सिद्धि ने आदिवासी बच्चों को साक्षर बनाने का लिया संकल्प

सिद्धि ने आदिवासी बच्चों को साक्षर बनाने का लिया संकल्प

तेजस टूडे ब्यूरो
मुकेश तिवारी
झाँसी। विज्ञान कहता है कि बच्चों में उसके माता-पिता के कुछ गुण अवश्य आते हैं लेकिन बढ़ती उम्र के साथ बच्चों पर यह निर्भर करता है कि वह अपने माता-पिता के सदगुण ऑन का चयन करते हैं या दुर्गुणों का काफी हद तक यह परिवार के संस्कारों पर भी निर्भर करता है। समाजसेवी डॉक्टर संदीप सरावगी अपनी संस्था संघर्ष सेवा समिति के माध्यम से विगत कई वर्षों से समाजसेवा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। निश्चित रूप से इसका प्रभाव उनके बच्चों पर भी पड़ा और उनकी सुपुत्री सिद्धि ने आदिवासी बच्चों को साक्षर बनाने का बीड़ा उठाया। मां शबरी सहरिया आदिवासी समिति के अंतर्गत सिद्धि सरावगी डेली ग्राम में रहने वाले आदिवासी बच्चों को साक्षर बना रही हैं। वह हफ्ते में दो दिन इन बच्चों को अपना समय देती हैं और उन्हें लिखना पढ़ना भी सिखा रही हैं साथ ही उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए रहन-सहन के तौर तरीके भी सिखा रही हैं। बच्चों की शिक्षा में रुचि बढ़े इसके लिए वे आदिवासी बच्चों को खाद्यान्न सामग्री भी वितरित करती हैं, डेली ग्राम के आदिवासी बच्चे टीचर दीदी कह कर पुकारते हैं। सिद्धि की रुचि को देखते हुए उनके पिता डॉ. संदीप भी उनका भरपूर सहयोग करते हैं और उन्हें बच्चों की लिखा पड़ी से संबंधित हर सामान उपलब्ध कराते हैं। डॉ. संदीप का कहना है कि बच्चों को किशोर अवस्था से ही समाज के प्रति जिम्मेदार बनाना चाहिए जिससे वह समाज को धरातल स्थिति से देखते हुए युवा अवस्था तक एक परिपक्व स्थिति में आ जाते हैं और हर समस्या का सामना करने योग्य बन जाते हैं। यह जरूरी नहीं कि आप धन खर्च करके ही लोगों की सेवा करें अपितु गरीब बच्चों को शिक्षित कर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़कर समाज के समक्ष एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं।

आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचारहमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।

 JAUNPUR NEWS: Hindu Jagran Manch serious about love jihad

Job: Correspondents are needed at these places of Jaunpur

600 बीमारी का एक ही दवा RENATUS NOVA

Read More

Recent