2 वर्ष पूर्व हो गई थी लेकिन मैं आर्थिक परिस्थितियों के चलते बीटीसी, बीएड नहीं कर पाई थी। अब पैसों का इंतजाम हुआ है तो मैं बीटीसी करना चाह रही हूं लेकिन अभी तक फार्म नहीं आया है। बीटीसी का फार्म तेरी से निकलेगा तो मेरे पास सिर्फ नियुक्ति पाने के लिए 2 साल का करीब समय बचेगा। ग्रेजुएट होने के बावजूद भी समय पर अगर रिजल्ट नहीं निकला तो मुझे चपरासी की नौकरी करनी पड़ेगी। सरकार से मेरी विनम्रपूर्वक मांग है कि मृतक आश्रितों की नियुक्ति की समय सीमा कोविड-19 की महामारी को ध्यान में रखते हुए बढ़ाना जानी चाहिए।

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सर्वाधिक पढ़ा जानें वाला जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जेल बंदियों को दी गयी विधिक जानकारी | #TejasToday जौनपुर। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार एवं जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एमपी सिंह के संरक्षण व कुशल निर्देशन एवं अनुमति से जिला प्राधिकरण के तत्वावधान में बन्दियों को विधिक जानकारी प्रदान करने हेतु मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला कारागार का निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस मौम के पर सिविल जज सीडि/प्रभारी सचिव मो. फिरोज ने बन्दियों के अधिकार एवं विशेष रूप से महिला बन्दियों के लिए नालसा द्वारा चलायी जा रही योजना के बारे में बताया। साथ ही नालसा की योजना के अनुरूप जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा गरीब, असहाय एवं निर्बल वर्ग के अक्षम व्यक्तियों को प्रदान करायी जा रही निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में बताया। उन्होंने बन्दियों को बताया कि उपरोक्त प्रकार के बन्दी जेल अधीक्षक अथवा जेल लीगल एड क्लीनिक के माध्यम से जिला प्राधिकरण को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि विधिक सहायता हेतु किसी बन्दी का प्रार्थना पत्र प्राप्त होने पर अविलम्ब सूचित करना सुनिश्चित करें। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु कोविड-19 के नियमों के पालन हेतु जागरूक किया गया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक, अन्य सहकर्मी, जेल पीएलवी एवं पुरूष व महिला बन्दीगण उपस्थित रहे।

कोरोना संक्रमण के चलते 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प | #TEJASTODAY मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील के अधिवक्ताओं ने बैठक कर कोरोना संक्रमण को मद्देनजर 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प रखने का निर्णय लिया है। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रेम बिहारी यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को साधारण सभा की बैठक बुलाई गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुये अधिवक्ता 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। इस मौके पर अधिवक्ताओं ने कहा कि तहसील में वादकारियों व अधिवक्ताओं की बढ़ती भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है जिसके कारण संक्रमण का बराबर खतरा बना हुआ है। ऐसी स्थिति में एहतियात के तौर पर यह निर्णय अति आवश्यक है। बैठक में महामंत्री अजय सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चंद्र सिन्हा, अशोक श्रीवास्तव, सुरेन्द्र मणि शुक्ला, जगदंबा प्रसाद मिश्र, नागेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव, विनय पाण्डेय, हरि नायक तिवारी, वीरेंद्र भाष्कर यादव, मनमोहन तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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