अमित शुक्ला
सीतापुर। जिले में लकड़ी कटाई का काम जोर शोरों से चल रहा है। यहां लकड़ी के सौदागर बेखौफ होकर प्रतिबंधित पेड़ों को चुन चुन कर काटते हैं। क्षेत्र में जितनी भी लकड़ी की ठेकियां खुली हुई है। सभी जगह पर आम, नीम, शीशम के पेड़ों की लकड़ी नजर आती है। यह लकड़ी कहा से आती है।
इसका जवाब किसी के पास नहीं लकड़ी के ठेकेदार सिस्टम में अपनी पहुंच बनाकर काम करते चले जा रहे हैं जिनके कारण पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। आज देश में पेड़ों की कमी के कारण समय पर बारिश नहीं होती। प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। जीवनशैली प्रभावित हो रही है जिसका कारण है धरातल से वनस्पति का उजाड़ होना। यदि इसी प्रकार पेड़ काटे जाते रहे प्रगति से छेड़छाड़ चलती रही तो भीषण तबाही का मंजर देखने को मिल सकता है। धरातल को बंजर होने में देर नहीं लगेगी।
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