रक्षा भर्ती घोटाले में सीबीआई ने दर्ज कराया मुकदमा | #TejasToday

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नई दिल्ली (पीएमए)। जांच की कमान लेने के दो साल बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कानपुर रक्षा भर्ती घोटाले में एक प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। क्वालिटी अश्योरेंस सीक्यूए (एम) के नियंत्रण विभाग के सामग्री प्रभाग में उप नियंत्रक संतोष तिवारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जो भर्ती बोर्ड के प्रीसाइडिंग आफिसर थे और लाभार्थियों रविकांत पांडेय, उत्कर्ष श्रीवास्तव, आरती गुप्ता, प्रतिभा मिश्रा, अर्पित सिंह और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। कानपुर के अधिकारियों ने केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय में लोअर डिवीजन क्लर्क (एलडीसी) के 6 पदों के लिए भर्ती अभियान चलाया था। इस उद्देश्य के लिए, 2015 में विज्ञापन जारी किए गए और 2017 में नियुक्तियां की गईं। ब्रिगेडियर सुधींद्र इटनाल की अगुवाई वाली एक आंतरिक जांच समिति ने भर्ती प्रक्रिया में गंभीर अनियमितता पाई थी।

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इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद, भर्ती बोर्ड को सक्षम प्राधिकारी द्वारा भंग कर दिया गया और नियुक्त एलडीसी की सेवाओं को 28 नवंबर, 2018 को समाप्त कर दिया गया। 10 अगस्त 2018 को सीबीआई को एक पत्र में, रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी) ने उत्तर प्रदेश के कानपुर में अब भंग किए गए भर्ती बोर्ड द्वारा 2016 में छह एलडीसी की नियुक्ति के संबंध में एक आपराधिक प्रकृति की श्गंभीर अनियमितताओंश् का उल्लेख किया। यह पत्र रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे के आदेश पर शीर्ष जांच एजेंसी को भेजा गया था जिन्होंने केंद्रीय जांच आयोग की सलाह पर काम किया। अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने तिवारी, सुनील कुमार, एसएसओ- 2, सीक्यूए (एम) कानपुर (सदस्य) और मोहम्मद अलीम, एई (क्यूए), एसक्यूएई (जीएस), कानपुर (सदस्य) और कर्नल ए.के. गांधी, संयुक्त नियंत्रक, सीक्यूए (एम), सीक्यूए (जीएस) और सीक्यूए (टी एंड सी), कानपुर के खिलाफ 2020 में प्रारंभिक जांच की थी। प्रारंभिक जांच में यह पता चला था कि सीक्यूए (एम) कानपुर में एलडीसी के चार पदों को भरने के लिए एक विज्ञापन विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया था। बाद में पदों की संख्या 4 से बढ़ाकर 6 कर दी गई जिसमें सामान्य वर्ग के लिए तीन, ओबीसी, एससी और शारीरिक रूप से विकलांग (पीएच) श्रेणी के लिए मार्च 2015 में एक-एक पद था। यह भी पता चला कि 4,181 उम्मीदवारों ने उक्त पद के लिए आवेदन किया था जिसमें से 952 उम्मीदवार लिखित परीक्षा के लिए पात्र पाए गए थे। इसमें कहा गया है कि 22 जून 2016 को उक्त पदों की भर्ती का संचालन करने के लिए सी. देवकीनंदन नियंत्रक कानपुर द्वारा अधिकारियों का एक बोर्ड गठित किया गया था। इसमें कहा गया है कि बोर्ड में तिवारी, नेहा अग्रवाल, एक वैज्ञानिक, सुनील कुमार और मोहम्मद अलीम शामिल हैं। इसने आगे कहा कि 26 जून 2016 को एक लिखित परीक्षा आयोजित की गई जिसमें कुल 517 उम्मीदवार उपस्थित हुए। उन्होंने कहा, लिखित परीक्षा पूरी होने के बाद, परीक्षार्थियों ने उत्तर पुस्तिकाएं एकत्र कीं और तिवारी के कमरे में उसे सील किए बिना जमा कर दीं जो नियम विरुद्ध था। अधिकारी ने कहा कि पूछताछ में यह भी पता चला कि उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन बीओओ ने अपने कमरे में तिवारी की देखरेख में किया था और अग्रवाल जो बाहरी सदस्य थे, उन्हें नहीं बुलाया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के आधार पर, 110 उम्मीदवार टाइपिंग टेस्ट के लिए योग्य थे जिनमें से 28 सितंबर 2016 को केवल 95 उपस्थित हुए थे। अधिकारी ने कहा कि पीएच उम्मीदवारों को टाइपिंग टेस्ट से छूट दी गई थी। कुल 54 उम्मीदवारों और दो पीएच उम्मीदवारों ने एक ही पद के लिए अर्हता प्राप्त की गई थी और 25 नवंबर 2016 को डीजीक्यूए वेबसाइट द्वारा एक अंतिम मेरिट सूची प्रकाशित की गई थी। चयनित 6 उम्मीदवारों में से 5 उम्मीदवार अपने साथ शामिल हुए थे। अधिकारियों ने कहा कि कर्तव्यों में एक उम्मीदवार विवेक चंद्रा शामिल नहीं हुए, क्योंकि उनका चयन कहीं और हो गया था। जांच में पता चला कि तिवारी द्वारा चयन प्रक्रिया में हेरफेर किए गए थे जिसने उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त किए गए अंकों को रीचेकिंग के समय बदल दिया था।

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सर्वाधिक पढ़ा जानें वाला जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल केराकत के मनबढ़ दरोगा से निषाद बस्ती के लोग परेशान | #TejasToday केराकत, जौनपुर। स्थानीय थाना क्षेत्र में बीती शाम कोतवाली के मनबढ़ दरोगा सुदर्शन यादव द्वारा निषाद बस्ती में जाकर गालियां देते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी गयी। उक्त गांव निवासी प्रभाकर निषाद ने आरोप लगाते हुए बताया कि हमारे सगे भाई गांव के कई लोगों से पैसा जमा कराकर देने से इंकार कर रहे हैं। बता रहे हैं कि कंपनी भाग गई है, इसलिये अब पैसा नहीं मिलेगा। इसके बाबत प्रार्थना पत्र देने के बावजूद कोई कार्रवाई न होने से प्रभाकर ने अपने भाई का खेत जाने वाले रास्ते को अवरूद्ध कर दिया। इस पर भाई द्वारा कोतवाली में मेरी शिकायत की गयी जिस पर उक्त मनबढ़ दरोगा मेरी अनुपस्थिति में परिवार के सदस्यों को गाली देते हुये मुझे सहित परिवार के सभी लोगों को फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दिये। उक्त दरोगा की इस हरकत से जहां पीड़ित और परेशान हो गया, वहीं गांव के अन्य लोग दरोगा से परेशान होकर जिला व पुलिस प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराये।

पारिवारिक कलह से क्षुब्ध होकर युवक ने ​खाया जहरीला पदार्थ | #TEJASTODAY चंदन अग्रहरि शाहगंज, जौनपुर। क्षेत्र के पारा कमाल गांव में पारिवारिक कलह से क्षुब्ध होकर बुधवार की शाम युवक ने किटनाशक पदार्थ का सेवन कर लिया। आनन फानन में परिजनों ने उपचार के लिए पुरुष चिकित्सालय लाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने हालत गंभीर देखते हुए जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। क्षेत्र के पारा कमाल गांव निवासी पिंटू राजभर 22 पुत्र संतलाल बुधवार की शाम पारिवारिक कलह से क्षुब्ध होकर घर में रखा किटनाशक पदार्थ का सेवन कर लिया। हालत गंभीर होने पर परिजन उपचार के लिए पुरुष चिकित्सालय लाया गया। जहां पर हालत गंभीर देखते हुए चिकित्सकों बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया।

Millions of tires and batteries stolen on the highway. #TejasToday

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