मोदी सरकार के अहंकार का हुआ अन्त
राहुल गांधी, देश के अन्नदाताओं एवं किसान नेताओं की मेहनत लायी रंगः धर्मेन्द्र
दीपक कुमार
मुगलसराय, चंदौली। किसान बिल वापस लेने का सरकार का फैसला किसानों की जीत है। मोदी सरकार के तुगलकी सोच का परिणाम कृषि बिल है, यह बिल पूँजीपतियों के दबाव में लाया गया है जिसकी वजह से देश के सात सौ किसान शहीद हो गये। सरकार को शहीद हुए किसान परिवार को 25 लाख मुआवजा व सरकारी नौकरी प्रदान करनी चाहिए। सरकार के अहंकार को देश के अन्नदाताओं ने चकनाचूर कर दिया। यह बात मुगलसराय में प्रेसवार्ता के दौरान साझा बयान में जिला प्रभारी जैनेंद्र पांडेय व जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी ने कही।
जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा कृषि बिल वापस लेने का फैसला किया गया। सरकार का यह फैसला चुनाव में करारी हार की आशंका से लिया गया फैसला है, देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह के जरिए अहंकार का सिर झुका दिया, अन्याय के खघ्लिाफ किसानो की यह जीत देश के सभी किसानो को मुबारक हो।
जिला प्रभारी जैनेंद्र पांडेय ने कहा कि किसान बिल वापस लेने की घोषणा पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर पूरे देश के साथ जनपद चंदौली में सभी ब्लाको में किसान विजय दिवस पदयात्रा निकाली गयी जिसके माध्यम से देश के अन्नदाताओं का सम्मान और शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि सभा की गयी। प्रेसवार्ता के दौरान शहर अध्यक्ष रामजी गुप्ता, नारायण मूर्ति ओझा, आनंद शुक्ल, दयाराम पटेल, नवीन पांडेय, प्रदीप मिश्रा, मुजाहिद अख्तर, विवेक सिंह, नेहाल अख्तर, परमहंस सिंह आदि लोग थे।