Jaunpur News : विधवा, निराश्रित महिला एवं कोविड प्रभावित परिवारों को प्राथमिकता मिलेगी: सीडीओ
जौनपुर। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि निदेशक प्रशासन एवं विकास पशुपालन विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा प्राप्त दिशा-निर्देश के क्रम में जनपद में बकरी पालन की योजना (राज्यांश 90 प्रतिशत, लाभार्थी 10 प्रतिशत) अनुदान अंतर्गत दिशा-निर्देश का पालन सुनिश्चित करते हुए जनपद हेतु आवंटित लक्ष्य को पूर्ण किया जाना है जिसमें प्रति इकाई की स्थापना हेतु धनराशि (राज्यांश 90 प्रतिशत) रुपए 40500 एवं लाभार्थी अंश (10 प्रतिशत) रुपए 4500 कुल रु0 45000 है। ग्रामीण स्तर पर लाभार्थियों के चयन हेतु समिति का गठन किया गया है जिसमें संबंधित उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अध्यक्ष, संबंधित पशु चिकित्सा अधिकारी सदस्य सचिव, संबंधित ग्राम प्रधान सदस्य रहेंगे।
उन्होंने बताया कि लाभार्थियों का चयन करते समय सुनिश्चित किया जाएगा कि भूमिहीन (पुरुष-महिला) विधवा एवं निराश्रित महिला एवं कोविड प्रभावित परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिसमें 20 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति एवं तीन प्रतिशत दिव्यांगजन को सम्मिलित किया जाए। लाभार्थियों का चयन करते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि चयनित लाभार्थियों में स्वयं सहायता समूह, एफपीओ/राष्ट्रीय आजीविका मिशन के इच्छुक एवं कुशल बकरी पालकों में महिला लाभार्थी को वरीयता दी जाए तथा निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 10 प्रतिशत अतिरिक्त लाभार्थी का चयन कर प्रतीक्षा सूची बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रति इकाई लागत रुपए 45000 है, प्रति इकाई राज्यांश (90 प्रतिशत) रुपए 40500 धनराशि देय होगी। प्रति इकाई 10 प्रतिशत लाभार्थी अंश रुपए 4500 होगी जो चयनित लाभार्थी द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खाते में जमा की जाएगी। जमा की गई धनराशि का विवरण प्राप्त कर स्वयं रखेंगे। चयनित लाभार्थी द्वारा 10 प्रतिशत धनराशि रुपए 4500 जमा करने के (संबंधित का विवरण प्राप्त होने के उपरांत ही) (प्रति इकाई 39 औषधि तथा रसायन मध्य में रुपए 1500 तथा बीमा हेतु 42 अन्य मद में रुपए 3000 कुल रुपए 4500 को रोक कर शेष धनराशि रुपए 36000 का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से किया जाएगा।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि चयनित लाभार्थी से रु0 10 के स्टांप पेपर पर शपथ पत्र प्राप्त किया जाएगा कि स्थापित होने वाली बकरी इकाई को तीन वर्ष तक संचालित किया जाएगा योजना के क्रियान्वयन हेतु खाते में धनराशि प्राप्त किए जाने के उपरांत 20 दिवस के अंदर पशुओं का क्रय कर इकाई का संचालन किया जाएगा।
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