जिले में विश्व पर्यावरण दिवस पर किया गया पौधरोपण | #TejasToday
धरती पर जीवन के लिये पेड़ जरूरीः कुलपति
जौनपुर। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जनपद के शहरी क्षेत्र से लेकर ग्र्रामीणांचल इलाकों में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ पौधरोपण किया गया। लायंस क्लब जौनपुर क्षितिज के पदाधिकारियों ने संस्थाध्यक्ष दिलीप सिंह के नेतृत्व में पौधरोपण किया। श्री सिंह ने कहा कि पूरे ब्रह्मांड में बस पृथ्वी पर ही जीवन है और जीवन के लिये प्राणवायु ऑक्सीजन पेड़-पौधों से ही मिलती है। संस्थापक अध्यक्ष शशांक सिंह रानू ने कहा कि मानव और पर्यावरण एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं। सचिव विष्णु सहाय ने कहा कि मानव की बुरी आदतें जैसे पानी दूषित करना, बर्बाद करना, वृक्षों की अत्यधिक मात्रा में कटाई करना आदि पर्यावरण को बुरी तरह से प्रभावित करती है। जिसका नतीजा बाद में मानव को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करके भुगतना ही पड़ता है। उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा पौधरोपण आज से शुरू होकर 30 जून तक अलग-अलग स्थानों पर किया जायेगा। इस अवसर पर विनय बरौतिया, जय किशन साहू जैकी, प्रदीप सिंह, देवेश जी वैश्य, अजीत सोनकर, अतुल सिंह, कौशल त्रिपाठी, नीतीश सिंह, सुनील जायसवाल, अमित सोनी, दीपक साहू आदि उपस्थित रहे।
इसी क्रम में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस पर शनिवार को छात्रावास रोड पर 100 से अधिक पौधे लगाये गये। यह पौधरोपण अभियान विश्वकर्मा छात्रावास से एकलव्य स्टेडियम तक चला। इसके बाद सीवी रमन छात्रावास से होते हुए चरक एवं श्री रामानुजन छात्रावास तक हुआ। विश्वविद्यालय के शिक्षक अधिकारी और कर्मचारियों ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि आज धरती पर जीवन को बचाने के लिये पेड़ लगाने के साथ जल, वायु और मिट्टी को नुकसान पहुंचाने वाली सभी गतिविधियों को बंद करना आवश्यक है। उन्होंने सचेत किया कि जिस गति से पर्यावरण नष्ट हो रहा है उससे हमारी अगली पीढ़ी को ही जीने के लिये कड़ा संघर्ष करना होगा। कार्यक्रम संयोजक डा. राज कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षा के लिये पौधरोपण अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत धीटोर, पीपल, नीम, बरगद, मोलसरी, अशोक, गुलमोहर, आम, अर्जुन के पेड़ लगाये गये। इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. विक्रमदेव शर्मा, प्रो. देवराज, डा. प्रमोद यादव, डा. अवधेश, डा. श्रवण कुमार, डा. सुजीत कुमार, डा. इन्द्रेश गंगवार, वार्डन डा. मनीष प्रताप सिंह, डा. सुरेंद्र कुमार सिंह, डा. नितेश जायसवाल, डा. सुशील कुमार, सहायक कुलसचिव अमृतलाल, अजित सिंह, दीपक सिंह, बबिता, आरके जैन, सुशील प्रजापति, लक्ष्मी प्रसाद मौर्य आदि शामिल रहे।
तिलकधारी सिंह महाविद्यालय परिसर में शनिवार को पौधरोपण किया गया। महाविद्यालय के प्रबंधक राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने पौधरोपण कर पर्यावरण सुरक्षा का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संतुलन के लिये पौधरोपण किया जाना आवश्यक है। प्रबन्ध तंत्र के उपाध्यक्ष दुष्यन्त सिंह ने कहा कि मां की ममता और वृक्ष का दान दोनों जनकल्याण करते हैं और जनकल्याण की भावना को देखते हुए पौधरोपण करना आवश्यक होता है। प्राचार्य समर बहादुर सिंह ने कहा कि पर्यावरण को क्षति पहुंचाने के कारण बार-बार अनेक प्राकृतिक आपदायें आ रही हैं। हमें पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक होना पड़ेगा। इस अवसर पर राजीव प्रकाश सिंह, राजीव रतन सिंह, पूर्वांचल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष विजय सिंह आदि उपस्थित रहे।
इसी क्रम में भारत विकास परिषद् के पदाधिकारियों ने विश्व पर्यावरण दिवस पर तुलसी के पौधे एवं अन्य औषधीय पौधे वितरित किया। शाखा अध्यक्ष अवधेश गिरि ने बताया कि कन्हाईपुर में 12 तुलसी, 02 हरसिंगार, 02 गुड़हल के पौधे वितरित किये गये। भूपतपट्टी में 10 तुलसी, 03 हरसिंगार के पौधे वितरित किया गया। अराजी भूपतपट्टी में 01 आम, 01 हरसिगार का पौधा लगाया गया। उमरपुर में 01 जामुन, 02 गुड़हल का पौधा लगाया गया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष पाँच हजार छायादार पेड़, 03 हजार फलदार तथा 2 हजार औषधीय पौधे लगाने का लक्ष्य है। निवर्तमान अध्यक्ष अतुल जायसवाल ने कम से कम एक पौधे लगाने की अपील किया। कार्यक्रम संयोजक भृगुनाथ पाठक व डा. आशुतोष सिंह रहे। इस अवसर पर प्रदीप जायसवाल, दिलीप जायसवाल, आशीष श्रीवास्तव, संजय अस्थाना, निशा गिरि, डा. रामनरायन सिंह आदि उपस्थित रहे।
वहीं एसएन फार्मेसी ऑफ कालेज परिसर में प्रबंधक संतोष अग्रहरी व अग्रहरि समाज के युवा जिलाध्यक्ष डीके अग्रहरि के नेतृत्व में पौधरोपण किया गया। इस अवसर पर पवन अग्रहर, कृष्ण कुमार अग्रहरी, दीपक अग्रहरि, राजेश अग्रहरी, अनिल अग्रहरी आदि उपस्थित रहे।
शाहगंज संवाददाता के अनुसार, नगर पालिका अध्यक्ष गीता जायसवाल व अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रदीप जायसवाल ने पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण किया। जानकारी के अनुसार नगर पालिका अध्यक्ष गीता जायसवाल व प्रतिनिधि प्रदीप जायसवाल ने आजमगढ़ रोग स्थित अपने फार्म हाउस एवं बुढ़वा बाबा पोखरा के पास नवदुर्गा मन्दिर के गेट पर पौधरोपण किया। इस अवसर पर मन्दिर के महंत राजेश चौबे, सर्वेश चौरसिया, देवी प्रसाद चौरसिया मंटू, महफूज सभासद, श्रेयांश गुप्ता आदि मौजूद रहे।
बदलापुर संवाददाता के अनुसार, विश्व पर्यावरण दिवस पर नगर पंचायत कार्यालय परिसर में अध्यक्ष अमरदेई ने पौधरोपण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि एक वृक्ष 10 पुत्रों के सामान होता है। एक वृक्ष को पाल पोस कर बड़ा करने में जितना परिश्रम होता है, उतना परिश्रम 10 पुत्रों के पालन पोषण में करना पड़ता है। वृक्ष हमारे जीवन में अभिन्न अंग हैं। इनसे हमें ऑक्सीजन प्राप्त होती है। इस अवसर पर उमेश सरोज, राजेश गुप्ता, विपुल सिंह, हरिओम आदि उपस्थित रहे।
धर्मापुर संवाददाता के अनुसार, स्थानीय क्षेत्र के मोहिउद्दीनपुर गांव स्थित समाजवादी कुटिया पर संचालक ऋषि यादव व कुटिया के बच्चों ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पौधरोपण किया।
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जीवन जीने योग्य वातावरण प्रदान करता है स्वस्थ पर्यावरणः राकेश श्रीवास्तव
जौनपुर। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष और अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रदेश महासचिव राकेश श्रीवास्तव ने अपनी पत्नी भाजपा नेत्री किरन श्रीवास्तव के साथ पौधरोपण किया। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ पर्यावरण ही पृथ्वी के असंख्य जीवों और मानव को जीवन जीने योग्य वातावरण प्रदान करता है। हमें इसकी सुरक्षा एवं विकास के लिये हमेशा प्रयासरत रहना चाहिये। स्वयं और अपने मित्रों को पर्यावरण सुरक्षा हेतु प्रेरित करें एवं एक पौधा अवश्य लगायें।
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विश्व पर्यावरण दिवस पर जागरूकता गोष्ठी का हुआ आयोजन
जौनपुर। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जागरूकता गोष्ठी का आयोजन नगर के मोहल्ला रिजवी खां में डा. दिलीप कुमार सिंह द्वारा आयोजित किया गया। इस दौरान विद्वान और जागरूक वक्ताओं ने प्रकृति और पर्यावरण पर विचार व्यक्त किये। वक्ताओं ने कहा कि प्रारंभ में धरती का 99 प्रतिशत भाग वनों से ढका हुआ था। उस समय शुद्ध ऑक्सीजन और मीठे ताजे स्वच्छ पानी के अनंत स्रोत से पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, मनुष्य सभी पूर्ण स्वस्थ थे। रोग बीमारियां नाम मात्र की होती थी, यह स्थिति करोड़ों वर्षों तक कायम रहे। 200 वर्षों से भीषण औद्योगिक विकास के क्रम में मनुष्य ने प्राकृतिक जंगल और बाग बगीचों को काटकर नष्ट कर दिया। उसकी जगह कंक्रीट और सीमेंट के बड़े-बड़े विराट महानगर और नगर उगा दिया। बड़े-बड़े कल कारखानों से नदी, झील, तालाब, समुद्र का पानी पूरी तरह दूषित हो गया। ऑक्सीजन की मात्रा बेहद कम हो गई जो महत्वपूर्ण और पूजा करने वाले वृक्ष जैसे पीपल, बरगद, नीम, आम, जामुन, वट वृक्ष इत्यादि थे। उनको काटकर उनकी जगह ऑस्ट्रेलियन बबूल, सफेदा जैसे बेकार के वृक्ष लगाये गये जो धरती को जलहीन कर उसे बंजर और उर्वरा हीन बना दे रहे हैं। प्रकृति पर्यावरण और मानव जीवन में भीषण असंतुलन ही कैंसर, एड्स, कोरोना, हृदय रोग, मधुमेह जैसी बीमारियों का कारण है। उन्होंने कहा कि अगर इसको तत्काल नहीं सुधारा गया और प्रत्येक व्यक्ति कम से कम जीवन में एक बड़ा वृक्ष नहीं लगाया तो आने वाले दिनों में मुंह में मास्क के के साथ शरीर पर ऑक्सीजन का सिलेंडर लेकर चलने को तैयार रहना होगा। इस अवसर पर पदमा सिंह रेनू, सचिन जायसवाल, उदय विश्वकर्मा, पूनम सिंह, बाल गोपाल, शिवानी, वैष्णवी, अलका, शिप्रा मनीष सिंह, दिव्येन्दु सिंह, अतुल सिंह, कल्लू आदि ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डा. दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी, ज्योतिष शिरोमणि और निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी केंद्र ने किया।