Advertisement

बिजली विभाग की हड़ताल, ऊर्जा मंत्री समेत 36 मंत्रियों के घर की बिजली गुल | #TEJASTODAY

बिजली विभाग की हड़ताल, ऊर्जा मंत्री समेत 36 मंत्रियों के घर की बिजली गुल | #TEJASTODAY

बिजली विभाग की हड़ताल, ऊर्जा मंत्री समेत 36 मंत्रियों के घर की बिजली गुल | #TEJASTODAY पूर्वांचल विद्युत निगम के निजीकरण का विरोध दूसरे दिन भी जारी लखनऊ। निजीकरण के विरोध में करीब 15 लाख बिजली कर्मियों की अनिश्चित कालीन हड़ताल ने योगी सरकार को हिला कर रख दिया है। इन कर्मचारियों में जूनियर इंजीनियर, उप-विभागीय अधिकारी, कार्यकारी इंजीनियर और अधीक्षण अभियंता शामिल हैं। बिजली कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के फैसले को वापस नहीं लिया तो बिजली कर्मी अपना आंदोलन और तेज करेंगे। बिजली कर्मी जेल जाने या अन्य किसी सरकारी दमन का डटकर मुकाबला करने को तैयार हैं। उधर, हड़ताल के चलते प्रदेश बुरी तरह से बिजली संकट से त्राहिमाम करने लगा है, लेकिन हड़ताली बिजली कर्मी इंच भर पीछे हटने को तैयार नहीं है। उत्तर प्रदेश को दिन-रात ‘रोशन’ रखने वाले बिजलीकर्मियों को यह समझ में नहीं आ रहा है क्यों योगी सरकार निजीकरण की आड़ में उनके जीवन में ‘अंधेरा’ भरने पर उतारू है। इसी लिए जब बिजली कर्मियों को लगा कि निजीकरण के चलते उनका जीवन अंधकारमय हो सकता है तो पहले सरकार से बातचीत की,लेकिन जब बात नहीं बनी तो बिजली कर्मियों ने हड़ताल पर जाकर पूरे प्रदेश को अंधेरे में ढकेल दिया है। बिजली कर्मियों की हड़ताल शुरू हुए दो दिन भी नहीं हुए थे और राज्य का बड़ा हिस्सा बिजली संकट से घिर गया है। शहर से लेकर गांव-देहात के लाखों घरों में अंधेरा पसर गया है। बिजली नहीं आने के चलते कई जगह पानी का संकट भी देखा जा रहा है। चाहें प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र वाराणसी हो या सीएम का गोरखपुर करीब-करीब सभी जिले बिजली संकट से बेहाल हैं। कल यानी पांच अक्टूबर से हड़ताल पर गए बिजली कर्मियों ने क्या आम? क्या खास? सबको रूला कर रख दिया है। हड़ताल के पहले ही दिन योगी सरकार के उप-मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री समेत कुल करीब तीन दर्जन मंत्रियों के घर भी अंधेरे में डूब गए। बेहद मुश्किल से इनके घरों की बिजली बहाल की जा सकी। हड़ताल के मद्दे नजर सरकार ने जो वैकल्पिक व्यवस्था की बात कही थी,वह कहीं खरी नहीं दिखी। आज भी बिजलीकर्मियों की हड़ताल जारी रही। ऊर्जा प्रबंधन और जिला प्रशासन ने बिजली सप्लाई बहाल रखने के लिए पुलिस के पहरे के साथ कई वैकल्पिक इंतजाम किए, लेकिन फॉल्ट के आगे सभी फेल हो गए। इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्मचारी किसी भी समय अनिश्चितकालीन हड़ताल और जेल भरो आंदोलन शुरू कर सकते हैं। बात बिजली कर्मियों की हड़ताल के चलते प्रभावित जिलो की कि जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बिजली कर्मचारियों के हड़ताल के पहले दिन ही प्रशासन के सारे दावे फेल हो गए। एक ओर बिजली कर्मचारी जहां पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठे रहे, वहीं दूसरी तरफ शहर से लेकर गांव तक बिजली कटौती से हाहाकार मचा रहा। शहर के कई इलाकों में सोमवार को आठ घण्टे तक बिजली गुल रही। दूसरी तरफ ग्रामीण इलाकों में भी 14 घण्टे तक की कटौती हुई। निजीकरण के खिलाफ अभी भी बिजली कर्मचारी हड़ताल पर हैं। वहीं प्रयागराज में बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में जारी बिजली कर्मियों की हड़ताल के चलते करेली, अटाला, मम्फोर्डगंज, तेलियरगंज, धूमनगंज, खुल्दाबाद इलाकों में बिजली नहीं आई। लोग जब बिजली आने के इंतजार में थक गए तो सड़कों पर उतर आए और चक्का जाम कर दिया। खुल्दाबाद इलाके के लोगों ने खुल्दाबाद पॉवर हाउस पर जाकर प्रदर्शन किया और जमकर नारे लगाए। सहारनपुर में भी प्रदेश सरकार द्वारा पॉवर कारपोरेशन का निजीकरण किए जाने के विरोध में बिजली कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चे द्वारा घंटाघर बिजली घर पर धरना-प्रदर्शन किया गया। कर्मचारियों का कहना था कि निजीकरण के विरोध में आंदोलन जारी रहेगा। वहीं विद्युतकर्मियों की हड़ताल के मद्देनजर जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। संविदाकर्मी और सहायकों की मदद से विद्युत आपूर्ति की जा रही है। रायबरेली जिले में पूर्वांचल विद्युत वितरण के निजीकरण का विरोध जारी है। गोरा बाजार के विद्युत उपकेंद्र में बिजलीकर्मियों का निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन हुआ। प्रदेशव्यापी कार्य बहिष्कार में जेई, लाइनमैन समेत सैकड़ों विद्युत कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया। कानपुर में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में केस्को कर्मचारी और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के कर्मचारी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं। बिजली विभाग के सभी संगठन एकजुट होकर कार्य बहिष्कार में शामिल हुए हैं। पूरे प्रदेश नोयडा, गाजियाबाद, हरदोई, बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ, आगरा, अलीगढ़, इटावा,मैनपुरी, एटा, झांसी, बंुदेलखंड आदि जिलों से भी बिजली व्यवधान की खबरें आ रही हैं। हड़ताल पर गए बिजली कर्मचारी संगठनों के आंदोलनकारियों का आरोप है कि 5 अप्रैल को 2018 को राज्य सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बीच एक समझौता हुआ था। तब सरकार ने कहा था कि विद्युत वितरण कंपनियों का निजीकरण नहीं किया जाएगा, लेकिन वह दो साल बाद अपने दावे से मुकर गई और ‘पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम’ का निजीकरण करने की दिशा में आगे बढ़ गई है। समिति का कहना है कि निजीकरण और फ्रैंचाइजी का मॉडल ग्रेटर नोएडा और आगरा में फेल हो चुका है, फिर योगी सरकार एक नाकाम मॉडल पर बार-बार प्रयोग क्यों कर रही है। उधर, सरकार का तर्क है कि पूरे देश की विद्युत वितरण कंपनियों में से सबसे अधिक घाटे में उत्तर प्रदेश की बिजली कम्पनियां चल रही हैं। यहां लाइन लाॅस भी अन्य राज्यों से काफी अधिक है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक मार्च 2020 तक यूपी की पांच डिस्कॉम कंपनियों को 819 करोड़ का घाटा हुआ था। राज्य में कुल पांच बिजली कंपनियां हैं जिनमें से मेरठ स्थित पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम और कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी फायदे में हैं जबकि दक्षिणांचल, मध्यमांचल और पूर्वांचल को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उर्जा मंत्रालय के अनुसार सबसे ज्यादा 1550 करोड़ का नुकसान पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को उठाना पड़ रहा है। इसी लिए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का फैसला सरकार ने लिया है। योगी सरकार का तर्क है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लगातार घाटे में चल रही है और इस नुकसान से सिर्फ निजीकरण करके ही आजादी पाई जा सकती है। गौरतलब हो, योगी सरकार ने राज्य में बिजली महंगी भी की लेकिन इसके बावजूद बिजली कम्पनियों का घाटा कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

पूर्वांचल विद्युत निगम के निजीकरण का विरोध दूसरे दिन भी जारी

लखनऊ। निजीकरण के विरोध में करीब 15 लाख बिजली कर्मियों की अनिश्चित कालीन हड़ताल ने योगी सरकार को हिला कर रख दिया है। इन कर्मचारियों में जूनियर इंजीनियर, उप-विभागीय अधिकारी, कार्यकारी इंजीनियर और अधीक्षण अभियंता शामिल हैं। बिजली कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के फैसले को वापस नहीं लिया तो बिजली कर्मी अपना आंदोलन और तेज करेंगे। बिजली कर्मी जेल जाने या अन्य किसी सरकारी दमन का डटकर मुकाबला करने को तैयार हैं। उधर, हड़ताल के चलते प्रदेश बुरी तरह से बिजली संकट से त्राहिमाम करने लगा है, लेकिन हड़ताली बिजली कर्मी इंच भर पीछे हटने को तैयार नहीं है।

उत्तर प्रदेश को दिन-रात ‘रोशन’ रखने वाले बिजलीकर्मियों को यह समझ में नहीं आ रहा है क्यों योगी सरकार निजीकरण की आड़ में उनके जीवन में ‘अंधेरा’ भरने पर उतारू है। इसी लिए जब बिजली कर्मियों को लगा कि निजीकरण के चलते उनका जीवन अंधकारमय हो सकता है तो पहले सरकार से बातचीत की,लेकिन जब बात नहीं बनी तो बिजली कर्मियों ने हड़ताल पर जाकर पूरे प्रदेश को अंधेरे में ढकेल दिया है। बिजली कर्मियों की हड़ताल शुरू हुए दो दिन भी नहीं हुए थे और राज्य का बड़ा हिस्सा बिजली संकट से घिर गया है। शहर से लेकर गांव-देहात के लाखों घरों में अंधेरा पसर गया है। बिजली नहीं आने के चलते कई जगह पानी का संकट भी देखा जा रहा है।

चाहें प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र वाराणसी हो या सीएम का गोरखपुर करीब-करीब सभी जिले बिजली संकट से बेहाल हैं। कल यानी पांच अक्टूबर से हड़ताल पर गए बिजली कर्मियों ने क्या आम? क्या खास? सबको रूला कर रख दिया है। हड़ताल के पहले ही दिन योगी सरकार के उप-मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री समेत कुल करीब तीन दर्जन मंत्रियों के घर भी अंधेरे में डूब गए। बेहद मुश्किल से इनके घरों की बिजली बहाल की जा सकी। हड़ताल के मद्दे नजर सरकार ने जो वैकल्पिक व्यवस्था की बात कही थी,वह कहीं खरी नहीं दिखी। आज भी बिजलीकर्मियों की हड़ताल जारी रही। ऊर्जा प्रबंधन और जिला प्रशासन ने बिजली सप्लाई बहाल रखने के लिए पुलिस के पहरे के साथ कई वैकल्पिक इंतजाम किए, लेकिन फॉल्ट के आगे सभी फेल हो गए। इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्मचारी किसी भी समय अनिश्चितकालीन हड़ताल और जेल भरो आंदोलन शुरू कर सकते हैं।

बात बिजली कर्मियों की हड़ताल के चलते प्रभावित जिलो की कि जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बिजली कर्मचारियों के हड़ताल के पहले दिन ही प्रशासन के सारे दावे फेल हो गए। एक ओर बिजली कर्मचारी जहां पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठे रहे, वहीं दूसरी तरफ शहर से लेकर गांव तक बिजली कटौती से हाहाकार मचा रहा। शहर के कई इलाकों में सोमवार को आठ घण्टे तक बिजली गुल रही। दूसरी तरफ ग्रामीण इलाकों में भी 14 घण्टे तक की कटौती हुई। निजीकरण के खिलाफ अभी भी बिजली कर्मचारी हड़ताल पर हैं।

वहीं प्रयागराज में बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में जारी बिजली कर्मियों की हड़ताल के चलते करेली, अटाला, मम्फोर्डगंज, तेलियरगंज, धूमनगंज, खुल्दाबाद इलाकों में बिजली नहीं आई। लोग जब बिजली आने के इंतजार में थक गए तो सड़कों पर उतर आए और चक्का जाम कर दिया। खुल्दाबाद इलाके के लोगों ने खुल्दाबाद पॉवर हाउस पर जाकर प्रदर्शन किया और जमकर नारे लगाए। सहारनपुर में भी प्रदेश सरकार द्वारा पॉवर कारपोरेशन का निजीकरण किए जाने के विरोध में बिजली कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चे द्वारा घंटाघर बिजली घर पर धरना-प्रदर्शन किया गया। कर्मचारियों का कहना था कि निजीकरण के विरोध में आंदोलन जारी रहेगा। वहीं विद्युतकर्मियों की हड़ताल के मद्देनजर जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। संविदाकर्मी और सहायकों की मदद से विद्युत आपूर्ति की जा रही है।

रायबरेली जिले में पूर्वांचल विद्युत वितरण के निजीकरण का विरोध जारी है। गोरा बाजार के विद्युत उपकेंद्र में बिजलीकर्मियों का निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन हुआ। प्रदेशव्यापी कार्य बहिष्कार में जेई, लाइनमैन समेत सैकड़ों विद्युत कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया। कानपुर में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में केस्को कर्मचारी और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के कर्मचारी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं। बिजली विभाग के सभी संगठन एकजुट होकर कार्य बहिष्कार में शामिल हुए हैं। पूरे प्रदेश नोयडा, गाजियाबाद, हरदोई, बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ, आगरा, अलीगढ़, इटावा,मैनपुरी, एटा, झांसी, बंुदेलखंड आदि जिलों से भी बिजली व्यवधान की खबरें आ रही हैं।

हड़ताल पर गए बिजली कर्मचारी संगठनों के आंदोलनकारियों का आरोप है कि 5 अप्रैल को 2018 को राज्य सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बीच एक समझौता हुआ था। तब सरकार ने कहा था कि विद्युत वितरण कंपनियों का निजीकरण नहीं किया जाएगा, लेकिन वह दो साल बाद अपने दावे से मुकर गई और ‘पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम’ का निजीकरण करने की दिशा में आगे बढ़ गई है। समिति का कहना है कि निजीकरण और फ्रैंचाइजी का मॉडल ग्रेटर नोएडा और आगरा में फेल हो चुका है, फिर योगी सरकार एक नाकाम मॉडल पर बार-बार प्रयोग क्यों कर रही है।

उधर, सरकार का तर्क है कि पूरे देश की विद्युत वितरण कंपनियों में से सबसे अधिक घाटे में उत्तर प्रदेश की बिजली कम्पनियां चल रही हैं। यहां लाइन लाॅस भी अन्य राज्यों से काफी अधिक है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक मार्च 2020 तक यूपी की पांच डिस्कॉम कंपनियों को 819 करोड़ का घाटा हुआ था। राज्य में कुल पांच बिजली कंपनियां हैं जिनमें से मेरठ स्थित पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम और कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी फायदे में हैं जबकि दक्षिणांचल, मध्यमांचल और पूर्वांचल को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

उर्जा मंत्रालय के अनुसार सबसे ज्यादा 1550 करोड़ का नुकसान पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को उठाना पड़ रहा है। इसी लिए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का फैसला सरकार ने लिया है। योगी सरकार का तर्क है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लगातार घाटे में चल रही है और इस नुकसान से सिर्फ निजीकरण करके ही आजादी पाई जा सकती है। गौरतलब हो, योगी सरकार ने राज्य में बिजली महंगी भी की लेकिन इसके बावजूद बिजली कम्पनियों का घाटा कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

 

ब्रेकिंग खबरों से अपडेट रहने के लिए आज ही प्ले स्टोर या इस लिंक पर क्लिक कर tejastoday.com Apps इंस्टॉल करें
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.tejastoday.news

ब्रेकिंग बरों से अपडेट के लिए इस फोटो पर​ क्लिक कर हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें

https://www.facebook.com/tejastodaynews

दाह संस्कार को गई शव को पुलिस ने लिया कब्जे में | #TEJASTODAY पत्नी सहित ससुराली जनों ने लगाया हत्या का आरोप सुरेरी, जौनपुर। बीते रविवार की रात लगभग 8 बजे नेवढ़िया थाना क्षेत्र के दोदापुर गांव निवासी छविनाथ मिश्र के 40 वर्ष पुत्र विनय मिश्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक के परिजनों की मानें तो युवक पारिवारिक कलह को लेकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था। वही घटना के बाद मृतक के परिजन बगैर किसी को सूचना दिए मृतक के शव को दाह संस्कार के लिए वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर लेकर पहुंच गए थे। किसी तरह से घटना की सूचना मायके गई पत्नी प्रतिमा को लगी तो उन्होंने घटना की सूचना पुलिस अधीक्षक जौनपुर सहित जिलाधिकारी जौनपुर को दी, और परिजनों के साथ पत्नी भी मणिकर्णिका घाट पहुंच गई। वही घंटों चले पंचायत के बाद नेवढ़िया पुलिस शव को कब्जे में लेकर थाने पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक की पत्नी प्रतिमा का आरोप है कि परिवार जनों द्वारा युवक की हत्या की गई है, और उसे आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है। वही मृतक के पत्नी का यह भी आरोप है कि जब वह अपने पिता दीनानाथ के साथ सोमवार को तहरीर देने नेवढ़िया थाने पहुची तो थानाध्यक्ष द्वारा फटकार लगाते हुए उन्हें थाने से भगा दिया गया। ग्रामीणों की माने तो मृतक अपने परिवार के साथ मुंबई में ही रहता था, लॉकडाउन के दौरान वह मुंबई से अपने घर आया हुआ था। मृतक की पत्नी रक्षाबंधन के पर्व पर अपने मायके गई हुई थी। मृतक को दो बच्चे हर्षीत 14 वर्ष, अंकिता 8 वर्ष है। इस संदर्भ में थानाध्यक्ष नेवढ़िया संतोष राय ने बताया कि पत्नी की शिकायत पर मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

सम्पूर्ण समाधान दिवस का हुआ आयोजन | #TEJASTODAY चंदन अग्रहरि शाहगंज, जौनपुर। स्थानीय तहसील सभागार में सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन सीडीओ अनुपम शुक्ला की अध्यक्षता में हुआ। जिसमें फरियादियों द्वारा कुल 47 प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसमें मौके पर 11 प्रार्थना-पत्रों का निस्तारण हुआ। शेष प्रार्थना पत्र सम्बन्धित विभाग को सौंप दिया गया। वहीं कोरोना संक्रमण के चलते बिना मास्क के किसी भी फरियादी को प्रवेश नहीं करने दिया गया। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। इस दौरान प्रमुख रुप उपजिलाधिकारी राजेश कुमार वर्मा, तहसीलदार अभिषेक राय, क्षेत्राधिकारी जितेन्द्र दूबे, वीडीओ सोंधी अनुराग राय, कस्बा कानूनगो नीरज सिंह आदि मौजूद रहे।

स्वरोजगार के लिये आनलाइन आवेदन आमंत्रित |#TEJASTODAY जौनपुर। साहब सरन रावत उपायुक्त उद्योग जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केन्द्र ने बताया कि जनपद के युवा/युवतियों को उत्तर-प्रदैश सरकार द्वारा विशेष योजना एम०एस०एम०ई० के अन्तर्गत मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना हेत आनलाइन आवेदन के लिये पात्रता हाईस्कूल पास एवं आयु सीमा १८ से ४० वर्ष के बीच होनी चाहिए। निर्माण व सेवा क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने हेतु ऋण की सीमा १.०० लाख से २५.०० लाख तक है जिसमें आवेदक को २५ प्रतिशत अनुदान/छूट प्रदान की जायेगी। अधिक जानकारी के हेतु तहसीलवार सहायक प्रबन्धक/क्षेत्रीय सहायक शाहगंज व बदलापुर जय प्रकाश, ७००७६३७०६३, सदर व केराकत राजेश राही ९४५०३८८०८७, ७८८०३९६००१ एवं मडियाहूॅ व मछलीशहर राजेश भारती ७३९८२७८६७७, ७००७७२०३५८ से सम्पर्क करें। अन्य जानकारी के लिये किसी भी कार्य दिवस में कार्यालय आकर सम्पर्क किया जा सकता है।

पारिवारिक कलह से क्षुब्ध होकर युवक ने ​खाया जहरीला पदार्थ | #TEJASTODAY चंदन अग्रहरि शाहगंज, जौनपुर। क्षेत्र के पारा कमाल गांव में पारिवारिक कलह से क्षुब्ध होकर बुधवार की शाम युवक ने किटनाशक पदार्थ का सेवन कर लिया। आनन फानन में परिजनों ने उपचार के लिए पुरुष चिकित्सालय लाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने हालत गंभीर देखते हुए जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। क्षेत्र के पारा कमाल गांव निवासी पिंटू राजभर 22 पुत्र संतलाल बुधवार की शाम पारिवारिक कलह से क्षुब्ध होकर घर में रखा किटनाशक पदार्थ का सेवन कर लिया। हालत गंभीर होने पर परिजन उपचार के लिए पुरुष चिकित्सालय लाया गया। जहां पर हालत गंभीर देखते हुए चिकित्सकों बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया।

कोरोना संक्रमण के चलते 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प | #TEJASTODAY मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील के अधिवक्ताओं ने बैठक कर कोरोना संक्रमण को मद्देनजर 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प रखने का निर्णय लिया है। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रेम बिहारी यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को साधारण सभा की बैठक बुलाई गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुये अधिवक्ता 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। इस मौके पर अधिवक्ताओं ने कहा कि तहसील में वादकारियों व अधिवक्ताओं की बढ़ती भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है जिसके कारण संक्रमण का बराबर खतरा बना हुआ है। ऐसी स्थिति में एहतियात के तौर पर यह निर्णय अति आवश्यक है। बैठक में महामंत्री अजय सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चंद्र सिन्हा, अशोक श्रीवास्तव, सुरेन्द्र मणि शुक्ला, जगदंबा प्रसाद मिश्र, नागेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव, विनय पाण्डेय, हरि नायक तिवारी, वीरेंद्र भाष्कर यादव, मनमोहन तिवारी आदि उपस्थित रहे।

ADD TEJASTODAY #TEJAS TODAY 4 Crore

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Read More

Recent