श्रमिकों की जेब में हाथ डाल रहे एनटीपीसी ठेकेदार
श्रमिकों की जेब में हाथ डाल रहे एनटीपीसी ठेकेदार
सचिन चौरसिया
ऊंचाहार, रायबरेली। यह एनटीपीसी है साहब, यहां सब कुछ संभव है। अभी तक तो आप राख उपयोगिता प्रकोष्ठ के बड़े गोरखधंधे को देख रहे थे जिसमें संविदाकर्मी श्रमिक व विभागीय जिम्मदारों की सांठ गाठ से खेल हो रहा था। अब एक ऐसे मामले का खुलासा हो रहा है जिसमें एनटीपीसी के अंदर श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है। हालांकि पूरे मामले का खाका एनटीपीसी के स्थानीय महाप्रबंधक सहित पुलिस को लिखित रूप से दिया गया है लेकिन लचर व्यवस्था के चलते प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं हुई। मामला है श्रमिकों की रोजी रोटी का पारिश्रमिक का जिसमें जिम्मेदारों की सेटिंग गेटिंग से ठेकेदारों द्वारा श्रमिकों की परिश्रमिक में अवैध धन उगाही की जा रही है।
बता दें कि यह किसी एक श्रमिक के साथ नही बल्कि अधिकतर श्रमिकों के साथ हो रहा है। क्षेत्र के अलीगंज निवासी अमित कुमार ने एनटीपीसी महाप्रबंधक को दिए आरोप पत्र में बताया है कि वो पिछले पांच वर्षों से एनटीपीसी प्लांट के सीएमवी पंप हाउस में काम करता था लेकिन पिछले दो वर्षों से उसे संगम लाल ठेकेदार के अंडर में काम करना पड़ रहा है। आरोप पत्र में बताया गया है कि अब उसका शोषण हो रहा है। अमित द्वारा दिए गए आरोप पत्र में बताया गया है कि संगम लाल कंटेक्शन का पूरा काम उसका भाई मक्खन लाल देखता है और प्रकरण को लेकर मक्खन लाल द्वारा उसकी परिश्रमिक में से आधे धन की कटौती की जा रही है। साथ ही उसका पीएफ भी रोका गया है। पीड़ित ने जब इसका विरोध किया तो उसके गेट पास की वैधता खत्म होने के बाद गेट पास का नवीनीकरण नहीं कराया और फिर उसके साथ ठेकेदार के मुंशी द्वारा अभद्रता की गई। अमित ने बताया कि एनटीपीसी में ऐसा सिर्फ उसी के साथ नही बल्कि अधिकांश श्रमिकों के साथ होता है।
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