मिर्गी कोई दैवीय प्रताड़ना नहीं, बल्कि न्यूरो लॉजिकल डिसआर्डर हैः डा. हरिनाथ यादव | #TEJASTODAY

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मिर्गी कोई दैवीय प्रताड़ना नहीं, बल्कि न्यूरो लॉजिकल डिसआर्डर हैः डा. हरिनाथ यादव | #TEJASTODAY

राष्ट्रीय मिर्गी दिवस पर श्री कृष्णा न्यूरो एवं मानसिक चिकित्सालय में जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित

सर्वाधिक पढा जानें वाला जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल मिर्गी कोई दैवीय प्रताड़ना नहीं, बल्कि न्यूरो लॉजिकल डिसआर्डर हैः डा. हरिनाथ यादव | #TEJASTODAY राष्ट्रीय मिर्गी दिवस पर श्री कृष्णा न्यूरो एवं मानसिक चिकित्सालय में जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित जौनपुर। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व भर में मिर्गी से हर 50 लोगों में से 1 व्यक्ति पीड़ित है। इस आंकड़े के अनुसार भारत में 3 करोड़ लोगों को यह बीमारी है। खास बात यह है कि इनमें केवल 2.7 लाख लोग ही उपचार के लिये पहुंचते हैं। उक्त बातें वरिष्ठ मानसिक रोग एवं न्यूरो फिजीशियन डा. हरिनाथ यादव ने राष्ट्रीय मिर्गी दिवस पर आयोजित गोष्ठी में कही। नगर के नईगंज में स्थित श्री कृष्णा न्यूरो एवं मानसिक चिकित्सालय में आयोजित जनजागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित लोगों के बीच उन्होंने कहा कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य यह है कि मिर्गी से पीड़ितों के साथ उनके परिजनों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। मिर्गी कोई दैवीय प्रताड़ना नहीं है, बल्कि यह एक न्यूरो लॉजिकल डिसआर्डर है जिसमें मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिका की गतिविधि बाधित हो जाती है। इसके चलते दौरे आना या कुछ समय तक सामान्य व्यवहार करना, उत्तेजना करना और कभी-कभी बेहोशी हो जाती है। डा. यादव ने कहा कि जेनेटिक में गड़बड़ी और ब्रेन की नर्ब्स का ठीक से काम न करने वाले ही इस बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं। यदि जन्म के समय बच्चे को पीलिया हो गया हो या फिर उसके ब्रेन तक किसी इन्फेक्शन की वजह से पूरी आक्सीजन न पहुंच पायी हो तो वह पीड़ित हो सकता है। यदि हादसे में व्यक्ति को सिर पर चोट लग गयी हो तो वह भी शिकार हो सकता है। ब्रेन स्ट्रोक या ट्यूमर की समस्या आने, बेहद तनाव में रहने, पीड़ित व्यक्ति द्वारा दवा में लापरवाही करने पर मिर्गी के दौरे आ सकते हैं। इसके अलावा कम नींद लेना, हार्मोन्स में बदलाव आना, ज्यादा शराब पीना, ब्लड शूगर कम होना, ब्लड प्रेशर का कम होना, बेहद तेज रोशनी में आना भी नुकसानदायक होता है। इससे बचने का उपाय बताते हुये डा. यादव ने कहा कि ड्रग्स व शराब से बचें, डाक्टर की सलाह लें, निर्धारित सभी दवाएं लें, तेज चमकती रोशनी सहित अन्य हृदयात्मक उत्तेजनाओं से बचें, जितना सम्भव हो, टीवी-कम्प्यूटर के आगे कम रहें, वीडीओ गेम खेलने से बचें, तनाव से दूर रहें। दौरा आने पर सचेत रहने की जानकारी हुये मानसिक रोग विशेषज्ञ ने कहा कि मरीज के कपड़े, खास तौर पर गर्दन के आस-पास वाले कपड़े ढीले कर दें। रोगी को दबाना नहीं चाहिये, बल्कि उसे करवट कर देना चाहिये। चोट से बचने के लिये आस-पास से फर्नीचर, धारदार वस्तु आदि हटा देना चाहिये। मरीज को जबर्दस्ती पकड़ने या दौरा रोकने सहित मुंह में कुछ डालने की कोशिश न करते हुये मुंह को साफ कर देना चाहिये। मिर्गी आने पर मरीज को जूते, चप्पल, सड़ा प्याज आदि टोटके को एकदम न करने की सलाह देते हुये उन्होंने कहा कि दौरा खत्म होने के बाद मरीज तब तक होश में न आ जाय, तब तक उसे अकेला न छोड़ें और न ही कुछ खिलायें। अन्त में उन्होंने कहा कि मिर्गी जैसे रोग का नाम सुनकर डरने वाले लोगों को डरने की आवश्यकता नहीं है, क्याोंकि इसका उपचार सम्भव है। इस अवसर पर डा. सुशील यादव, लालजी यादव, शिव बहादुर, ब्यूटी यादव, सूरज यादव सहित तमाम लोग सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुये उपस्थित रहे।

जौनपुर। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व भर में मिर्गी से हर 50 लोगों में से 1 व्यक्ति पीड़ित है। इस आंकड़े के अनुसार भारत में 3 करोड़ लोगों को यह बीमारी है। खास बात यह है कि इनमें केवल 2.7 लाख लोग ही उपचार के लिये पहुंचते हैं। उक्त बातें वरिष्ठ मानसिक रोग एवं न्यूरो फिजीशियन डा. हरिनाथ यादव ने राष्ट्रीय मिर्गी दिवस पर आयोजित गोष्ठी में कही। नगर के नईगंज में स्थित श्री कृष्णा न्यूरो एवं मानसिक चिकित्सालय में आयोजित जनजागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित लोगों के बीच उन्होंने कहा कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य यह है कि मिर्गी से पीड़ितों के साथ उनके परिजनों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है।

मिर्गी कोई दैवीय प्रताड़ना नहीं है, बल्कि यह एक न्यूरो लॉजिकल डिसआर्डर है जिसमें मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिका की गतिविधि बाधित हो जाती है। इसके चलते दौरे आना या कुछ समय तक सामान्य व्यवहार करना, उत्तेजना करना और कभी-कभी बेहोशी हो जाती है। डा. यादव ने कहा कि जेनेटिक में गड़बड़ी और ब्रेन की नर्ब्स का ठीक से काम न करने वाले ही इस बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं। यदि जन्म के समय बच्चे को पीलिया हो गया हो या फिर उसके ब्रेन तक किसी इन्फेक्शन की वजह से पूरी आक्सीजन न पहुंच पायी हो तो वह पीड़ित हो सकता है। यदि हादसे में व्यक्ति को सिर पर चोट लग गयी हो तो वह भी शिकार हो सकता है।

ब्रेन स्ट्रोक या ट्यूमर की समस्या आने, बेहद तनाव में रहने, पीड़ित व्यक्ति द्वारा दवा में लापरवाही करने पर मिर्गी के दौरे आ सकते हैं। इसके अलावा कम नींद लेना, हार्मोन्स में बदलाव आना, ज्यादा शराब पीना, ब्लड शूगर कम होना, ब्लड प्रेशर का कम होना, बेहद तेज रोशनी में आना भी नुकसानदायक होता है। इससे बचने का उपाय बताते हुये डा. यादव ने कहा कि ड्रग्स व शराब से बचें, डाक्टर की सलाह लें, निर्धारित सभी दवाएं लें, तेज चमकती रोशनी सहित अन्य हृदयात्मक उत्तेजनाओं से बचें, जितना सम्भव हो, टीवी-कम्प्यूटर के आगे कम रहें, वीडीओ गेम खेलने से बचें, तनाव से दूर रहें।

दौरा आने पर सचेत रहने की जानकारी हुये मानसिक रोग विशेषज्ञ ने कहा कि मरीज के कपड़े, खास तौर पर गर्दन के आस-पास वाले कपड़े ढीले कर दें। रोगी को दबाना नहीं चाहिये, बल्कि उसे करवट कर देना चाहिये। चोट से बचने के लिये आस-पास से फर्नीचर, धारदार वस्तु आदि हटा देना चाहिये। मरीज को जबर्दस्ती पकड़ने या दौरा रोकने सहित मुंह में कुछ डालने की कोशिश न करते हुये मुंह को साफ कर देना चाहिये। मिर्गी आने पर मरीज को जूते, चप्पल, सड़ा प्याज आदि टोटके को एकदम न करने की सलाह देते हुये उन्होंने कहा कि दौरा खत्म होने के बाद मरीज तब तक होश में न आ जाय, तब तक उसे अकेला न छोड़ें और न ही कुछ खिलायें। अन्त में उन्होंने कहा कि मिर्गी जैसे रोग का नाम सुनकर डरने वाले लोगों को डरने की आवश्यकता नहीं है, क्याोंकि इसका उपचार सम्भव है। इस अवसर पर डा. सुशील यादव, लालजी यादव, शिव बहादुर, ब्यूटी यादव, सूरज यादव सहित तमाम लोग सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुये उपस्थित रहे।

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सर्वाधिक पढा जानें वाला जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल यूनियन बैंक के एटीएम से निकले 2.93 लाख रूपये के मामले में मुकदमा दर्ज | #TEJASTODAY मुंगराबादशाहपुर, जौनपुर। स्थानीय थाना क्षेत्र के समसपुर निवासी सुरेश चन्द्र मौर्य का स्थानीय शाखा में एक बचत खाता था जिसमें सुरेश ने अपनी पुत्री की शादी के लिए खेती-बाड़ी की कमाई से एकत्रित कर 2 लाख 98 हजार 5 सौ रुपए जमा किए थे। लॉक डाउन के चलते शादी रुक गयी। इसी बीच सुरेश को पारिवारिक जरूरत के लिए रूपयों की आवश्यकता हुई तो सुरेश ने 22 सितम्बर को अपने उक्त बचत खाते से 5 हजार रुपए मुंगराबादशाहपुर के जंघई रोड स्थित यूनियन बैंक के एटीएम से जाकर निकाला। फिर जब उसे दुबारा 31 अक्टूबर को रुपयों की जरूरत पड़ी तो वह फिर अपने उक्त खाते से एटीएम द्वारा उसी एटीएम मशीन में पैसा निकालने गया जब उसने अपना एटीएम कार्ड मशीन में लगाया तो उसके खाते में महज 8 सौ 93 रुपए बचे थे। यह जानकारी होते ही सुरेश के पैरों तले जमीन खिसक गयी। सुरेश बैंक जाकर शाखा प्रबन्धक को अवगत कराया जिस पर शाखा प्रबन्धक सौमित्र मण्डल ने सुरेश का खाता चेक करके बताया कि उसके खाते से 43 बार में कुल 2 लाख 93 हजार रुपए एटीएम हैकरों द्वारा निकाल लिया गया है। भुक्तभोगी सुरेश ने अपने साथ घटी घटना के सम्बन्ध में यूनियन बैंक की स्थानीय शाखा एवं मुंगराबादशाहपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराया जिस पर कार्यवाही करते हुए प्रभारी निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह ने घटना की प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जाँच शुरू कर दिया है।

कोरोना संक्रमण के चलते 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प | #TEJASTODAY मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील के अधिवक्ताओं ने बैठक कर कोरोना संक्रमण को मद्देनजर 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प रखने का निर्णय लिया है। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रेम बिहारी यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को साधारण सभा की बैठक बुलाई गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुये अधिवक्ता 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। इस मौके पर अधिवक्ताओं ने कहा कि तहसील में वादकारियों व अधिवक्ताओं की बढ़ती भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है जिसके कारण संक्रमण का बराबर खतरा बना हुआ है। ऐसी स्थिति में एहतियात के तौर पर यह निर्णय अति आवश्यक है। बैठक में महामंत्री अजय सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चंद्र सिन्हा, अशोक श्रीवास्तव, सुरेन्द्र मणि शुक्ला, जगदंबा प्रसाद मिश्र, नागेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव, विनय पाण्डेय, हरि नायक तिवारी, वीरेंद्र भाष्कर यादव, मनमोहन तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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