सीडीओ ने कम्पोजिट विद्यालय का

सीडीओ ने कम्पोजिट विद्यालय का

किया निरीक्षण
तेजस टूडे ब्यूरो
अमित त्रिवेदी
हरदोई। मुख्य विकास अधिकारी सौम्या गुरूरानी ने कम्पोजिट विद्यालय अटवा असिगांव ब्लाक हरियावां एवं उ0प्रा0 विद्यालय, मियांपुर ब्लाक शाहाबाद का आकस्मिक निरीक्षण किया। कम्पोजिट विद्यालय मे मल्टीपल हैण्डवाश की टोटी उखड़ी पायी गयी तथा हैण्डवाश की कोई उचित व्यवस्था नहीं पायी गयी। शौचालयों के आगे पानी भरा हुआ पाया गया जिससे बच्चों को शौचालयों तक जाने में गन्दगी से होकर जाना पड़ता है। यूरिनल के आगे पानी भरा हुआ पाया गया। दिव्यांग शौचालय निष्प्रयोज्य पाया गया। कुल मिलाकर शौचालयों का रख-रखाव अत्यंत ही आपत्तिजनक पाया गया जिसके लिए इन्चार्ज प्रधानाध्यापक कड़ी फटकार लगायी। शिक्षण कक्षों के रोशनदान में अव्यवस्थित तरीके ईटें लगायी गयी है तथा कुछ रोशनदानों में लूज ईटें रखी गयी हैं। साथ ही कुछ रोशनदानों में फ्लेक्श के टुकड़े लगाकर ढका गया है जो नितान्त ही आपत्तिजनक एवं अस्थायी व्यवस्था है जो अनुचित है। बच्चों के शिक्षण कार्य हेतु क्रय किए गए ब्लैक बोर्ड अत्यंत ही छोटे, अधोमानक एवं आवश्यकता से कम पाये गये जो ब्लैक बोर्ड सीमेन्ट के दीवालों पर बने हुए हैं, उनका रख-रखाव ठीक नहीं पाया गया, उनमें गड्ढे थे। ब्लैकबोर्ड का मानक 8ग 5 फिट है जबकि मौके मानक के अनुरूप नहीं पाये जिसके लिए उन्होंने निर्देशित किया कि ब्लैक बोर्ड खरीद की जॉच कर उत्तरदायी के विरूद्ध कार्यवाही की जाय। विद्यालय का परिसर बड़ा है परन्तु किचेन गार्डेन का निर्माण नहीं कराया गया है जो अध्यापकगण की उदासीनता को दर्शाता है। विद्यालय में फर्नीचर अल्पअवधि में खराब हो रहा है, डेस्क की बीडिंग उखड़ रहीं हैं तथा बेंच की बैक अलग हो रही थी।
शिक्षण कक्षों में शिक्षण अधिगम सामग्री का अभाव पाया गया जिसके लिए शिक्षकगण उत्तरदायी हैं। स्ट्रोनॉमी लैब बनी हुई है जिसमें खगोलीय उपकरण के साथ ही अन्य सामग्री स्टोररूम के रूप में रखी गयी है। इसे अन्य कमरों में रखा जाना चाहिए था, क्योंकि विद्यालय में अतिरिक्त कक्ष के रूप में पर्याप्त कमरे उपलब्ध हैं। साथ ही स्ट्रानॉमीलैब के बाहर के कक्ष के बाहरी दीवाल का प्लास्टर टूटा हुआ था जिसके तत्काल ग्राम प्रधान/ग्राम पंचायत सचिव द्वारा ठीक कराया जाय। प्राथमिक कक्षाओं से लगा हुआ झाड़-झखांड जंगल के रूप में खड़े हैं तथा शिक्षण कक्षों में लगे पल्ले एवं ग्रिल अपर्याप्त है जिसे तत्काल जाली लगाकर बन्द किए जाने की आवश्यकता है, ताकि कोई कीड़ा या जीव जन्तु कक्षाओं में न आ सके, इस ओर तत्काल ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। साथ ही शिक्षण कक्षों में सीलन आ रही है। उन्होंने खण्ड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि कम्पोजिट ग्रान्टर से उक्त कक्षों की सीलन दूर करायें। परिसर में दो आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं जिनमें एक अंगनवाड़ी केन्द्र अत्यंत ही जर्जर कक्ष में संचालित है जिसे तत्काल अधोहस्ताक्षरी द्वारा दूसरे आंगनवाड़ी केन्द्र में शिफ्ट करा दिया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी इस संबंध में अपनी आख्या प्रस्तुत करें कि किन परिस्थितियों मे आंगनवाड़ी केन्द्र का संचालन जर्जर कक्ष में कराया जा रहा है तथा इसके लिए कौन उत्तरदायी हैं। केन्द्र पर उपलब्ध बाल फर्नीचर टूटा हुआ था तथा दूसरे कक्ष में भी खिड़की के पल्ले जर्जर थे। कमरे का छज्जा भी टूटा हुआ था। इस विद्यालय में 14 शिक्षक स्टाफ (11 अध्यापक, 1 शिक्षा मित्र एवं 2 अनुदेशक) एवं 1 शिक्षणेत्तर कर्मचारी कुल 15 का स्टाफ तैनात हैं परन्तु पंजीकृत बच्चे 405 के सापेक्ष 192 बच्चे ही उपस्थित थे जो 48 प्रतिशत है। निपुण बच्चे (कक्षा-1 में 42 में 10, कक्षा-2 में 28 में 10 कक्षा-3 में 37 में 15) 107 में 35 पाये गये जो बहुत ही कम हैं जबकि दिसम्बर 2024 तक शत-प्रतिशत बच्चों को निपुण हो जाना चाहिए। स्पष्ट है कि शिक्षकगणों द्वारा बच्चों की उपस्थित की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कम्पोजिट ग्रान्ट से कराये गये कार्याे का संतोषजनक व्यौरा इ0प्रधानाध्यापक नहीं दे सके प्रथम दृष्टया कम्पोजिट ग्रान्ट की धनराशि का सदुपयोग नहीं पाया गया जिसकी जॉच करायी जाय।
उपरोक्त पायी गयी कमियों हेतु संबंधित अध्यापकगण को नोटिस जारी की जाय तथा जॉचोपरांत उत्तरदायी अध्यापकगण के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही करते हुए एक सप्ताह में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अवगत कराया जाये। निरीक्षण के समय जिला समन्वयक, एम0डी0एम0, मयंक त्रिपाठी एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी शाहाबाद अनिल झा एवं जिला एम0आई0एस0 राहुल दुबे उपस्थित रहे। विद्यालय में इन्चार्ज प्रधानाध्यापक अरूण वर्मा समस्त अध्यापकगण के साथ उपस्थित थे। उच्च प्राथमिक विद्यालय मियापुर ब्लाक शाहाबाद उच्च प्राथमिक विद्यालय मियांपुर में कई कमियॉं पायी गयी। सभी शिक्षण कक्षों में रोशनी का अभाव पाया गया। कक्षाओं का विद्युतीकरण है परन्तु बल्व प्यूज पाये गये। जबकि कम्पोजिट ग्रान्ट की धनराशि इन्हीं आकस्मिक खर्चों हेतु विद्यालयों को उपलब्ध करायी जाती है। विद्यालय को प्राप्त कम्पोजिट ग्रान्ट की जॉच कर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आख्या प्रस्तुत करें। इन्सीनरेटर लगा हुआ था परन्तु निष्प्रयोज्य पाया गया। उसमें कूड़ा भरा हुआ था। दो शौचालयों का निरीक्षण किया गया जिसमें 1 साफ एवं 1 गन्दा पाया गया। विद्यालय में 148 बच्चे पंजीकृत हैं जिसके लिए 2 शौचालय अपर्याप्त हैं। एम0डी0एम0 निर्धारित मीनू के अनुसार नहीं बना था। मीनू के अनुसार सब्जीयुक्त दाल चावल होना चाहिए परन्तु विद्यालय में चावल एवं आलू की सब्जी बनायी गयी थी जिसमें दाल का अभाव था। अध्यापक को मीनू के बारे में पता भी नहीं था जो अनुचित है। इस हेतु प्रधानाध्यापक उत्तरदायी हैं। शिक्षणकक्षों में शिक्षण अधिगम सामग्री का अभाव पाया गया।
बच्चों के शैक्षिक स्तर को परखने हेतु सामान्य श्रेणी के प्रश्न किये गये परन्तु कक्षा-7 के एक बच्चों को छोड़कर किसी भी बच्चों द्वारा कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया जा सका जिसके लिए अध्यापकगण अपने दायित्वों के निर्वहन में उदासीन पाये गये। विद्यालय को उपलब्ध कराया गया फर्नीचर अल्पअवधि में खराब हो रहा है, डेस्क की बीडिंग उखड़ रहीं हैं तथा बेंच की बैक अलग हो रही थी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी तत्काल दिखवा लें यदि गारन्टी अवधि में तो रिप्लेस करवाने के साथ ही घटिया आपूर्ति हेतु उत्तरदायित्व भी निर्धारित करें। उपरोक्त पायी गयी कमियों हेतु संबंधित अध्यापकगण को नोटिस जारी की जाये तथा जॉचोपरांत उत्तरदायी अध्यापकगण के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही करते हुए एक सप्ताह में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अवगत कराया जाय।

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