स्ट्रेचर पर स्वास्थ्य व्यवस्था, पति को पीठ पर लादकर ले गयी पत्नी
दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने सीएमओ कार्यालय आयी थी महिला, असुविधा से हुई लाचार
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही मचा हड़कम्प, डिप्टी सीएम ने तीन दिन में मांगी आख्या
तेजस टूडे सं.
अनुभव शुक्ला
रायबरेली। अखबार में छपी तस्वीर को जरा गौर से देखिए। सढे सिस्टम से लाचार यह महिला अपने विकलांग पति को पीठ पर लादकर ढोने पर विवश हो गई। जिले के सीएमओ ऑफिस से ये वीडियो सामने आया जो व्यवस्था की पोल खोलकर रख दे रहा है जहां एक महिला अपने दिव्यांग पति का विकलांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिये उसे पीठ पर लादकर इधर उधर भटकती दिख रही है। महिला अपने पति का दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिये सीएमओ ऑफिस आई थी। कैमरे में कैद यह पूरा नजारा सोमवार की दोपहर का है।
विदित हो कि सोमवार को सीएमओ ऑफिस में दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने का साप्ताहिक दिन निर्धारित किया गया है। पहली बार सीएमओ ऑफिस आई महिला को जानकारी नहीं थी कि उसे पति का दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिये इतनी मुश्किलें झेलनी पड़ेगी। ऑफिस में मेडिकल के लिये उसे इधर से उधर टहलाया गया जिसमें उसे मजबूरन पति को पीठ पर लादकर इधर से उधर भटकना पड़ा। यहाँ व्हील चेयर की व्यवस्था नहीं थी। यदि होती तो उसे इस प्रकार से परेशान न होना पड़ता।
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व्हील चेयर की कोई व्यवस्था न होने से हुई मजबूर, पति का दिव्यांग प्रमाण पत्र जल्दी बन जाय: रिंकी
इस बाबत जिले के थाना हरचंदपुर क्षेत्र स्थित देदौर गांव की रहने वाली रिंकी ने बताया कि वह सोमवार को पति का दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सीएमओ कार्यालय आई हुई थी। व्हील चेयर की कोई व्यवस्था न होने के कारण उसे मजबूरी में पति को पीठ पर लादकर करके इधर से उधर जाना पड़ा। वह चाहती हैं कि सीएमओ ऑफिस में उसके पति का दिव्यांग प्रमाण पत्र बन जाये और यहाँ जो भी अव्यवस्था है, उसमें सुधार किया जाय, ताकि यहाँ दिव्यांग को सुविधा मिल सके।
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मण्डलीय अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य से 3 दिन के भीतर मांगी गयी आख्या: डिप्टी सीएम
वहीं इस वायरल वीडियो को संज्ञान में लेकर सूबे के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने एक्श हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय रायबरेली में एक महिला द्वारा अपने दिव्यांग पति को पीठ पर ले जाते हुए वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए मेरे द्वारा इस प्रकरण में 3 दिन के अंदर मण्डलीय अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण लखनऊ मंडल से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
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