सुल्तानपुर में अवैध निर्माण पर कार्यवाही नहीं
हल्का लेखपाल व राजस्व निरीक्षक की मिलीभगत से सरकारी जमीन पर हो गया अवैध कब्जा
फिर भी साहब मौन हैं तो आखिर जिम्मेदार कौन?
राजीव शुक्ला
दूबेपुर, सुल्तानपुर। प्रदेश सरकार द्वारा जहां सरकारी भूमि से भू—माफियाओं का अवैध कब्जा हटवा रही है, वहीं दूसरी ओर सुल्तानपुर तहसील के धम्मौर थाना क्षेत्र के ग्राम सभा रामापुर के बंधुआ खुर्द गांव में क्षेत्रीय लेखपाल की मिलीभगत से सरकारी भूमि पर पक्का अवैध निर्माण कर दिया गया है।
ग्रामीणों ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने वाले भू—माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई है। धम्मौर थाना क्षेत्र के बंधुआ खुर्द गांव स्थित ग्राम समाज की जमीन जो सरकारी अभिलेखों में नवीन परती भूमि दर्ज है।
उक्त नवीन परती की भूमि पर बीते जुलाई माह में गांव के ही मुंशीरजा पुत्र मोहम्मद जलील द्वारा पक्का निर्माण किया जाने लगा तो गांव के कुछ लोगों द्वारा उक्त घटना की सूचना क्षेत्रीय लेखपाल नरेंद्र बहादुर सिंह को फोन द्वारा कई बार दी गई।
क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा भूमाफियाओं पर कार्रवाई तो दूर रही घटनास्थल तक जाने की जहमत मोल नहीं ली। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि लेखपाल सरकार विरोधी नीतियों के अन्तर्गत कार्य करते नजर आ रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो उक्त भूमाफियाओं को क्षेत्रीय लेखपाल का संरक्षण प्राप्त है।देखा गया है कि नव आगन्तुक राजस्व निरीक्षक बंधुआ कला भी इस मामले को नजर अंदाज करते दिखाई दे रहे है जब इस बाबत लेखपाल नरेंद्र बहादुर सिंह से सम्पर्क साधा गया तो उन्होंने कई बार बताया कि तहसीलदार साहब का आदेश अतिक्रमण को हटाने के लिए हुआ है लेकिन अभी हटाऊंगा नही, आखिर सरकारी जमीन की सुरक्षा होगी तो कैसे, अब देखना है कि तहसीलदार के आदेश का अनुपालन कब होगा।
जब जानकारी पुनः राजस्व निरीक्षक माता प्रसाद उपाध्याय से उक्त की जानकारी प्राप्त की गई तो बड़े रौब के साथ कहा गया कि विना शिकायत के कैसे बंजर भूमि खाली करायेंगे जबकि स्पष्ट रूप से राजस्व संहिता में है किसी भी राज्य सरकार के ग्राम सम्पत्ति का मालिक लेखपाल व राजस्व निरीक्षक है। आखिर इसमें राजस्व निरीक्षक का सानिध्य प्राप्त उक्त प्रकार के ब्यक्ति फल—फूल रहे है।
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