भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को सुनाकर भक्ति गणों को किया गया मंत्र—मुग्ध
तेजस टूडे ब्यूरो
रविन्द्र कुमार
उरई (जालौन)। सिद्धपीठ ठड़ेश्वरी मन्दिर उरई में नववर्ष के उपलक्ष्य में गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी 25 दिसम्बर से श्रीमद्भागवत कथा पुराण का मन्दिर में महन्त श्री श्री 1008 श्री सिद्ध रामदास महामण्डलेश्वर जी के सानिध्य में चल रहा है जिसका समापन कल 31 दिसम्बर को होगा। कथा ब्यास परम संत राघव दास जी महाराज गौरियापुर आश्रम अकबरपुर जनपद कानपुर देहात ने श्रीमद्भागवत कथा पुराण में भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं, ग्वाल वालों के साथ माखन चोरी की लीला का विस्तार से सुनाकर भक्तिगणों को भाव—विभोर कर दिया। इसी के साथ ब्यास जी ने कहा कि राजा इन्द्र ने नन्द बाबा के राज्य में गोवर्धन की पूजा को देख कर नाराज हो गया। बाबा नन्द के राज्य में खूब पानी बरसाया। तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली से उठा कर पूरे राज्य की जनता व गायों को उसके नीचे कड़ा कर पानी से बचा जिससे राजा इन्द्र का घमंड चूर हो गया। उसने भगवान् श्रीकृष्ण के सामने हाथ जोड़कर हार मान कर माफी मांगी। तभी से गोवर्धन को भगवान की तरह आज भी दीपावली के बाद घर घर पूजा होने की कथा सुनाकर मंत्र—मुग्ध कर दिया।
पारीक्षित ज्ञान सिंह व उनकी धर्मपत्नी मीरा देवी (दमा वाले) ने सभी भक्तगणों से अपील किया कि उपरोक्त कार्यक्रम में शामिल होकर अपने जीवन को धन्य बनाने के साथ भण्डारा का प्रसाद भी आकर गृहण करें।
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