एन.के.मौर्य गोण्डा। पीड़ितों को लेकर जारी सीएम योगी का फरमान गोण्डा के देहात कोतवाली थाने में दम तोड़ता दिखाई दे रहा है, और तो और पत्नी के अपहरण जैसे मामले में भी लाचार पीड़ित को 15 दिनों से थाने से लेकर चौकी तक चक्कर लगाना पड़ रहा है बावजूद इसके यहां तैनात कानून के रखवालों को कोई फर्क नही पड़ता। पीड़ितों के दुख दर्द का निवारण करने की बजाय उसे दर किनार करके पुलिस द्वारा इन्हें दर दर की ठोंकरे खाने के लिए छोड़ दिया जाता है। इतना कुछ होने के बावजूद जिम्मेदार मौन हैं।
बताते चलें कि प्रकाश में आया अपहरण का मामला थाना देहात कोतवाली के पथरी बाजार स्थित मौजा रामपुर के ग्राम कोटहन पुरवा का है जहां के निवासी श्री राम का कहना है कि दिनांक 11 मई को जब वह अपनी पत्नी व बेटे के साथ पथरी बाजार स्थित भारतीय स्टेट बैंक से रुपये निकालने गया था तो बैंक के बाहर खड़ी पत्नी व बेटे को नारायणपुर गांव के कुछ दबंगों ने चौपहिया गाड़ी से अगुवा कर लिया। इससे पहले पीड़ित कुछ कर पाता लोग आंखों से ओझल हो गए। पीड़ित ने पुलिस चौकी के साथ ही थाने पर नामजद तहरीर दी मगर वही हुआ जो अक्सर होता आया है। पीड़ित का आरोप है कि पुलिस वाले उसे चौकी से थाने व थाने से चौकी तक दौड़ाते रहे और कार्यवाही के नाम पर हाथ धरे बैठे रहे।
हद तो तब हो गयी जब पीड़ित ने बताया कि थाने पर एक आरोपी को लाया गया था मगर बाद मे उसे पिंजरे के तोते की तरह आजाद कर दिया गया। मरता क्या न करता आख़िरकार पीड़ित श्री राम न्याय की उम्मीद लेकर एसपी के चौखट पर पहुंचा जहां उसे आश्वासन तो मिला मगर अब तक कोई कार्यवाही नही हुई। पत्नी व बच्चे को न पाकर जहां पीड़ित काफी हताश हैं वहीं उसका कहना है कि आजाद पंक्षी की तरह घूम रहे दबंगो द्वारा उसे जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है। मगर देहात कोतवाली की पुलिस शासन प्रशासन के निर्देशों को ताक पर रखकर शायद किसी अनहोनी घटना का इंतजार कर रही है। बहरहाल मामले को लेकर पीड़ित का कहना है कि अगर न्याय न मिला तो वह सीएम योगी से दर्द की दास्तान बयां करके न्याय का दामन फैलाएगा।