स्वास्थ्य विभाग मेहरबान या लापरवाह
कर्नलगंज में धड़ल्ले से संचालित हो रहा मानकविहीन अस्पताल
जिम्मेदार अधिकारियों पर अस्पताल संचालक से मिलीभगत का आरोप
सीधे-साधे लोगों के साथ उपचार के नाम पर हो रही ठगी एवं शोषण
तेजस टूडे ब्यूरो
मुसैब अख्तर
कर्नलगंज, गोण्डा। स्थानीय तहसील क्षेत्र में अवैध रूप से मानक विहीन संचालित हो रहे नर्सिंग होम व अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग का शिकंजा ना कसने से मानकों को ताक पर रखकर चलाए जाने वाले अवैध अस्पतालों के संचालकों के हौसले बुलंद है। बिना रजिस्ट्रेशन व सुविधाओं के मनमानी तरीके से चल रहे अस्पतालों ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल दी है और जिम्मेदारों की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
बता दें कि इन संचालित अवैध अस्पतालों में प्रशिक्षित स्टाफ नर्स नहीं होती हैं और न ही ट्रेड टेक्नीशियन रखे जाते हैं। अस्पतालों में लापरवाही की हद तो यह है कि आयुर्वेदिक स्नातक की डिग्री पर चिकित्सक एलोपैथिक इलाज व गंभीर अवस्था के मरीजों का सीजर ऑपरेशन करते हैं। ऑपरेशन टेबल पर मरीजों का केस बिगड़ने पर बाहर से प्रशिक्षित चिकित्सकों को बुलाया जाता है। इसी क्रम में तहसील मुख्यालय कर्नलगंज स्तर पर कर्नलगंज कस्बे में मानकविहीन, बगैर डिग्री धारक डॉक्टर द्वारा मनमाने तरीके से अस्पताल संचालित करने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि रेलवे स्टेशन के सामने भैरवनाथपुरम को जाने वाली गली में मोहम्मद साहिल पुत्र इलियास निवासी मीनापुर थाना कोतवाली कर्नलगंज द्वारा वारसी अस्पताल के नाम से मानक विहीन अस्पताल संचालित किया जा रहा है।
उक्त बातों को बयां करते हुए शिकायतकर्ता ने बताया कि अस्पताल संचालक के पास डॉक्टर की डिग्री भी नहीं है और न ही अस्पताल तक जाने के लिए किसी एंबुलेंस का रास्ता है जिससे इमरजेंसी आने पर किसी को भी जान के लाले पड़ सकते हैं। साथ ही शिकायतकर्ता ने बताया कि मरीजों को गाड़ी खड़ी करने के लिए कोई पार्किंग की भी व्यवस्था नहीं है जिससे गाड़ी खड़ी करने में समस्या के साथ आए दिन रोड पर जाम भी लगता है। बताया कि आस—पास के कुछ लोग सीधे-साधे गांव से आने वाले मरीजों को बरगलाकर इलाज के नाम पर अस्पताल तक ले जाते हैं और कमीशनखोरी करते हुए मरीजों का भरपूर शोषण करते हैं तथा जिस डॉक्टर के नाम से अस्पताल संचालित किया जा रहा है वह डॉक्टर कभी भी अस्पताल में नहीं आते हैं। मात्र उनकी डिग्री लगाकर अवैध तरीके से बगैर डिग्री धारक लोग डॉक्टर बनकर इलाज कर रहे हैं। ऐसे में लोगों का मानना है कि संबंधित अस्पताल में लोगों को इलाज कराने के बाद समस्याएं भी हो चुकी हैं। लेकिन फिर भी स्थानीय स्वास्थ्य विभाग मौन धारण किए हुए है।
अस्पताल को लेकर कर्नलगंज के ही निवासी पवन देव सिंह ने मंडलायुक्त देवीपाटन मंडल से शिकायत करते हुए सख्त कार्यवाही की मांग किया है। कर्नलगंज तहसील क्षेत्र में दर्जनों मानकविहीन अवैध हॉस्पिटल और ट्रॉमा सेंटर चल रहे हैं। कोई अस्पताल दो कमरे में चल रहा है तो कोई किराए के मकान में इनमें ज्यादातर में डिग्रीधारी डॉक्टर नहीं हैं और झोला छाप इलाज के नाम पर मरीजों से वसूली कर रहे हैं जिन पर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों की नजर नहीं पड़ रही है। प्रदेश समेत केंद्र सरकार का सख्त निर्देश है कि झोला छाप डॉक्टरों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। कर्नलगंज का यह अस्पताल महज एक नमूना है। इसके अलावा देखा जाए तो कटरा बाजार, परसपुर, भंभुआ, बालपुर, पहाड़ापुर सहित आस—पास कई कस्बों में दर्जनों बगैर डिग्रीधारक डॉक्टर अस्पतालों को संचालित करते हुए सीधे-साधे लोगों के साथ इलाज के नाम पर जमकर ठगी कर रहे हैं और स्थानीय डॉक्टरों की संलिप्तता से उनके विरुद्ध कार्यवाही नहीं हो पाती है।
इस संबंध में जब मुख्य चिकित्साधिकारी गोंडा रश्मि वर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी तक मेरे संज्ञान में ऐसा कोई अस्पताल संचालित होने का मामला नहीं आया था। मीडिया के माध्यम से खबरें मिल रही हैं। शीघ्र ही टीम गठित करके जांच कर कार्यवाही की जायेगी।
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