नये वर्ष का कीजिये शुभ आगाज, ‘सनातन गर्व महाकुम्भ पर्व’ के साथ

नये वर्ष का कीजिये शुभ आगाज, ‘सनातन गर्व महाकुम्भ पर्व’ के साथ

अनन्त सुख-दुख भरी और खट्टी-मीठी यादों के साथ वर्ष 2024 हमसे विदा ले चुका है। इसी के साथ अनगिनत आशाओं, अपेक्षाओं और संकल्पों के साथ वर्ष 2025 की शुरुआत हो रही है। उत्तर प्रदेश देश की आत्मा और प्रभु श्रीराम और लीलाधारी भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली है। सदानीरा मां गंगा, मां यमुना तथा अदृश्य मां सरस्वती जी के पावन संगम पर बसा तीर्थराज प्रयागराज भी उत्तर प्रदेश का गौरव है। प्रयागराज में वर्ष 2025 में महाकुम्भ का दिव्य व भव्य आयोजन होने जा रहा है। इस दृष्टि से नव वर्ष 2025 भारत की सनातन संस्कृति के सबसे बड़े आयोजन का साक्षी बनने जा रहा है। कहा जाता है कि ‘गंगे तव दर्शनात मुक्ति’, अर्थात हे मां गंगा, तुम्हारे दर्शन मात्र से ही मुक्ति मिल जाती है। ऐसे में नए वर्ष में संगमतट पर 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ का विशिष्ट महत्व है।
कुम्भ का आयोजन भारत की सदियों पुरानी परम्परा है। देवासुर संग्राम के फलस्वरुप समुद्र मंथन से निकले अमृत को प्राप्त करने के लिए हुई छीना झपटी में जब अमृत की बूंदे देश के चार स्थानों पर गिरी जिसमें उत्तर प्रदेश का पावन तीर्थराज प्रयागराज भी है, वहीं से कुम्भ देश की आत्मा का पर्व बन गया। अनवरत आयोजित हो रहा कुम्भ आज महाकुम्भ के रूप में पुनः नए वर्ष 2025 में दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। उत्तर प्रदेश पूरी दुनिया को महाकुम्भ प्रयागराज 2025 के माध्यम से अपने देश की सनातन संस्कृति के वैभव से परिचित कराने के लिए तैयार है।
वर्ष 2025 का प्रथम सूर्योदय महाकुम्भ, प्रयागराज की धरती पर मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती की पावन धाराओं पर अपनी रोशनी बिखेरने तथा सूर्य की किरणें संगम तट की श्वेत रेती से परावर्तित होकर महाकुम्भ के दिव्य, भव्य व डिजिटल आयोजन से पूरे विश्व को आलोकित करने के लिए उत्सुक है। केन्द्र व राज्य सरकार महाकुम्भ के स्वच्छ, सुरक्षित व सुव्यवस्थित आयोजन तथा इसे डिजिटल स्वरूप प्रदान करने के लिए पूरी तरह तत्पर है।
कुम्भ का आयोजन भारत की अत्यंत प्राचीन परम्परा का सलिल प्रवाह है। वर्ष 2019 के प्रयागराज कुम्भ के बेहद सफल आयोजन से उत्तर प्रदेश ने अपनी संभावनाओं की नई दुनिया वैश्विक मंच पर प्रस्तुत की है, इसीलिए अब महाकुम्भ 2025 के आयोजन के दृष्टिगत प्रदेश से अपेक्षाएं और बढ़ गई हैं। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी जी के संवेदनशील नेतृत्व व सकारात्मक सोच से प्रयागराज महाकुम्भ को पुनः भव्य स्वरूप देने में कोई कमी बाकी नहीं रख रही है। इस बार प्रयागराज महाकुम्भ में 144 वर्षों के बाद बेहद पुनीत और पावन संयोग बना रहा है। करोड़ों श्रद्धालु, संत-महात्मा और पर्यटक आस्था, धर्म एवं आध्यात्मिकता की त्रिवेणी में डुबकी लगाकर अपना जीवन कृतार्थ करेंगे।
महाकुम्भ का आयोजन सफल हो, सुरक्षित हो, सभी के लिए अविस्मरणीय हो और जो भी यहां स्नान, ध्यान करने या पर्यटन के उद्देश्य से आए, वह अभिभूत होकर जाए, इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार के सभी विभागों सहित केन्द्र सरकार के विभिन्न विभाग भी अपनी तैयारियां युद्ध स्तर पर करते हुए उन्हें पूर्णता प्रदान कर रहे हैं। महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए प्रयागराज को सजा दिया गया है। फ्लाई ओवर, रेल ओवरब्रिज, रेल अंडरपास, सड़कों का चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण, आकर्षक वॉल पेंटिंग, विभिन्न चौराहों का सौंदर्यीकरण व उनमें देश की सनातन संस्कृति से सम्बन्धित प्रतिमाओं की स्थापना, अक्षय वट, बड़े हनुमान जी मंदिर, भारद्वाज ऋषि आश्रम, श्रृंग्वेरपुर एवं सरस्वती कूप कॉरिडोर का निर्माण व द्वादश माधव मंदिरों का विकास जैसे अनेक कार्यों के माध्यम से प्रयागराज के वैभव में वृद्धि हो रही है। यह कार्य उत्तर प्रदेश के धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्यटन को भी बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे। प्रयागराज में किये जा रहे सभी विकास कार्य 45 दिवसीय महाकुम्भ के आयोजन के बाद यहां के वासियों के ईज़ ऑफ लिविंग में सहायक होंगे। महाकुम्भ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं और आस्थावान नागरिकों को भी इनके माध्यम से नए प्रयागराज का अनुभव होने जा रहा है।
भारत वर्तमान में अपने सर्वश्रेष्ठ दौर में एक सशक्त व संवेदनशील नेतृत्व में प्रगति के नए आयाम रचता हुआ पूरे विश्व की आशाओं का केन्द्र बनकर उभरा है। इसी तरह भारत की हृदयस्थली उत्तर प्रदेश भी अपनी विरासत को सहेजता हुआ तीव्र गति से विकास के सोपान पर निरन्तर आगे बढ़ रहा है। भारत की विगत एक दशक की विकास यात्रा के प्रगति पुरुष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं। वहीं नए भारत के नए उत्तर प्रदेश के शिल्पकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं।
यदि विगत साढ़े 7 वर्षों में उत्तर प्रदेश की यात्रा को गौर से देखें तो यह यात्रा बहुत अद्भुत एवं अकल्पनीय लगती है। मुख्यमंत्री जी के डायनामिक नेतृत्व में प्रदेश विकास के सभी क्षेत्रों में नए मानक गढ़ रहा है। चाहे बात ओडीओपी के माध्यम से प्रदेश के परम्परागत हस्तशिल्प को बुलंदी पर पहुंचाने की हो या प्रदेश को एक्सप्रेस-वे प्रदेश के रूप में देश तथा दुनिया में नई पहचान दिलाने की हो, चाहे बात अपनी आध्यात्मिक, सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए श्री काशी विश्वनाथ धाम, नैमिषारण्य व अयोध्या आदि के विकास की हो या प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए ‘एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज’ जैसी महत्वाकांक्षी योजना एवं सर्वाधिक क्रियाशील एयरपोर्ट्स की हो, उत्तर प्रदेश की विगत वर्षों की विकास यात्रा बेहद गौरवान्वित व अचंभित करती है।
नये वर्ष में प्रयागराज में महाकुम्भनगर देश व दुनिया का स्वागत करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मुख्यमंत्री जी के विजनरी नेतृत्व, दूरदर्शिता, भारत की श्रेष्ठ परम्पराओं को प्रतिष्ठित करने की भावना तथा उत्तर प्रदेश को विश्व संस्कृति का केन्द्र बनाने के लिए किये जा रहे प्रयासों से प्रयागराज महाकुम्भ 2025 एक बार फिर से विश्व को नई दिशा दिखाने के लिए तत्पर है। आप भी महाकुम्भ में आइये, आस्था की त्रिवेणी में डुबकी लगाइए, धर्म-अध्यात्म के वातावरण में खो जाइए। स्वयं की खोज का सर्वश्रेष्ठ माध्यम प्रयागराज संगम तट है। आप भी महाकुम्भ के विराट आयोजन का हिस्सा बनिए। महसूस कीजिए भारत की अनेकता में एकता की भावना को वसुदेव कुटुम्बकम की संस्कृति को तथा देखिए ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार होते हुए। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रयागराज महाकुम्भ में आपका स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है। प्रयागराजवासी भी आपका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
प्रदीप गुप्ता
फीचर लेखक मुख्यमंत्री सूचना परिसर,
लोक भवन, लखनऊ।

 

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