शिव वंदना

शिव वंदना

जय हो देवों के देव,
प्रणाम तुम्हे है महादेव।
हाथ में डमरू, कंठ भुजंगा,
प्रणाम तुम्हे शिव पार्वती संग।।
बोलो जय जय देवाधिदेव,
प्रणाम तुम्हें है महादेव ।।
हे कैलासी, हे सन्यासी,
शिव को सबसे प्यारी काशी।
हे नीलकंठ!, हे महादेव !
रक्षा। कर मेरी देवाधिदेव।।
शिव का अर्थ है मंगलकारी,
शिव पूजन है सब दुखहारी।।
हे जटाधारी! शिव, दुष्टों का
ना देर करो, संहार करो ,
प्रसन्न होकर मम भक्ति से
मेरा जल्दी उद्धार करो।।
बोलो जय जय देवाधिदेव ,
प्रणाम तुम्हें है महादेव।।
नंदी, भृंगी, टुंडी, श्रृंगी, संग,
नन्दिकेश्वर, भूतनाथ शिवगण
भांग, धतूरा, पंचामृत संग,
शिव को पूजे सब भक्तगण।।
बोलो जय जय देवाधिदेव ,
प्रणाम तुम्हे है महादेव ।।
सोमनाथ संग बारह धाम,
शिव पूजन से बनते काम।
आओ भक्तों करें प्रणाम,
शिव भक्ति से बनेंगे काम।।
बोलो जय जय देवाधिदेव।
प्रणाम तुम्हे है महादेव ।।
हे भोले नाथ!, हे शिव शंकर!,
शक्ति संग कहलाते अर्धनारीश्वर!
हे अमृतेश्वर!, हे महाकालेश्वर,
दुःख हरो हमारी सब परमेश्वर।।
बोलो जय जय देवाधिदेव ,
प्रणाम तुम्हे है महादेव।।

अंकुर सिंह
चंदवक, जौनपुर,
उत्तर प्रदेश

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