दुर्गा प्रतिमा स्थापना को लेकर गाइडलाइन जारी, एक क्लिक में पढें पूरी जानकारी | #TEJASTODAY

दुर्गा प्रतिमा स्थापना को लेकर गाइडलाइन जारी, एक क्लिक में पढें पूरी जानकारी | #TEJASTODAY

दुर्गा प्रतिमा स्थापना को लेकर गाइडलाइन जारी, एक क्लिक में पढें पूरी जानकारी | #TEJASTODAY लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने नवरात्र, दशहरा व रामलीला से संबंधित सामूहिक आयोजनों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। इसके अनुसार किसी भी कार्यक्रम जैसे जयंती, मेला, प्रतिमा स्थापना एवं विसर्जन, रामलीला, जागरण, प्रदर्शनी, रैली व जुलूस आदि के लिए नोएडा व लखनऊ में पुलिस कमिश्नर तथा अन्य जिलों में डीएम से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा। मुख्य सचिव आरके तिवारी की तरफ से जारी इन दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सामूहिक गतिविधियां कतिपय प्रतिबंधों के अधीन होंगी। किसी भी बंद स्थान, हॉल या कमरे की निर्धारित क्षमता का 50 प्रतिशत लेकिन अधिकतम 200 व्यक्तियों तक को फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजर व हैंडवाश की उपलब्धता की अनिवार्यता के साथ अनमुति दी जाएगी। इसी तरह किसी भी खुले स्थान या मैदान पर ऐसे स्थानों के क्षेत्रफल के अनुसार मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजर व हैंडवाश की उपलब्धता की अनिवार्यता के साथ अनमुति दी जाएगी। सभी जिलों में प्रत्येक आयोजन स्थल पर सार्वजनिक रूप से प्रचार-प्रसार के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग अनिवार्य होगा। मुख्य सचिव ने स्पष्ट कहा है कि मूर्तियों की स्थापना पारंपरिक परंतु खाली स्थान पर की जाएगी और उनका आकार छोटा रखा जाएगा तथा मैदान की क्षमता से अधिक लोग नहीं रहेंगे। चौराहों या सड़क पर कोई मूर्ति या ताजिया नहीं रखी जाएगी। आवश्यकता के अनुसार वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन आयोजन समितियों से विचार-विमर्श कर कोविड-19 के प्रोटोकॉल के अनुसार कार्रवाई करेगा। मूर्तियों के विसर्जन के लिए यथासंभव छोटे वाहनों का प्रयोग किया जाएगा और विसर्जन कार्यक्रम में न्यूनतम लोग ही शामिल होंगे। रैली या विसर्जन के लिए रूट प्लान पहले तैयार किया जाएगा। इसमें विसर्जन स्थल का चिह्नांकन, अधिकतम व्यक्तियों की संख्या का निर्धारण एवं शारीरिक दूरी का पालन कराने की योजना भी पहले बनाई जाएगी। रैली या विसर्जन जुलूस की दूरी ज्यादा होने पर एंबुलेंस की सेवाएं भी ली जाएंगी। कार्यक्रम स्थल के लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत आयोजन स्थल पूर्व में चिह्नित कर उसकी सीमा तय करते हुए विस्तृत साइट प्लान तैयार करना होगा जिसमें शारीरिक दूरी बनाए रखने, थर्मल स्कैनिंग व सेनेटाइजेशन के मानक का पालन हो सके। कार्यक्रम स्थल पर आगंतुकों के लिए प्रवेश एवं निकास के लिए अलग-अलग एवं यथासंभव एक से अधिक रास्ते बनाए जाएंगे। कार्यक्रम स्थल पर केवल वही स्टाफ या दर्शक प्रवेश करेगा, जिसमें किसी प्रकार के कोविड के लक्षण नहीं होंगे। ऐसे सभी कार्यक्रमों में चिकित्सकीय सुविधाओं के लिए निकटवर्ती हास्पिटल से मैपिंग करने की भी योजना बनाने को कहा गया है। कार्यक्रम स्थल पर कोविड-19 से बचने के उपायों से संबंधित पोस्टर-बैनर लगाए जाएंगे और यथासंभव आडियो-विजुअल प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। कार्यक्रम स्थल पर एसी लगाए जाने की स्थिति में सीपीडब्ल्यूडी की गाइड लाइन का पालन करना होगा। इसके तहत तापमान 24-30 डिग्री तथा ह्यूमिडिटी की रेंज 40-70 डिग्री के बीच रखना होगा। शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि कंटेनमेंट जोन में किसी भी त्योहार विषयक गतिविधियों की अनुमति नहीं होगी। कंटेनमेंट जोन से किसी भी आयोजक, कर्मचारी अथवा दर्शक को आयोजन में आने की अनुमति भी नहीं होगी। इसके साथ ही 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों, गंभीर रोगों से ग्रसित व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं तथा 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को घर पर रहने की सलाह दी गई है। कार्यक्रम, प्रदर्शन व रैल के दौरान किसी भी व्यक्ति में कोविड का लक्षण दिखाई देने पर उसे तब तक आइसोलेट रखना होगा, जब तक उसे चिकित्सकीय सुविधा न उपलब्ध हो जाए। प्रमुख त्योहार शारदीय नवरात्र शुभारंभ-17 अक्तूबर महाअष्टमी-23 अक्टूबर महानवमी-24 अक्टूबर विजय दशमी/दशहरा-25 अक्टूबर बारावफात-30 अक्टूबर वाल्मीकि जयंती-31 अक्टूबर धनतेरस-12 नवंबर छोटी दीपावली-13 नवंबर बड़ी दीपावली-14 नवंबर गोवर्धन पूजा-15 नवंबर भैया दूज-16 नवंबर छठ पूजा-20 नवंबर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने नवरात्र, दशहरा व रामलीला से संबंधित सामूहिक आयोजनों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। इसके अनुसार किसी भी कार्यक्रम जैसे जयंती, मेला, प्रतिमा स्थापना एवं विसर्जन, रामलीला, जागरण, प्रदर्शनी, रैली व जुलूस आदि के लिए नोएडा व लखनऊ में पुलिस कमिश्नर तथा अन्य जिलों में डीएम से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा।

मुख्य सचिव आरके तिवारी की तरफ से जारी इन दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सामूहिक गतिविधियां कतिपय प्रतिबंधों के अधीन होंगी। किसी भी बंद स्थान, हॉल या कमरे की निर्धारित क्षमता का 50 प्रतिशत लेकिन अधिकतम 200 व्यक्तियों तक को फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजर व हैंडवाश की उपलब्धता की अनिवार्यता के साथ अनमुति दी जाएगी। इसी तरह किसी भी खुले स्थान या मैदान पर ऐसे स्थानों के क्षेत्रफल के अनुसार मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजर व हैंडवाश की उपलब्धता की अनिवार्यता के साथ अनमुति दी जाएगी। सभी जिलों में प्रत्येक आयोजन स्थल पर सार्वजनिक रूप से प्रचार-प्रसार के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग अनिवार्य होगा।

मुख्य सचिव ने स्पष्ट कहा है कि मूर्तियों की स्थापना पारंपरिक परंतु खाली स्थान पर की जाएगी और उनका आकार छोटा रखा जाएगा तथा मैदान की क्षमता से अधिक लोग नहीं रहेंगे। चौराहों या सड़क पर कोई मूर्ति या ताजिया नहीं रखी जाएगी। आवश्यकता के अनुसार वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन आयोजन समितियों से विचार-विमर्श कर कोविड-19 के प्रोटोकॉल के अनुसार कार्रवाई करेगा। मूर्तियों के विसर्जन के लिए यथासंभव छोटे वाहनों का प्रयोग किया जाएगा और विसर्जन कार्यक्रम में न्यूनतम लोग ही शामिल होंगे। रैली या विसर्जन के लिए रूट प्लान पहले तैयार किया जाएगा। इसमें विसर्जन स्थल का चिह्नांकन, अधिकतम व्यक्तियों की संख्या का निर्धारण एवं शारीरिक दूरी का पालन कराने की योजना भी पहले बनाई जाएगी। रैली या विसर्जन जुलूस की दूरी ज्यादा होने पर एंबुलेंस की सेवाएं भी ली जाएंगी।

कार्यक्रम स्थल के लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत आयोजन स्थल पूर्व में चिह्नित कर उसकी सीमा तय करते हुए विस्तृत साइट प्लान तैयार करना होगा जिसमें शारीरिक दूरी बनाए रखने, थर्मल स्कैनिंग व सेनेटाइजेशन के मानक का पालन हो सके। कार्यक्रम स्थल पर आगंतुकों के लिए प्रवेश एवं निकास के लिए अलग-अलग एवं यथासंभव एक से अधिक रास्ते बनाए जाएंगे। कार्यक्रम स्थल पर केवल वही स्टाफ या दर्शक प्रवेश करेगा, जिसमें किसी प्रकार के कोविड के लक्षण नहीं होंगे। ऐसे सभी कार्यक्रमों में चिकित्सकीय सुविधाओं के लिए निकटवर्ती हास्पिटल से मैपिंग करने की भी योजना बनाने को कहा गया है। कार्यक्रम स्थल पर कोविड-19 से बचने के उपायों से संबंधित पोस्टर-बैनर लगाए जाएंगे और यथासंभव आडियो-विजुअल प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। कार्यक्रम स्थल पर एसी लगाए जाने की स्थिति में सीपीडब्ल्यूडी की गाइड लाइन का पालन करना होगा। इसके तहत तापमान 24-30 डिग्री तथा ह्यूमिडिटी की रेंज 40-70 डिग्री के बीच रखना होगा।

शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि कंटेनमेंट जोन में किसी भी त्योहार विषयक गतिविधियों की अनुमति नहीं होगी। कंटेनमेंट जोन से किसी भी आयोजक, कर्मचारी अथवा दर्शक को आयोजन में आने की अनुमति भी नहीं होगी। इसके साथ ही 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों, गंभीर रोगों से ग्रसित व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं तथा 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को घर पर रहने की सलाह दी गई है। कार्यक्रम, प्रदर्शन व रैल के दौरान किसी भी व्यक्ति में कोविड का लक्षण दिखाई देने पर उसे तब तक आइसोलेट रखना होगा, जब तक उसे चिकित्सकीय सुविधा न उपलब्ध हो जाए।

प्रमुख त्योहार

शारदीय नवरात्र शुभारंभ-17 अक्तूबर
महाअष्टमी-23 अक्टूबर
महानवमी-24 अक्टूबर
विजय दशमी/दशहरा-25 अक्टूबर
बारावफात-30 अक्टूबर
वाल्मीकि जयंती-31 अक्टूबर
धनतेरस-12 नवंबर
छोटी दीपावली-13 नवंबर
बड़ी दीपावली-14 नवंबर
गोवर्धन पूजा-15 नवंबर
भैया दूज-16 नवंबर
छठ पूजा-20 नवंबर

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दाह संस्कार को गई शव को पुलिस ने लिया कब्जे में | #TEJASTODAY पत्नी सहित ससुराली जनों ने लगाया हत्या का आरोप सुरेरी, जौनपुर। बीते रविवार की रात लगभग 8 बजे नेवढ़िया थाना क्षेत्र के दोदापुर गांव निवासी छविनाथ मिश्र के 40 वर्ष पुत्र विनय मिश्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक के परिजनों की मानें तो युवक पारिवारिक कलह को लेकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था। वही घटना के बाद मृतक के परिजन बगैर किसी को सूचना दिए मृतक के शव को दाह संस्कार के लिए वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर लेकर पहुंच गए थे। किसी तरह से घटना की सूचना मायके गई पत्नी प्रतिमा को लगी तो उन्होंने घटना की सूचना पुलिस अधीक्षक जौनपुर सहित जिलाधिकारी जौनपुर को दी, और परिजनों के साथ पत्नी भी मणिकर्णिका घाट पहुंच गई। वही घंटों चले पंचायत के बाद नेवढ़िया पुलिस शव को कब्जे में लेकर थाने पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक की पत्नी प्रतिमा का आरोप है कि परिवार जनों द्वारा युवक की हत्या की गई है, और उसे आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है। वही मृतक के पत्नी का यह भी आरोप है कि जब वह अपने पिता दीनानाथ के साथ सोमवार को तहरीर देने नेवढ़िया थाने पहुची तो थानाध्यक्ष द्वारा फटकार लगाते हुए उन्हें थाने से भगा दिया गया। ग्रामीणों की माने तो मृतक अपने परिवार के साथ मुंबई में ही रहता था, लॉकडाउन के दौरान वह मुंबई से अपने घर आया हुआ था। मृतक की पत्नी रक्षाबंधन के पर्व पर अपने मायके गई हुई थी। मृतक को दो बच्चे हर्षीत 14 वर्ष, अंकिता 8 वर्ष है। इस संदर्भ में थानाध्यक्ष नेवढ़िया संतोष राय ने बताया कि पत्नी की शिकायत पर मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

सम्पूर्ण समाधान दिवस का हुआ आयोजन | #TEJASTODAY चंदन अग्रहरि शाहगंज, जौनपुर। स्थानीय तहसील सभागार में सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन सीडीओ अनुपम शुक्ला की अध्यक्षता में हुआ। जिसमें फरियादियों द्वारा कुल 47 प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसमें मौके पर 11 प्रार्थना-पत्रों का निस्तारण हुआ। शेष प्रार्थना पत्र सम्बन्धित विभाग को सौंप दिया गया। वहीं कोरोना संक्रमण के चलते बिना मास्क के किसी भी फरियादी को प्रवेश नहीं करने दिया गया। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। इस दौरान प्रमुख रुप उपजिलाधिकारी राजेश कुमार वर्मा, तहसीलदार अभिषेक राय, क्षेत्राधिकारी जितेन्द्र दूबे, वीडीओ सोंधी अनुराग राय, कस्बा कानूनगो नीरज सिंह आदि मौजूद रहे।

पारिवारिक कलह से क्षुब्ध होकर युवक ने ​खाया जहरीला पदार्थ | #TEJASTODAY चंदन अग्रहरि शाहगंज, जौनपुर। क्षेत्र के पारा कमाल गांव में पारिवारिक कलह से क्षुब्ध होकर बुधवार की शाम युवक ने किटनाशक पदार्थ का सेवन कर लिया। आनन फानन में परिजनों ने उपचार के लिए पुरुष चिकित्सालय लाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने हालत गंभीर देखते हुए जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। क्षेत्र के पारा कमाल गांव निवासी पिंटू राजभर 22 पुत्र संतलाल बुधवार की शाम पारिवारिक कलह से क्षुब्ध होकर घर में रखा किटनाशक पदार्थ का सेवन कर लिया। हालत गंभीर होने पर परिजन उपचार के लिए पुरुष चिकित्सालय लाया गया। जहां पर हालत गंभीर देखते हुए चिकित्सकों बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया।

कोरोना संक्रमण के चलते 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प | #TEJASTODAY मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील के अधिवक्ताओं ने बैठक कर कोरोना संक्रमण को मद्देनजर 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प रखने का निर्णय लिया है। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रेम बिहारी यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को साधारण सभा की बैठक बुलाई गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुये अधिवक्ता 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। इस मौके पर अधिवक्ताओं ने कहा कि तहसील में वादकारियों व अधिवक्ताओं की बढ़ती भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है जिसके कारण संक्रमण का बराबर खतरा बना हुआ है। ऐसी स्थिति में एहतियात के तौर पर यह निर्णय अति आवश्यक है। बैठक में महामंत्री अजय सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चंद्र सिन्हा, अशोक श्रीवास्तव, सुरेन्द्र मणि शुक्ला, जगदंबा प्रसाद मिश्र, नागेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव, विनय पाण्डेय, हरि नायक तिवारी, वीरेंद्र भाष्कर यादव, मनमोहन तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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