जिम्मेदारों की लापरवाही से कटी शारदा नहर, सैकड़ों बीघा फसल डूबी, मचा हाहाकार
रोहनिया ब्लॉक के कई गांवों में जलभराव से मची तबाही, 10 मीटर कटी थी पटरी
नहर के किनारे रिसाव की ग्रामीणों ने पहले ही अधिकारियों को दी थी सूचना
अनुभव शुक्ला
ऊंचाहार, रायबरेली। जिम्मेदार अधिकारियों की तानाशाही व लचर कार्यशैली ने सैकड़ों किसानों को संकट में डाल दिया है। शारदा सहायक नहर की पटरी कट जाने से रोहनिया विकासखंड के कई गांवों में पानी ने भारी तबाही मचाई है। आस—पास के क्षेत्र के सैकड़ों बीघे फसल पानी से डूब गई है। शुक्रवार की सुबह तहसील प्रशासन ने जेसीबी की मदद से नहर के कटान को रोका है। बताते चलें कि रोहनिया विकास क्षेत्र के शारदा सहायक नहर में महावीर का पुरवा गांव के पास कई दिनों से नहर की पटरी से पानी का रिसाव हो रहा था।
इस बारे में ग्रामीणों ने नहर विभाग के अधिकारियों को सूचना भी दी थी लेकिन जिम्मेदारों द्वारा इसे ठीक नहीं कराया गया। परिणामस्वरूप गुरुवार की रात शारदा सहायक नहर की पटरी कट गई। शुक्रवार की सुबह जब ग्रामीण सो कर उठे तो चारों तरफ खेतों में पानी ही पानी नजर आ रहा था। पानी का प्रवाह गांव की ओर बढ़ रहा था। इसे देखकर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। ग्रामीण भागकर नहर की पटरी पर पहुंचे तो करीब 10 मीटर चौड़ाई में नहर की पटरी कट चुकी थी। ग्रामीणों ने तत्काल मामले की सूचना प्रशासन को दी। इस सूचना पर ऊंचाहार तहसीलदार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
उन्होंने तत्काल जेसीबी मशीन का प्रबंध किया और मशीन द्वारा खोदाई करके नहर के कटान को रोका गया लेकिन तब तक सैकड़ों बीघे खेतों में गेहूं की फसल पानी में डूब चुकी थी। शारदा सहायक नहर के दूसरी तरफ एनटीपीसी का ऐश पांड है जिसके कारण इस क्षेत्र में सीपेज की समस्या बनी रहती है। अब खेतों में पानी भर जाने के कारण कई महीने तक यहां जलभराव की समस्या बनी रहेगी जिससे किसान खेत में फसल नहीं ले पाएंगे।
रोहनिया ब्लॉक के गंगेहरा व पूरे महावीर में इन किसानों के सिर पर मंडराये संकट के बादल
ऊंचाहार तहसील क्षेत्र स्थित रोहनिया ब्लॉक में शारदा सहायक नहर की पटरी कट जाने से क्षेत्र के गांव महावीर का पुरवा और गंगेहरा गुलालगंज के किसानों की फसल पानी में डूब गई है। इसमें गांव के कमलेश कुमार, राम प्रसाद, फूल कली, सुंदर यादव, राम सुमेर, बब्बन, सलाउद्दीन, रामविलास, सुरेंद्र चौरसिया, मोहम्मद हलीम, उमाशंकर त्रिवेदी, कुसमा देवी, राजेंद्र कुमार, दीपक कुमार, राम अवध, सुमन, किशोरी लाल, अमृत लाल, पप्पू, धनदेई शिवचरण, रामकिशोर, बुधराम, सोमनाथ, पितई, कमलेश, सुरेंद्र, रमजान सहित कई दर्जन किसानों की फसल पानी में डूब कर नष्ट हो गई है।
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