अभिनेता सैफ अली खां व डायरेक्टर ओम रावत के खिलाफ वाद दर्ज | #TejasToday
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अभिनेता सैफ अली खां व डायरेक्टर ओम रावत के खिलाफ वाद दर्ज | #TejasToday
इण्टरव्यू में रावण को बताया दयालु एवं उसके युद्ध को ठहराया गया जायज
सैफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को हिमांशु श्रीवास्तव ने उठायी आवाज
जौनपुर। फिल्म अभिनेता सैफ अली खां, डायरेक्टर ओम रावत पर आदिपुरुष फिल्म को लेकर दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव ने प्रभारी एसीजेएम पंचम की कोर्ट में वाद दायर किया। कोर्ट ने वाद दर्ज कर 23 दिसंबर तिथि अगली सुनवाई के लिए किया। मामला आदिपुरुष फिल्म के संबंध में सैफ अली खान द्वारा धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाए जाने वाले इंटरव्यू देने का है। जानकारी के अनुसार दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव निवासी जोगियापुर थाना शहर कोतवाली ने कोर्ट में धारा 156 (3) दं.प्र.सं. के तहत अधिवक्ता उपेंद्र विक्रम सिंह के माध्यम से प्रार्थना पत्र दिया कि वह हिंदू धर्म में गहरी आस्था रखता है। बचपन से पवित्र हिंदू ग्रंथों के माध्यम से यह जान पाया कि भगवान श्रीराम को अच्छाई एवं रावण को बुराई का प्रतीक माना गया है। विजयदशमी का पर्व प्रतिवर्ष मनाया जाता है। संसार के मानव इतिहास में अन्यत्र कोई भी ऐसा तत्व या संस्था या व्यक्ति नहीं है जो भगवान श्री राम और सीता माता द्वारा गढ़े गए कीर्तिमान, रचे गए प्रतिमान, बनाए गए सिद्धांत की गरिमा की तुलना कर सके। भगवान श्रीराम व माता सीता वादी के आराध्य हैं। भगवान राम पर आदिपुरुष फिल्म बनाई जा रही है जिसमें रावण का किरदार अभिनेता सैफ अली खां ने निभाया है। 6 दिसंबर 2020 को सैफ अली ने मीडिया में फिल्म को प्रमोट करने के लिए इंटरव्यू दिया जिसमें उन्होंने रावण को एक दयालु व्यक्ति बताया। रावण द्वारा राम के विरुद्ध किए गए युद्ध को जायज ठहराया, क्योंकि राम के भाई लक्ष्मण द्वारा रावण की बहन की नाक काट दी गई थी। यहां तक कि सीता के अपहरण को भी जायज बताया। फिल्म के जरिए वह रावण के मानवीय पक्ष को और दयालु और प्रासंगिक कर देंगे। प्रमोशन के लिए दिए गए इंटरव्यू में जान-बूझकर सनातन धर्म की भावनाओं को भड़काने के लिए भगवान राम और माता सीता के महत्व को कम करते हुए रावण को दयालु न्यायोचित व जायज दिखाया व बताया गया। सनातन धर्म के बारे में गलत प्रचार-प्रसार किया गया। भगवान श्रीराम व माता सीता की छवि को खराब करने और हम सभी को अपने आराध्य देवताओं से दूर करने का प्रयास किया गया। धर्मांतरण कराने की चेष्टा इस फिल्म के प्रमोशन के इंटरव्यू के माध्यम से की गई जिसे 9 दिसंबर 2020 को 8 बजे वादी ने सोशल मीडिया पर देखा व सुना। गवाह विनोद श्रीवास्तव, अजीत सिंह, बृजेश निषाद, निलेश निषाद, सूर्य प्रकाश सिंह, विवेक तिवारी आदि ने भी सोशल मीडिया पर सैफ अली के इस इंटरव्यू को देखा व सुना जिससे वादी व गवाहों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई एवं अत्यंत मानसिक कष्ट पहुंचा। विद्वेष व असंतोष की भावना पैदा हुई। इंटरव्यू में सनातन धर्म के प्रति घृणा, अपमान, नफरत व असंतोष पैदा किया गया है। मल्टी सिविलाइज्ड व मल्टीकल्चरल भारत देश के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने, विभिन्न वर्गों में शत्रुता, घृणा व वैमनस्य पैदा करने के लिए ऐसा कथन किया गया जिससे विभिन्न समूहों के बीच सौहार्द बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। लोक शांति भंग होने की संभावना बलवती हुई। वादी ने आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग अदालत से किया।
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