यादें 2024: अपराध में अव्वल रहा बछरावां थाना, चोरों को जेल भेजने में सलोन थाना रहा आगे

यादें 2024: अपराध में अव्वल रहा बछरावां थाना, चोरों को जेल भेजने में सलोन थाना रहा आगे

पुलिसिया उत्पीड़न से दागदार होती रही खाकी, धाकड़ थानाध्यक्षों से छिनी गई कुर्सी
पूर्व एसपी अभिषेक अग्रवाल के कार्यकाल में अपराध की आयी थी बाढ़, पुलिस अधीक्षक यशवीर बचाई नाक
तेजस टूडे सं.
अनुभव शुक्ला
रायबरेली। लखनऊ मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर लगभग 70 किलोमीटर चारों दिशाओं के परिक्षेत्र में बसे रायबरेली जनपद का पुलिसिया मामलों में वर्ष 2024 काफी उतार व चढ़ाव वाला वर्ष रहा। अधिकांश मामलों में जिले की पुलिस की इस कदर फजीहत हुई कि उसकी गूंज लखनऊ मुख्यालय तक पहुंची खाकी के कारनामों का जिक्र कर विपक्षी पार्टियों ने सोशल मीडिया पर सरकार को कई बार घेरा है। चाहे वह गदागंज का मामला रहा हो जहां थानाध्यक्ष रहे राकेश आनंद के गुडवर्क के चक्कर में एक बेगुनाह को 13 दिन जेल में रहना पड़ा।
जानकारी के मुताबिक 20 अगस्त को जन सुविधा केंद्र संचालक रवि चौरसिया के साथ लूट की घटना हुई थी। मामले में पुलिस ने 26 अगस्त को जमुनीहार निवासी एवं सीमेंट व्यवसायी दीपू को जेल भेज दिया। पर्याप्त साक्ष्य न मिलने पर कोर्ट ने दीपू को जेल से रिहा कर दिया गया। मामले की तूल पकड़ने के बाद गदागंज थाना प्रभारी को कुर्सी से हाथ धोना पड़ा। चाहे वह बछरावां थाना क्षेत्र का मामला रहा हो जहां चौकी इंचार्ज रहे अनुज तोमर व थानाध्यक्ष रहे बृजेंद्र पर ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि एक हत्या को छिपाने के लिए खुद ही पेट्रोल डालकर विवाहिता के शव को फूंक दिया।
पेट्रोल ले जाने का सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हुआ था। हालांकि काफी फजीहत के बाद अपनी विवादित कार्यशैली से सुर्खियों में रहने वाले एसपी रहे अभिषेक अग्रवाल ने अपने चहेते थानाध्यक्ष बृजेंद्र से बछरावां थाना की कुर्सी छीन ली थी। वर्ष 2024 में इंस्पेक्टर संजय त्यागी, विजेंद्र शर्मा जैसे धाकड़ इंस्पेक्टर पैदल हो गये।

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वह प्यार का नशा एक सनक पूरा परिवार खत्म, युवक ने पूरे परिवार को उतारा था मौत के घाट
वर्ष 2024 की शारदीय नवरात्रि का व्रत चल रहा था जगह जगह राम-लीला व दुर्गा पूजा का कार्यक्रम चल रहा था। उसी बीच शिक्षक अपनी पत्नी की बेवफाई का शिकार हो गया। अपनी पत्नी के प्रेमी युवक के प्यार के एक सनक ने पूरे परिवार को खत्म कर दिया था। जानकारी के मुताबिक गदागंज थाना क्षेत्र स्थित सुदामापुर गांव निवासी सुनील कुमार शिक्षक के पद पर तैनात थे। सुनील, उनकी पत्नी और उनकी दो बेटियों की अमेठी में बेरहमी से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि सुनील की पत्नी के प्रेमी ने की थी। पुलिस घटना का खुलासा किया तो हर कोई हैरान रहा। वहीं लालच और नफरत के कारण रिश्ते भी शर्मशार हुये।

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ग्राम विकास अधिकारी की करतूतों से शर्मसार हुआ विकास विभाग, फर्जी जन्म प्रमाण पत्र से हुई फजीहत
वहीं वर्ष 2024 में ही देश की सुरक्षा से जुड़े मामले का जख्म वर्षों तक यादगार रहेगा। बताते चलें कि सलोन तहसील क्षेत्र के छह गांवों में बड़े पैमाने पर जन्म प्रमाण पत्र बनाए जाने का मामला प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में चर्चित रहा। इस मामले में फर्जी तरह से रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों तक के प्रमाण पत्र बनाए जाने का खुलासा हुआ। आईजी नीलाब्जा चौधरी ने जिले में पहुंचकर जांच की थी। मामले में रायबरेली के साथ आस—पास के कई अन्य जिलों के लोगों की गिरफ्तारियां भी हुई। इसकी जांच अब भी चल रही है। हो कुछ भी किंतु वर्ष 2024 के फर्जी जन्म प्रमाण के मामले से जहां जिले का विकास विभाग शर्मसार हुआ है तो वहीं ब्लॉकों में तैनात लापरवाह ग्राम विकास अधिकारी भी अब काफी सजगता से कार्य कर रहे हैं।

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सीओ प्रदीप के नेतृत्व में चोरों को जेल भेजने व गैंगेस्टर की कार्यवाही में सलोन थाना रहा अव्वल
यूं तो एसपी यशवीर के नेतृत्व में जिले के हर थानों पर चोरों पर प्रभावी कार्यवाही का आदेश पारित किया जाता रहा किंतु अगर बात सलोन थाना कि करें तो औरया जनपद से आकर जिले में आमद कराने के बाद सलोन सर्किल का जिम्मा सम्भालते ही तेज—तर्रार कार्यशैली से चर्चित सीओ प्रदीप कुमार का साथ मिलते ही इंस्पेक्टर जितेन्द्र सिंह ने चोरों को जेल भेजने का मानों एक अभियान चला दिया। इससे सलोन थाना क्षेत्र में चोरी, छिनैती व लूट की घटनाओं पर अचानक लगाम सा लग गया है। जानकारी के मुताबिक इंस्पेक्टर जितेन्द्र सिंह अपने कार्यकाल में लगभग 18 चोरी के मुकदमों में अब तक में 45 अपराधियों को जेल भेज चुके हैं। जिन अपराधियों पर पहले से ही कई मुकदमे दर्ज थे, ऐसे शातिर अपराधियों को चोरी के मामले में 7 गैंगेस्टर अधिनियम के मुकदमों में 23 को जेल भेजा है। लगभग में मिले इन आंकड़ों से यह कहना मुश्किल नहीं है कि चोर व शातिर अपराधियों को जेल भेजने में सलोन पुलिस ने वर्ष 2024 में जनपद में एक अलग ही मुकाम हासिल किया है।

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2024 में 722 मुकदमा दर्ज कर बछरावां थाना जनपद में बना अपराध में अव्वल
थानों पर न्याय न मिलने से मजबूरी वश एसपी कार्यालय का चक्कर फरियादियों के काटने का मुख्य उद्देश्य अधिकांश मामलों में एक तरफ जहां मुकदमा दर्ज कराने का था तो वहीं क्षेत्रीय अपराधियों पर हल्का दरोगा व सिपाहियों की सह से पनपे टुटपुंजिया अपराधियों के कारनामों से मारपीट व गाली-गलौज जैसे छोटे मोटे अपराधों से थानों पर मुकदमों की बढ़ने का सिलसिला वर्ष 2024 में चलता रहा। अपराधियों की निरंकुशता जिले के बछरावां थाना पर हावी रही। इसके चलते यदि लगभग में मिले आंकड़ों कि मानें तो बछरावां थाना 722 मुकदमे वर्ष 2024 में दर्ज कर जनपद में अपराध में अव्वल हो गया। वहीं हम आपको बछरावां थाना के अलावा जिले के अन्य थानों पर दर्ज मुकदमों के आंकड़े लगभग में बता रहे हैं। इसमें सदर कोतवाली नगर में 607 मुकदमे वर्ष 2024 में दर्ज हुए। सलोन थाना में 529 मुकदमे दर्ज हुए। सरेनी में 355, शिवगढ़ में 388, ऊंचाहार में 465, लालगंज में 551, डलमऊ में 375, जगतपुर में 306, महराजगंज में 497, महिला थाना में 36, गुरबक्शगंज में 623, गदागंज में 263, खीरों में 404, हरचंदपुर में 407, भदोखर में 543, नसीराबाद में 301, डीह में 363 और मिल एरिया थाना में वर्ष 2024 में 536 मुकदमे दर्ज हुए हैं जिससे यह कहना मुश्किल नहीं है कि वर्ष 2025 में जनपद के अपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाना रायबरेली पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।

 

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