शक्तियां नारियां
नारियां शक्तियां हैं शक्तियां नारियां
हैं परम ब्रह्म की मधुमयी शक्तियां।
शक्तियां हैं नारियां, नारियां हैं शक्तियां
हैं परम ब्रह्म की मधुमयी शक्तियां
खुद जगें और सबको जगाती चलें,
तम मिटाती चलें पथ बनाती चलें
रोशनी की हों ज्यों वे लिखी पंक्तियां
नारियां शक्तियां हैं, हैं शक्तियां नारियां
हैं परम ब्रह्म की मधुमयी शक्तियां।
हैं पहुंचने लगीं अब तो आकाश तक,
जीतती हैं हृदय और विश्वास तक
हैं चेतना की वे सुंदर सजग लहरियां
हैं परम ब्रह्म की मधुमयी शक्तियां
आइए हम सभी साथ मिलकर चलें
जीतलें हम हृदय हम जिधर भी बढ़ें
हम सृजनशील हों हम लिखें और पढ़ें
हम विधाता की हैं दिव्य सी दृष्टियां
नाम रोशन करें हम मधुमयी शक्तियां
हैं नारियां शक्तियां, शक्तियां हैं नारियां
हैं परम ब्रह्म की मधुमयी शक्तियां
हर अंधेरा मिटे और सवेरा बढ़े
रात गहरी न हो दिन सदा ही चढ़े
हाथ में खड्ग लें देवी दुर्गा बने
हो जरुरत जहां चंडिका बन लड़ें
सृष्टि की मूल ये ब्रह्म की शक्तियां
हैं नारियां शक्तियां शक्तियां हैं नारियां
हैं परम ब्रह्म की मधुमयी शक्तियां
डा. मधु पाठक
राजा श्रीकृष्ण दत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय जौनपुर।