आईएमए के ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स के नाम पर चल रहा गोल—माल
शाम 5 बजे से बैठे व्यक्ति को रात में 1 बजे मिला प्लेटलेट्स
उसके बाद आये लोग लेकर चले जा रहे थे, मगर उसे बैठाया गया
समय से प्लेटलेट्स न मिलने पर पुत्र को छोड़कर चली गयी मां
कुमार विनीत
वाराणसी। वर्तमान में डेंगू के रूप में तेजी से फैल रही महामारी के चलते मरीजों की बढ़ रही संख्या को देखते हुये जहां शासन—प्रशासन गम्भीर हो गया है जो पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिये सारी सम्बन्धित व्यवस्था को उपलब्ध कराते हुये अपने मातहतों सहित स्वास्थ्य विभाग को बराबर दिशा निर्देश दे रहा हैं, वहीं वाराणसी के आईएमए ब्लड बैंक बीती रात एकाएक सुर्खियों में आ गया है। पीड़ित सहित प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जनपद सोनभद्र के रेनूकूट के म्योपुर निवासी कुलदीप नामक एक व्यक्ति अपनी बीमार मां के लिये प्लेटलेट्स के लिये वाराणसी में स्थित आईएमए के ब्लड बैंक पहुंचा।
नियम से वह आवेदन करते हुये नम्बर लगा दिया लेकिन वह शाम 5 बजे से लगभग 12 बजे तक अपने नम्बर का इंतजार करता रहा लेकिन सूत्रों की मानें तो कुछ प्रभावशाली लोगों का नम्बर जो उसके बाद था, वह प्लेटलेट्स लेकर चले जा रहे थे। काफी देर तक इंतजार एवं अपने को उपेक्षित होते देख वह जब अपने नम्बर की बात कहा तो कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिला। वहां खड़े कुछ लोगों ने जब विरोध किया तो वहां देखते ही देखते हंगामा हो गया। काफी शोर—शराबा के बाद किसी तरह उस व्यक्ति को प्लेटलेट्स मिला लेकिन तब तक उसकी मां की मौत हो चुकी थी। लोगों की मानें तो उक्त ब्लड बैंक में बीती रात ड्यूटी पर डा. प्रीवत उपाध्याय एवं केके सिंह रहे जो पैसे के चक्कर में बिना नम्बर वालों को सेवा दे रहे थे। समाचार लिखे जाने तक इस मामले में कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई थी लेकिन कुलदीप की पीड़ित मां उसे अवश्य छोड़कर चली गयी थी जिसको लेकर जनपद में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
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