खेतों में डण्ठल जलाने पर देना होगा जुर्मानाः सीडीओ | #TEJASTODAY

खेतों में डण्ठल जलाने पर देना होगा जुर्मानाः सीडीओ | #TEJASTODAY

खेतों में डण्ठल जलाने पर देना होगा जुर्मानाः सीडीओ | #TEJASTODAY जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल जौनपुर (टीटीएन) 17 अक्टूबर। उप निदेशक कृषि ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय हरित अधिकारण (एनजीटी) के आदेश के क्रम में अब खेतो में पराली जलाना मंहगा साबित होगा। ऐसा करने वालो पर जहां जुर्माना लगाये जायेगा। वहीं दोबारा पकड़े जाने पर कृषि विभाग के अनुदान से वंचित कर दिया जायेगा। उक्त के अनुपालन में 17 अक्टूबर दिन शनिवार को मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में जनपद के समस्त कम्बाईन हार्वेस्टर धारको एवं सहायक विकास अधिकारी (कृषि) के साथ विकास भवन सभागार में बैठक कर शासनादेश से किसानों को भली-भॉति अवगत कराया गया कि वर्तमान में खरीफ फसलों की कटाई के बाद जो डंठल बचता है, किसान उसे खेत में ही जला देते हैं। फलस्वरूप भूमि की ऊपरी सतह जल जाती है, उससे लाभदायक जीवाणुु समाप्त होने के साथ ही पर्यावारण भी प्रदूषित होता है। फसल अवशेष जलाने से तमाम बस्तियों, खेतों, जंगलों आदि स्थानों पर अगलगी की तमाम दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इस गम्भीर समस्या को देखते हुये राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने खेतों में फसल अवशेष जलाने वालों पर दण्डात्मक कानून बना दिया है। मुख्य विकास अधिकारी अनुपम शुक्ला ने बताया कि फसल अवशेष जलाने पर जहां ढाई हजार से लेकर 15 हजार रूपये तक जुर्माने की राशि तय की गई है, वहीं दोबारा खेत में फसल अवशेष जलाते हुये पकड़े जाने पर ऐसे कृषकों को कृषि विभाग से मिलने वाले अनुदानों से भी वंचित कर दिया जायेगा। उप कृषि निदेशक जय प्रकाश ने किसानों को सुझाव दिया कि धान की कटाई फसल अवशेष प्रबंधन वाले यंत्रों यथा सुपर स्ट्रा मैनेजमेण्ट, स्ट्ररीपर, मल्चर सहित हार्वेस्टर से ही करायें। यह यंत्र डंठल का भूसा बना देगी। इससे पशुओं के लिये चारा भी मिल जायेगा। वहीं दूसरी सबसे बड़ी समस्या खेत में आग लगाने से भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट हो जाती है और मिट्टी के अन्दर स्थित मित्र कीटों की मृत्यु हो जाती है, इससे मृदा का संतुलन भी बिगड़ जाता है, इससे निजात मिलेगी। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि बगैर फसल अवशेष प्रबंधन वाले यंत्रों के बिना हार्वेस्टर मशीन से कटाई पर भी रोक लगाई गई है जो भी हार्वेस्टर मशीन धारक फसल अवशेष प्रबंधन वाले यंत्रों के बिना के कटाई करते हुये पाये गये तो उनकी मशीन जब्त कर कानूनी कार्यवाही की जायेगी। उनके द्वारा बताया गया कि खेतों में डंठल जलाने से किसानों एवं पर्यावरण दोनों को क्षति होती है। मिट्टी में स्थित पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। वहीं मिट्टी के अन्दर पल रहे केचूआ व अन्य मित्र कीटों की भी असमय मौत हो जाती है। केचूआ मिट्टी को भुरभुरा बनाकर मृदा को उर्वरा बनाने का कार्य करता है। मृदा जीवन का आधार है जिसे बचायें। फसल विशेष प्रबंध की निगरानी के लिये कलेक्ट्रेट स्थित कन्ट्रोल रूम में हेल्प डेस्क बनाया गया है जिसका फोन नम्बर 05452-260666 है जो फसल की कटाई की मानीटरिंग करेगी। जनपद के समस्त न्याय पंचायत व ग्राम पंचायतवार नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गयी है तथा समस्त कम्बाईन हार्वेटर मशीनों की निगरानी हेतु कर्मचारी नामित किये गये हैं। 19 अक्टूबर को जनपद की समस्त ग्राम पंचायतो में कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग द्वारा कैम्प अयोजित की किसानों को फसल अवशेष न जलाने हेतु जागरूक किया जायेगा।

जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल
जौनपुर (टीटीएन) 17 अक्टूबर। उप निदेशक कृषि ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय हरित अधिकारण (एनजीटी) के आदेश के क्रम में अब खेतो में पराली जलाना मंहगा साबित होगा। ऐसा करने वालो पर जहां जुर्माना लगाये जायेगा। वहीं दोबारा पकड़े जाने पर कृषि विभाग के अनुदान से वंचित कर दिया जायेगा।
उक्त के अनुपालन में 17 अक्टूबर दिन शनिवार को मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में जनपद के समस्त कम्बाईन हार्वेस्टर धारको एवं सहायक विकास अधिकारी (कृषि) के साथ विकास भवन सभागार में बैठक कर शासनादेश से किसानों को भली-भॉति अवगत कराया गया कि वर्तमान में खरीफ फसलों की कटाई के बाद जो डंठल बचता है, किसान उसे खेत में ही जला देते हैं। फलस्वरूप भूमि की ऊपरी सतह जल जाती है, उससे लाभदायक जीवाणुु समाप्त होने के साथ ही पर्यावारण भी प्रदूषित होता है। फसल अवशेष जलाने से तमाम बस्तियों, खेतों, जंगलों आदि स्थानों पर अगलगी की तमाम दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इस गम्भीर समस्या को देखते हुये राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने खेतों में फसल अवशेष जलाने वालों पर दण्डात्मक कानून बना दिया है।

मुख्य विकास अधिकारी अनुपम शुक्ला ने बताया कि फसल अवशेष जलाने पर जहां ढाई हजार से लेकर 15 हजार रूपये तक जुर्माने की राशि तय की गई है, वहीं दोबारा खेत में फसल अवशेष जलाते हुये पकड़े जाने पर ऐसे कृषकों को कृषि विभाग से मिलने वाले अनुदानों से भी वंचित कर दिया जायेगा। उप कृषि निदेशक जय प्रकाश ने किसानों को सुझाव दिया कि धान की कटाई फसल अवशेष प्रबंधन वाले यंत्रों यथा सुपर स्ट्रा मैनेजमेण्ट, स्ट्ररीपर, मल्चर सहित हार्वेस्टर से ही करायें। यह यंत्र डंठल का भूसा बना देगी। इससे पशुओं के लिये चारा भी मिल जायेगा।

वहीं दूसरी सबसे बड़ी समस्या खेत में आग लगाने से भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट हो जाती है और मिट्टी के अन्दर स्थित मित्र कीटों की मृत्यु हो जाती है, इससे मृदा का संतुलन भी बिगड़ जाता है, इससे निजात मिलेगी। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि बगैर फसल अवशेष प्रबंधन वाले यंत्रों के बिना हार्वेस्टर मशीन से कटाई पर भी रोक लगाई गई है जो भी हार्वेस्टर मशीन धारक फसल अवशेष प्रबंधन वाले यंत्रों के बिना के कटाई करते हुये पाये गये तो उनकी मशीन जब्त कर कानूनी कार्यवाही की जायेगी। उनके द्वारा बताया गया कि खेतों में डंठल जलाने से किसानों एवं पर्यावरण दोनों को क्षति होती है। मिट्टी में स्थित पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।

वहीं मिट्टी के अन्दर पल रहे केचूआ व अन्य मित्र कीटों की भी असमय मौत हो जाती है। केचूआ मिट्टी को भुरभुरा बनाकर मृदा को उर्वरा बनाने का कार्य करता है। मृदा जीवन का आधार है जिसे बचायें। फसल विशेष प्रबंध की निगरानी के लिये कलेक्ट्रेट स्थित कन्ट्रोल रूम में हेल्प डेस्क बनाया गया है जिसका फोन नम्बर 05452-260666 है जो फसल की कटाई की मानीटरिंग करेगी।

जनपद के समस्त न्याय पंचायत व ग्राम पंचायतवार नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गयी है तथा समस्त कम्बाईन हार्वेटर मशीनों की निगरानी हेतु कर्मचारी नामित किये गये हैं। 19 अक्टूबर को जनपद की समस्त ग्राम पंचायतो में कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग द्वारा कैम्प अयोजित की किसानों को फसल अवशेष न जलाने हेतु जागरूक किया जायेगा।

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दाह संस्कार को गई शव को पुलिस ने लिया कब्जे में | #TEJASTODAY पत्नी सहित ससुराली जनों ने लगाया हत्या का आरोप सुरेरी, जौनपुर। बीते रविवार की रात लगभग 8 बजे नेवढ़िया थाना क्षेत्र के दोदापुर गांव निवासी छविनाथ मिश्र के 40 वर्ष पुत्र विनय मिश्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक के परिजनों की मानें तो युवक पारिवारिक कलह को लेकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था। वही घटना के बाद मृतक के परिजन बगैर किसी को सूचना दिए मृतक के शव को दाह संस्कार के लिए वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर लेकर पहुंच गए थे। किसी तरह से घटना की सूचना मायके गई पत्नी प्रतिमा को लगी तो उन्होंने घटना की सूचना पुलिस अधीक्षक जौनपुर सहित जिलाधिकारी जौनपुर को दी, और परिजनों के साथ पत्नी भी मणिकर्णिका घाट पहुंच गई। वही घंटों चले पंचायत के बाद नेवढ़िया पुलिस शव को कब्जे में लेकर थाने पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक की पत्नी प्रतिमा का आरोप है कि परिवार जनों द्वारा युवक की हत्या की गई है, और उसे आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है। वही मृतक के पत्नी का यह भी आरोप है कि जब वह अपने पिता दीनानाथ के साथ सोमवार को तहरीर देने नेवढ़िया थाने पहुची तो थानाध्यक्ष द्वारा फटकार लगाते हुए उन्हें थाने से भगा दिया गया। ग्रामीणों की माने तो मृतक अपने परिवार के साथ मुंबई में ही रहता था, लॉकडाउन के दौरान वह मुंबई से अपने घर आया हुआ था। मृतक की पत्नी रक्षाबंधन के पर्व पर अपने मायके गई हुई थी। मृतक को दो बच्चे हर्षीत 14 वर्ष, अंकिता 8 वर्ष है। इस संदर्भ में थानाध्यक्ष नेवढ़िया संतोष राय ने बताया कि पत्नी की शिकायत पर मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

कोरोना संक्रमण के चलते 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प | #TEJASTODAY मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील के अधिवक्ताओं ने बैठक कर कोरोना संक्रमण को मद्देनजर 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प रखने का निर्णय लिया है। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रेम बिहारी यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को साधारण सभा की बैठक बुलाई गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुये अधिवक्ता 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। इस मौके पर अधिवक्ताओं ने कहा कि तहसील में वादकारियों व अधिवक्ताओं की बढ़ती भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है जिसके कारण संक्रमण का बराबर खतरा बना हुआ है। ऐसी स्थिति में एहतियात के तौर पर यह निर्णय अति आवश्यक है। बैठक में महामंत्री अजय सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चंद्र सिन्हा, अशोक श्रीवास्तव, सुरेन्द्र मणि शुक्ला, जगदंबा प्रसाद मिश्र, नागेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव, विनय पाण्डेय, हरि नायक तिवारी, वीरेंद्र भाष्कर यादव, मनमोहन तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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