एनटीपीसी के चिन्मया विद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी ने सफाई कर्मचारी को किया मजबूर
न्याय के लिये एसपी की चौखट पहुंची पीड़ित
शिकायत के बाद बिना नोटिस दिये आया को किया गया बर्खास्त
सचिन चौरसिया
ऊंचाहार, रायबरेली। शिक्षा के मंदिर में मौजूद जब प्रशासनिक अधिकारी अश्लीलता पर उतर आए तो विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों पर क्या असर पड़ेगा? जिस शिक्षा मंदिर में बच्चे शिक्षा प्राप्त कर अपने जीवन की नई उड़ान भरते है। उस शिक्षा के मंदिर पर सवाल खड़े होने लगे है। बताते चलें कि बीते दिनों एनटीपीसी के चिन्मया विद्यालय में आया के पद पर कार्य कर रही सफाई कर्मचारी पर यौन उत्पीडन का मामला प्रकाश में आया है।
बता दें कि विद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी द्वारा लगातार किए जा रहे यौन उत्पीड़न से परेशान होकर विद्यालय की दो महिला आया कर्मचारियों ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी से मुलाकात करके अपनी पीड़ा बताई। महिलाओं ने कहा है कि प्रशासनिक अधिकारी के कृत्य से वह परेशान और भयभीत होकर मंगलवार को पुलिस अधीक्षक से मिलने आई। चिन्मया स्कूल की दो महिला आया ने बताया कि स्कूल के प्रशासनिक अधिकारी उनसे यौन संबंध बनाने के लिए तरह-तरह से प्रताड़ित कर रहे हैं।
काम के दौरान उनसे अश्लील बातें की जाती हैं। यही नहीं, उनके नाजुक अंगों को स्पर्श भी किया जाता है। प्रशासनिक अधिकारी द्वारा यौन संबंध बनाने के लिए उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा है। इस मामले की शिकायत दोनों महिलाओं ने पूर्व में स्कूल के प्रधानाचार्य और एनटीपीसी प्रबंधन के अधिकारियों से भी की थी। मामले में कोई कार्यवाही न होने पर दोनों महिलाओं ने ऊंचाहार कोतवाली में भी तहरीर दिया था जिसके बाद से प्रशासनिक अधिकारी उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी दे रहा है।
पुलिस अधीक्षक से मिलकर दोनों महिलाओं ने अपनी पीड़ा को बताते हुए मामले में तत्काल कार्यवाही करने की मांग की है। महिलाओं का कहना है कि अधिकारियों के दबाव में उनके साथ न्याय नहीं हो रहा है। महिलाओं की शिकायत सुनने के बाद पुलिस अधीक्षक ने ऊंचाहार कोतवाली प्रभारी को प्रकरण में जांच और विधिक कार्यवाही का निर्देश दिये है।
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