आग लगी तरकारी | #TEJASTODAY
जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल
चर्चा नगर-देहात।
आग लगी तरकारी।।
सिसक रही जेब।
झांक रहा सरकारी।।
लूट मची है मानो।
व्यंजन सब्जी फीका।।
ध्यानाकर्षण कम खपत।
मंथन ये तरीका।।
है हमला खुराक।
और स्वाद को धक्का।।
है अब तक निपटाया।
आगे अड़चन पक्का।।
अनियंत्रित भाव।
गुमशुदा तरकारी।।
आपदा में अवसर।
जनमानस लाचारी।।
कृष्णेन्द्र राय