हापुड़ में चल रहे अवैध खनन से किसान परेशान
रास्ते खराब हो गये, फसलें बर्बाद हो रहीं, कभी भी पलट सकते हैं वाहन
अनिल कश्यप
हापुड़। हापुड़ तहसील सदर क्षेत्र में खनन माफिया बेखौफ होकर धरती का सीना चीरने में लगे हुए हैं। जिस कारण आस-पास के खेत मालिक परेशान हैं। हापुड़ के काठी खेड़ा गांव में तो दिन के उजाले व पास के गांव लालपुर में दिन व रात में खनन कर डंपर व टेक्टर से मिट्टी भेेजी जा रही है। बावजूद इसके बाद भी प्रशासन मौन है। बता दें कि जनपद हापुड़ के तहसील सदर में स्थित काटी खेड़ा गांव व लालपुर गांव में इन दिनों खनन माफिया बेझिझक होकर खनन कर धरती का सीना चीरने में लगे हुए हैं जिन पर समय-समय पर प्रशासन द्वारा सूक्ष्म कार्रवाई भी की जाती रही है लेकिन कार्यवाही का सूक्ष्म होना इन खनन माफियाओं पर कोई असर नहीं डालता, शायद इसी वजह से खनन माफिया कार्रवाई होने के बाद भी अवैध खनन करने में लगे हुए हैं। बता दें कि गांव काठी खेड़ा में तो खनन माफिया से किसान इस कदर परेशान है अपनी समस्याओं को लेकर वह कुछ दिन पूर्व हापुड़ तहसीलदार सदर से भी मिले जिसमें एक प्रार्थना पत्र के माध्यम से अवैध खनन से हो रहे नुकसान के बारे में तहसीलदार सदर को अवगत कराया लेकिन बावजूद इसके खनन माफियाओं पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
जिसके बाद ग्राम काठीखेड़ा के किसानों का हापुड़ प्रशासन से कहीं न कहीं विश्वास उठता नजर आया। प्रशासन की कार्रवाई न होने से मायूस हुए किसान रविंद्र कुमार ने बताया कि सड़क के बराबर वाले खेत में मिट्टी का खनन यूं ही होता रहा तो यह सड़क खेत से लगभग 10 फीट ऊपर चली जाएगी और खेत सड़क से 10 फीट नीचे पहुंच जाएगा। इसके बाद किसान के पशु वाहन को यहां से गुजरने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। किसानों का मानना है यदि फसल से भरकर अपने पशु वाहन को इस खेत के बराबर से होकर गुजारेगा तो किसान को बराबर वाले खेत में वाहन के गिरने का डर बना रहेगा। बता दें कि बराबर के खेत में रेतीली मिट्टी होने की वजह से किसान का बाहर सड़क से खिसककर खेत में भी गिर सकता है। बावजूद इसके प्रशासन अवैध खनन माफियाओं को संरक्षण देने में लगा हुआ है और किसान प्रशासन के भरोसे मायूस हुआ बैठा है। इस संबंध में जब हमारे संवाददाता द्वारा उपजिलाधिकारी दिग्विजय सिंह से बात की गई तो उन्होंने मामले को संज्ञान में लेते हुए जल्द ही कार्रवाई करने की बात कही। अब देखना यह है कि आखिर कब तक किसान की सुनवाई होकर खनन माफियाओं पर कार्रवाई हो पाती है या फिर खनन माफियाओं को संरक्षण देकर किसानों द्वारा कही गई बातों को यूंही अनदेखा कर दिया जाएगा। यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
प्रार्थना पत्र देने के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
बता दें कि ग्राम काठीखेड़ा के किसान देवेन्द्र व श्रीचन्द्र ने 22 नवम्बर को एक प्रार्थना पत्र तहसीलदार सदर को सौंपा जिसमें खेत की मिट्टी अधिक गहरी तक खुदाई कर अवैध खनन को रुकवाने की मांग की। प्रार्थना पत्र के माध्यम से किसान देवेन्द्र व श्रीचन्द्र के कहा कि उनकी भूमि खसरा संख्या 458 व खाता संख्या 139 स्थित ग्राम काठीखेडा में है जिसके बराबर में किरनपाल व अमरपाल व सुखपाल व नरपत का खेत है जिनका खेत पहले से ही उनके खेत से काफी नीचा है तथा चकरोड़ भी खेत से काफी ऊंची है जिस पर हमें आवागमन करने में परेशानी हो रही है। इसके बावजूद भी वह अपने खेत को और भी काफी नीचा खुदवा रहे है। किसानों ने प्रार्थना पत्र के माध्यम से बताया कि जिस खेत में अवैध खनन चल रहा है उस खेत में बालू रेत भी है जिससे हमें अपने खेत में आवागमन व भूमि के पानी का कटान बराबर वाले खेत में जायेगा जिससे हमें खेत का कार्य करना असंभव है।
साहब नहीं रुका तो बग्गी पलट जायेगीः किसान
बता दें कि किसान रविंद्र कुमार ने बताया कि उनके खेत के पास चल रहे अवैध खनन की वजह से सड़के खराब हो गई है। वहीं जिस खेत में वह खनन करने में लगे हुए हैं। उसके बराबर से होकर एक रास्ता गुजरता है। रास्ते के बराबर में 4 फीट खनन पहले ही हो चुका है और 6 से खनन और होने की बात कही जा रही है। यदि यह खनन यहीं नहीं रुका तो खेत की सड़क से गहराई 10 फिट हो जाएगी और 10 फीट खनन होने के बाद यह रास्ता खिसक भी सकता है। साथ ही यदि किसान अपने भैंसा बुग्गी पर फसल लेकर यहां गुजरेगा तो बराबर की खेत में काफी गहराई होने की वजह से बुग्गी पलटने का डर भी बना रहेगा।
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