धान की फसल में बढ़ा रोगों एवं कीटों का प्रकोप | #TEJASTODAY
जौनपुर। जनपद के कई क्षेत्रों में धान की फसल पर रोगों एवं कीटों का प्रकोप बढ़ा है, इससे किसान परेशान है। किसान लगातार कृषि विभाग के साथ अन्य कृषि वैज्ञानिकों से संपर्क कर इसके निदान के उपाय की तलाश में है।
जनपद के करंजाकला, खुटहन, शाहगंज, सुइथाकला, बदलापुर, सुजानगंज आदि क्षेत्रों में इस समय मिथ्या कंडुआ रोग एवं तना बेधक कीट के प्रकोप की सूचना किसानों ने कृषि विभाग को दी है। धान की फसल में रोगों एवं कीटों की पहचान एवं बचाव के लिए किसानों को उप परियोजना निदेशक (आत्मा) डा. रमेश चंद्र यादव ने बताया कि कंडुआ रोग के प्रकोप से धान की बालियों में कुछ दाने पीले रंग के पाउडर में बदल जाते हैं जो बाद में काले रंग के चूर्ण में परिवर्तित हो जाते हैं जिससे सारी फसल बर्बाद हो जाती है।
कंडुआ रोग के नियंत्रण के लिए कार्बेंडाजिम 50 डब्ल्यू पी एक किलोग्राम दवा प्रति हेक्टेयर 750 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए या क्लोरोलोनिल 70 डब्ल्यू पी 2 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें अथवा प्रोपिकोनाजोल एक मिली लीटर प्रति लीटर पानी की दर से स्टीकर मिलाकर छिड़काव करने से रोग पर नियंत्रण होगा।
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Gepostet von Tejastoday.com am Samstag, 29. August 2020