झोला छाप डाक्टरों के चक्कर में प्रसूति ने तोड़ा दम
बच्ची के आंख खुलने के साथ ही मां की सांस थम गयी
देवी प्रसाद शर्मा
अहरौला, आजमगढ़। फूलपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ओरिल गांव की रहने वाली रंजना गुप्ता जिसकी उम्र 27 साल है, की मौत झोला छाप डाक्टर की लापरवाही से बीती रात एक बच्ची पैदा करने के बाद ही हो गयी। जानकारी के अनुसार रंजना गुप्ता पिछले कई महीनों से अपने पति के साथ दिल्ली में रहती थी। जब धीरे-धीरे बच्चा पैदा करने का समय आया तो घरवाले ने दबाव डालकर उसको गांव में बुला लाए लोग चाहते थे कि उसकी पहली डिलीवरी गांव में हो, वह इसी बीच पास के एक डाक्टर से लगातार दवा इलाज करके उसके दिशा निर्देश पर दवा आदि लिया करती थी।
सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था जब बच्चा पैदा करने का समय आया तब भी सब कुछ ठीक-ठाक था और एक बच्ची पैदा भी हो गई लेकिन उसके बाद उसका ब्लड प्रेशर के साथ अन्य परेशानियां लगातार बढ़ती गयी। स्थानीय डाक्टर कहते रहे कि सब कुछ ठीक-ठाक हो जाएगा। उनके भरोसे पर विश्वास कर लोगों ने हंसती-खेलती दुनिया को ही उजड़ने दिया। उसके पति संदीप अग्रहरी इस समय दिल्ली से आकर घर पर ही थे। रंजना की डिलीवरी का समय जब नजदीक आया तो उसने गांव के ही पेशे से डाक्टर जो उन्हीं के गांव में रहता है।
वहीं इलाज करना शुरू कर दिया। लोग कहते हैं कि अब तक उन्होंने 50 डिलीवरी कराई लेकिन कभी कोई ऐसी घटना नहीं घटी लेकिन रंजना की डिलीवरी का जब नंबर आया तब कई तरह की परेशानियां रंजना के सामने आती गई और मौजूद चिकित्सक ने परिवार के लोगों को आश्वासन देते रहें कि अब धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा लेकिन हालत लगातार बिगड़ती गई। अपने दूधमुंही बच्ची को छोड़ रंजना ने दम तोड़ दिया। घटना घटने के साथ ही परिवार के अन्य लोगों का जमावड़ा वहां पर शुरू हो गया। परिवार के लोगों के अलावा आस-पास के लोग भी डाक्टर की खोजबीन करने लगे लेकिन डाक्टर दुकान बंद करके कहां चले गये, उनका पता नहीं चला।
मौके पर पहुंचे अन्य लोग घटनास्थल पर मौजूद थे लेकिन परिवार के जिम्मेदार लोग पुलिस कार्यवाही में न पड़कर, लाश को पोस्टमार्टम न कराकर, किसी झगड़ा झंझट में न पड़कर अंतिम संस्कार की तैयारी में जुट गये। जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों ने इस घटना को संज्ञान में लेकर परिवार वालों की राय जाननी चाही लेकिन परिवार के लोगों का सकारात्मक रवैया दिखाई नहीं दिया। वहीं संदीप के साथ उनके छोटे भाई, बहन, मां आदि का रो-रो का बुराहाल हो गया है। सभी लोग डाक्टर को खोजने के बजाय छोटी बच्ची के बचाने में जुट गए हैं, क्योंकि अब उसकी मां इस दुनिया में नहीं है।
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