अतुल राय जलालपुर, जौनपुर। क्षेत्र के अभिनव पूर्व माध्यमिक विद्यालय नाहरपट्टी की प्रधानाध्यापिका संजू चौधरी ने शिक्षा सम्बंधित एक प्रेस वार्ता के दौरान कही कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में सभी स्कूलों, कालेजों को सुरक्षा की दृष्टि से बन्द करा दिया गया है और प्रतिदिन शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य कर दिया गया है। यह बहुत अच्छी बात है।
सरकार बच्चों को आनलाईन पढ़ाने के लिए प्रेरित कर रही है। जबकि हम सभी लोग जानते हैं कि शहरी इलाकों में कुछ हद तक आनलाइन पढाई किया जा सकता है, परन्तु ग्रामीण इलाकों में यह कार्य बहुत कठिन है। कठिन इसलिए है कि ग्रामीण इलाकों में किसी के पास एन्ड्राइड सेट मोबाइल नहीं है और यदि है तो नेटवर्क नहीं और कुछ लोगों का मोबाइल रिचार्ज नहीं है सभी लोग सक्षम नहीं है। इसलिए कठिनाई हो रही। ऐसी परिस्थितियों में बच्चों का भविष्य खराब हो जाएगा।
यदि सरकार और शिक्षा विभाग के आला अधिकारी एक एक कक्षा को दो दो दिन चलाने का रोस्टर बनाते हुए अनुमति दें तो सोसल डिस्टेंसिंग के साथ एक दिन में एक ही कक्षा के बच्चों को तीन कमरों मे बैठाकर पढ़ाया जा सकता है और उनको होमवर्क देकर शिक्षा को बेहतर बनाते हुए बच्चों के भविष्य को सवारा जा सकता है। जैसे प्राथमिक विद्यालयों में दो दिन तीन के बच्चे को तो दो दिन चार के फिर दो दिन पाँच के बच्चों को पढ़ाया जाय।
उसी तरह पूर्व माध्यमिक विद्यालय में दो दिन 6 को, दो दिन 7 को तथा दो दिन 8 के बच्चों को पढ़ाए जाने की अनुमति दी जाए तो शिक्षा की दृष्टि से बेहतर हो सकता है। ऐसा हम शिक्षकों का विचार है। क्योंकि सरकार बच्चों के लिए नि:शूल्क किताबों के साथ ड्रेस, बैग, शूज आदि सुविधाएं तो दे ही रही है, लेकिन जब तक बच्चों को शिक्षा नहीं मिलेगा तब तक इन सुविधाओं से कोई लाभ नहीं होना है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों तथा सरकार को इन विषयों पर विचार करनी चाहिए।