रजा मुराद बने बिहार के डीजीपी अब अधिकारियों और अपराधियों की खैर नहीं
रजा मुराद बने बिहार के डीजीपी अब अधिकारियों और अपराधियों की खैर नहीं
बॉलीवुड अभिनेता रजा मुराद टीवी वेब सीरीज सुपर गोनू में सचिन साहू के साथ आएंगे नजर
बिहार के नए डीजीपी अब रजा मुराद होंगे, अब उन्हें बिहार में लॉ एंड आर्डर का कमान दिया गयाण् कहा जा रहा है कि उनके आने के बाद कामचोरी करने वाले अधिकारियों और अपरधियों की खैर नहीं ये खबर शत प्रतिशत सही है, लेकिन मामला थोड़ा फ़िल्मी है, क्योंकि रजा मुराद, मिथिलांचल परिवेश की करीब पांच सौ साल पुरानी कहानी और मिथिला के जन जीवन में रच बस गए गोनू झा से प्रेरित कहानी सुपर गोनू में नजर आने वाले हैं, जिसे टीवी सीरिज की श्रृंखला निर्माता अभिनेता सचिन कुमार साहू लेकर आ रहे हैं। अब तक इस सीरिज के 5 से अधिक एपिसोड की शूटिंग हो चुकी और इसका प्रसारण जल्द ही एक नामी टीवी चैनल पर होने वाला है।
रजा मुराद इसमें निर्माता अभिनेता सचिन कुमार साहू के साथ नजर आयेंगे, जिसको लेकर वे उत्साहित हैं और कहते हैं कि मेरा किरदार इसमें अतरंगी सा है, यह एक बेहतरीन प्रोजेक्ट है, मेरा किरदार बिहार के डीजीपी का है, बहुत मजा आ रहा है, इसमें मनोरंजन भी है और सन्देश भी है, बुरे काम का बुरा नतीजा होता है, उन्होंने कहा कि इस सीरिज में मेरा किरदार बहुत स्ट्रिक्ट है, मैं केस सोल्व करने के लिए इसमें सुपर गोनू को बुलाता हूँ। आपको बता दें कि इसका निर्माण यूनिक प्रोडक्शन हाउस कर रही है सीरीज सुपर गोनू हिंदी में बनायीं जा रही है, आपको बता दें कि गोनू झा खुद सचिन कुमार साहू प्ले कर रहे हैंण् इसके अलावा आदित्य मोहनए रींकु भारती, आर के गोस्वामी, दिनेश सोलंकी भी नजर आयेंगे।
अब रजा मुराद की भी एंट्री हो गयी हैं, सीरिज के निर्देशक ओम प्रकाश जायसवाल हैं, रवि शिंदे ने इसके लिए गाना गए हैं, जो किशोर कुमार की तरह गाते हैं, संगीतकार कुमार सक्सेना हैं, जो महेश भट्ट की फिल्मों में बैकग्राउंड म्यूजिक दिया करते थे क्रियेटिव निर्देशक सुशील योगी हैं और प्रचारक संजय भूषन पटियाला है।
निर्देशक ओम प्रकाश जायसवाल ने बताया की इस धारावाहिक के निर्माण का मुख्य उद्देश्य विलक्षण मेधावी गोनू झा के किरदार को मिथिला के संस्कृति व जनजीवन से निकाल कर आज के परवेश के आधुनिक समाज को गोनू झा के व्यक्तिव व कृतित्व से परिचय कराना है। गोनू झा के जीवनकाल की घटनाओं के साथ ही विभिन्न कालखंडों में उनके क़िस्सों में नए क़िस्से भी जुड़ते चले गए, जिसके कारण पांच शताब्दियों के बाद इन किस्सों में ताजगी है।