Jaunpur News : राजनेताओं की महत्वाकांक्षा का दुष्परिणाम था भारत विभाजनः प्रो. मोती लाल गुप्त
डा. प्रदीप दूबे सुइथाकला, जौनपुर। रास्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में गांधी स्मारक पी.जी. कालेज समोधपुर में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता अवकाश प्राप्त पूर्व प्राचार्य प्रो. मोती लाल गुप्त ने कहा कि भारत का विभाजन वास्तव में भारतीय राजनेताओं की अति महत्वाकांक्षा का दुष्परिणाम था। इस विभाजन से करोड़ों लोगों को विस्थापित होना पड़ा और लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। एक बहुत बड़ी जनसंख्या को विस्थापन का दर्द झेलना पड़ा जो भारत ही नहीं, बल्कि विश्व इतिहास में मानव जनित त्रासदी के रूप में दर्ज है।
इस संगोष्ठी में तीन पीढ़ी पूर्व करतारपुर से विस्थापित परिवार के सदस्य सरदार निर्मल सिंह का माल्यार्पण करके एवं शाल भेंट करके प्रोफेसर रमेश चंद्र सिंह एवं प्रोफेसर रणजीत कुमार पांडेय ने सम्मानित किया। सरदार निर्मल सिंह ने तीन पीढ़ी पहले की विस्थापन की व्यथा को व्यक्त किया। छात्रों को विस्थापन पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन विष्णुकांत त्रिपाठी के संयोजकत्व में किया गया। तत्पश्चात सभी शिक्षकों, कर्मचारियों, राष्ट्रीय सेवा योजना एवं रोवर्स-रेंजर्स के स्वयंसेवकों, छात्रों के साथ विस्थापन विभीषिका की स्मृति में मौन जुलूस डा. अवधेश मिश्र एवं डा. अविनाश वर्मा के संयोजकत्व में समोधपुर से जमौली तक निकाला गया। इसके बाद बी. एड. छात्रावास में स्वतंत्रता आंदोलन पर प्रश्नोत्तरी, काव्य पाठ, लोकगीत, भाषण कार्यक्रम डा. आलोक प्रताप सिंह एवं डा. लालमणि प्रजापति के संयोजकत्व में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डा. राकेश यादव समन्वयक रासेयो एवं संयोजक आजादी का अमृत महोत्सव एवं हर घर तिरंगा ने किया। विषय प्रवर्तन डा. अरविंद सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डा. अवधेश मिश्र ने किया। इस अवसर पर डा. लक्ष्मण सिंह, डा. पंकज सिंह, डा. अविनाश वर्मा, डा. लालमणि प्रजापति, जितेंद्र सिंह, डा. नीलम सिंह, विकास यादव, जितेंद्र कुमार, विष्णुकांत त्रिपाठी, कार्यालय अधीक्षक बिंद प्रताप सिंह, राम नरेश प्रजापति, अखिलेश सिंह, राजेश सिंह, ज्वाला प्रसाद, इदरीश आदि शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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