केजीएमयू के चिकित्सक मांगों को लेकर शुरू किये अनिश्चितकालीन धरना | #TejasToday

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केजीएमयू के चिकित्सक मांगों को लेकर शुरू किये अनिश्चितकालीन धरना | #TejasToday

सर्वाधिक पढ़ा जानें वाला जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल केजीएमयू के चिकित्सक मांगों को लेकर शुरू किये अनिश्चितकालीन धरना | #TejasToday लखनऊ। केजीएमयू के समस्त एमबीबीएस इंटर्न डाक्टररों ने कुलपति, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, कुलसचिव, कुलानुशासक एवं महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर चिकित्सकों ने कहा कि हम एमबीबीएस एवं बीडीएस इंटर्न के स्टाइपेंड में पिछले 10 सालों से कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। पिछले 10 सालों में महंगाई में कई गुना बढ़ोतरी हुई परंतु हमारा स्टाइपेंड केवल 7500 रूपये प्रतिमाह है। हम इंटर्न इस कोविड महामारी के दौर में भी पूरी निष्ठा भाव से अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। हम लगातार 8 से 12 घंटे जहां भी जरूरत हो जैसे कोरोना ट्रायज एरिया, फ्लू ओपीडी, इमरजेंसी, कोरोना होल्डिंग एरिया, सभी विभागों इत्यादि जहाँ पर की संक्रमण के सबसे ज्यादा खतरा है, बिना किसी झिझक के अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं। बदले में सरकार हमें 250 रूपये प्रतिदिन देती है जो दैनिक मजदूर को मिलने वाली धनराशि से भी कहीं कम है। एक तरफ सरकार हमें कोरोना वारियर कहती है और दूसरी तरफ इन्हीं वारियर के साथ इस तरह का अन्याय हो रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि हमने पूर्व में भी अपना ज्ञापन सरकार में आफिशियल लेटर के माध्यम से मुख्यमंत्री को अवगत कराया था कि हमारा स्टाइपेंड केन्द्रीय चिकित्सा संस्थानों और दूसरे राज्यों के चिकित्सा संस्थानों की तुलना में काफी कम है। केन्द्रीय चिकित्सा संस्थानों में जहां इसी कार्य अवधि के 23,500 रूपये दिए जाते हैं, वहीं दूसरे राज्यों में भी 30,000 रूपये तक की धनराशि दिए जा रहे हैं। सरकार की तरफ से लगातार उपेक्षित होने के बाद हमें मजबूरन यह कदम उठाना पड़ रहा है। सरकार से निवेदन है कि चिकित्सा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए हमारी मांगों पर अतिशीघ्र ध्यान दें। हमारी स्टाइपेंड केन्द्रीय चिकित्सा विश्वविद्यालय के बराबर करें, अन्यथा हम उत्तर प्रदेश के समस्त इंटर्न डाक्टर कार्य बहिष्कार के लिए बाध्य होंगे। उपरोक्त मांगों को लेकर सभी चिकित्सक मंगलवार से गेट नम्बर 1 पर अनिश्चितकालीन शांतिपूर्ण धरना एवं भूख हड़ताल पर बैठ गये जहां तमाम चिकित्सक मौजूद रहे।

लखनऊ। केजीएमयू के समस्त एमबीबीएस इंटर्न डाक्टररों ने कुलपति, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, कुलसचिव, कुलानुशासक एवं महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर चिकित्सकों ने कहा कि हम एमबीबीएस एवं बीडीएस इंटर्न के स्टाइपेंड में पिछले 10 सालों से कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। पिछले 10 सालों में महंगाई में कई गुना बढ़ोतरी हुई परंतु हमारा स्टाइपेंड केवल 7500 रूपये प्रतिमाह है। हम इंटर्न इस कोविड महामारी के दौर में भी पूरी निष्ठा भाव से अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं।

हम लगातार 8 से 12 घंटे जहां भी जरूरत हो जैसे कोरोना ट्रायज एरिया, फ्लू ओपीडी, इमरजेंसी, कोरोना होल्डिंग एरिया, सभी विभागों इत्यादि जहाँ पर की संक्रमण के सबसे ज्यादा खतरा है, बिना किसी झिझक के अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं। बदले में सरकार हमें 250 रूपये प्रतिदिन देती है जो दैनिक मजदूर को मिलने वाली धनराशि से भी कहीं कम है। एक तरफ सरकार हमें कोरोना वारियर कहती है और दूसरी तरफ इन्हीं वारियर के साथ इस तरह का अन्याय हो रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि हमने पूर्व में भी अपना ज्ञापन सरकार में आफिशियल लेटर के माध्यम से मुख्यमंत्री को अवगत कराया था कि हमारा स्टाइपेंड केन्द्रीय चिकित्सा संस्थानों और दूसरे राज्यों के चिकित्सा संस्थानों की तुलना में काफी कम है। केन्द्रीय चिकित्सा संस्थानों में जहां इसी कार्य अवधि के 23,500 रूपये दिए जाते हैं, वहीं दूसरे राज्यों में भी 30,000 रूपये तक की धनराशि दिए जा रहे हैं।

सरकार की तरफ से लगातार उपेक्षित होने के बाद हमें मजबूरन यह कदम उठाना पड़ रहा है। सरकार से निवेदन है कि चिकित्सा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए हमारी मांगों पर अतिशीघ्र ध्यान दें। हमारी स्टाइपेंड केन्द्रीय चिकित्सा विश्वविद्यालय के बराबर करें, अन्यथा हम उत्तर प्रदेश के समस्त इंटर्न डाक्टर कार्य बहिष्कार के लिए बाध्य होंगे। उपरोक्त मांगों को लेकर सभी चिकित्सक मंगलवार से गेट नम्बर 1 पर अनिश्चितकालीन शांतिपूर्ण धरना एवं भूख हड़ताल पर बैठ गये जहां तमाम चिकित्सक मौजूद रहे।

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सर्वाधिक पढा जानें वाला जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल यूनियन बैंक के एटीएम से निकले 2.93 लाख रूपये के मामले में मुकदमा दर्ज | #TEJASTODAY मुंगराबादशाहपुर, जौनपुर। स्थानीय थाना क्षेत्र के समसपुर निवासी सुरेश चन्द्र मौर्य का स्थानीय शाखा में एक बचत खाता था जिसमें सुरेश ने अपनी पुत्री की शादी के लिए खेती-बाड़ी की कमाई से एकत्रित कर 2 लाख 98 हजार 5 सौ रुपए जमा किए थे। लॉक डाउन के चलते शादी रुक गयी। इसी बीच सुरेश को पारिवारिक जरूरत के लिए रूपयों की आवश्यकता हुई तो सुरेश ने 22 सितम्बर को अपने उक्त बचत खाते से 5 हजार रुपए मुंगराबादशाहपुर के जंघई रोड स्थित यूनियन बैंक के एटीएम से जाकर निकाला। फिर जब उसे दुबारा 31 अक्टूबर को रुपयों की जरूरत पड़ी तो वह फिर अपने उक्त खाते से एटीएम द्वारा उसी एटीएम मशीन में पैसा निकालने गया जब उसने अपना एटीएम कार्ड मशीन में लगाया तो उसके खाते में महज 8 सौ 93 रुपए बचे थे। यह जानकारी होते ही सुरेश के पैरों तले जमीन खिसक गयी। सुरेश बैंक जाकर शाखा प्रबन्धक को अवगत कराया जिस पर शाखा प्रबन्धक सौमित्र मण्डल ने सुरेश का खाता चेक करके बताया कि उसके खाते से 43 बार में कुल 2 लाख 93 हजार रुपए एटीएम हैकरों द्वारा निकाल लिया गया है। भुक्तभोगी सुरेश ने अपने साथ घटी घटना के सम्बन्ध में यूनियन बैंक की स्थानीय शाखा एवं मुंगराबादशाहपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराया जिस पर कार्यवाही करते हुए प्रभारी निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह ने घटना की प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जाँच शुरू कर दिया है।

कोरोना संक्रमण के चलते 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प | #TEJASTODAY मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील के अधिवक्ताओं ने बैठक कर कोरोना संक्रमण को मद्देनजर 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प रखने का निर्णय लिया है। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रेम बिहारी यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को साधारण सभा की बैठक बुलाई गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुये अधिवक्ता 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। इस मौके पर अधिवक्ताओं ने कहा कि तहसील में वादकारियों व अधिवक्ताओं की बढ़ती भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है जिसके कारण संक्रमण का बराबर खतरा बना हुआ है। ऐसी स्थिति में एहतियात के तौर पर यह निर्णय अति आवश्यक है। बैठक में महामंत्री अजय सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चंद्र सिन्हा, अशोक श्रीवास्तव, सुरेन्द्र मणि शुक्ला, जगदंबा प्रसाद मिश्र, नागेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव, विनय पाण्डेय, हरि नायक तिवारी, वीरेंद्र भाष्कर यादव, मनमोहन तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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