भिवंडी के विकास पर चर्चा मगर स्थानीय पत्रकारों की अनदेखी से मचा हड़कम्प
तेजस टूडे ब्यूरो
अरविन्द जैसवार
ठाणे/भिवंडी, मुम्बई। भिवंडी शहर के विकास को लेकर आयोजित बैठक में महानगर पालिका आयुक्त अनमोल सागर ने सभी हितधारकों से सहयोग की अपील किया। उन्होंने कहा कि अगर नागरिक, पत्रकार और स्वयंसेवी संगठन मिलकर काम करें तो शहर का चेहरा बदल सकता है। इस मौके पर अतिरिक्त आयुक्त देविदास पवार, विठ्ठल डाके समेत कई वरिष्ठ पत्रकार मौजूद थे। आयुक्त ने संपत्ति कर वसूली को मजबूत करने, जलापूर्ति व्यवस्था में सुधार, उद्यानों के सौंदर्यीकरण और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण को प्राथमिकता देने की बात कही।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शहर की स्वच्छता और कर वसूली में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी लेकिन इस बैठक में स्थानीय और उर्दू भाषी पत्रकारों की अनदेखी किए जाने से बड़ा विवाद खड़ा हो गया। पत्रकारों के एक वर्ग ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने भिवंडी के स्थानीय पत्रकारों को छोड़कर ठाणे, मुंबई और ग्रामीण क्षेत्रों के पत्रकारों को बुलाया जिससे उनकी उपेक्षा और अपमान हुआ।
यह पहली बार नहीं है जब स्थानीय पत्रकारों को नजरअंदाज किया गया है। इससे पहले महानगर पालिका के स्थापना दिवस समारोह में भी स्थानीय पत्रकारों को नहीं बुलाया गया था जिससे पत्रकारों में भारी नाराजगी थी। इस बार फिर प्रशासन के इस रवैये को लेकर पत्रकारों में गहरा असंतोष है। कुछ वरिष्ठ पत्रकारों ने इसे स्थानीय मीडिया की आवाज दबाने का प्रयास बताया और भिवंडी की मीडिया बिरादरी ने इस मुद्दे पर आयुक्त से जवाब मांगने की चेतावनी दी है।
क्या महानगर पालिका प्रशासन भिवंडी के पत्रकारों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहा है? या फिर यह सिर्फ एक प्रशासनिक लापरवाही है? इस घटना ने स्थानीय मीडिया में हलचल मचा दी है और आने वाले दिनों में इसका असर प्रशासन पर पड़ सकता है।
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