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अभियान चलाकर आजमगढ़ को किया जा रहा मोतियाबिन्द बैकलॉग मुक्त: सीएमओ

अभियान चलाकर आजमगढ़ को किया जा रहा मोतियाबिन्द बैकलॉग मुक्त: सीएमओ

देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ़। राष्ट्रीय दृष्टिविहीनता एवं दृष्टिदोष नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत तीन वर्षीय राष्ट्रीय नेत्रज्योति अभियान चलाकर प्रदेश को मोतियाबिन्द बैकलॉग मुक्त करने के निर्देश हैं। यह अभियान जून 2022 से चल रहा है। सरकार की ओर से हुए सर्वेक्षण के अनुसार कुल जनसंख्या के 1.9 फीसदी लोग मोतियाबिन्द जनित दृष्टिदोष से पीड़ित हैं।

राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के अन्तर्गत बैकलॉग मोतियाबिंद ऑपरेशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किये जा रहे हैं। सीएमओ डॉ तिवारी ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत सरकारी अस्पतालों में 1410 मोतियाबिंद के आपरेशन तथा चयनित सात प्राइवेट अस्पतालों में कुल 939 मोतियाबिंद के आपरेशन किये गये हैं। नेत्र उपचारित मरीजों की कुल संख्या 37466 है। इसी क्रम में दृष्टि दोष के 15879 मरीज देखे गए हैं तथा आरबीएसके की टीम की ओर से 95 स्कूल के 265 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई है।

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ उमा शरण पाण्डेय ने बताया कि अभियान में प्रति वर्ष प्रति ब्लाक 360 मरीजों के आपरेशन का लक्ष्य रखा गया था जिसमें जनपद में आठ प्राइवेट अस्पताल क्रमशः आई केयर हास्पिटल, करतालपुर, नवजीवन ज्योति हॉस्पिटल, भंवरनाथ, आजमगढ़ आई हॉस्पिटल, हायडील चौराहा, सिधारी, खेतान हॉस्पिटल, मुकेरीगंज, बिलरियागंज आई हास्पिटल, राज नेत्रालय, अतरौलिया आई हास्पिटल तथा जयसिंह हॉस्पिटल करतालपुर सूचीबद्ध किये गये हैं जिनमें प्रत्येक अस्पताल का एक वर्ष का लक्ष्य 3000 आपरेशन का रखा गया था जो अस्पताल चिन्हित नहीं हैं, उन्हें चिन्हित करने का भी कार्य किया जा रहा है। अभियान के दौरान कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है।

राष्ट्रीय दृष्टि एवं दृष्टिदोष नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद में 2024-25 तक तीन वर्षीय “राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान” को मिशन मोड में चलाया जा रहा है। जिसमें 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 16 फीसदी नागरिकों के नेत्रों की स्क्रीनिंग कर पंजीकृत किया जा रहा है जिससे पंजीकृत लाभार्थियों का अधिक से अधिक ऑपरेशन कर जनपद को मोतियाबिन्द मुक्त किया जा सके।

कार्यक्रम में ग्राम स्तर पर आशा, एमपीए एएनएम मोतियाबिंद ग्रस्त मरीजों का सर्वेक्षण कर रही हैं। इसी आधार पर उपलब्ध डाटा के अनुसार सभी ब्लाकों में राजकीय/एनजीओ/तकनीकी रूप से निजी चिकित्सक से अधिक से अधिक मोतियाबिंद ऑपरेशन कराने की कोशिश जारी है। इसके अलावा कार्यक्रम में आरबीएसके के नेत्र सहायकों तथा हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर के माध्यम से मोतियाबिंद ग्रस्त मरीजों की प्राथमिक स्क्रीनिंग भी की जा रही है। इससे ब्लाक और जिला को मोतियाबिंद बैकलॉग मुक्त कराया जा सके।

महराजगंज ब्लाक अंतर्गत गांव जरावल निवासी 70 वर्षीय सत्यदेव निषाद ने बताया कि मुझे कम दिखाई देता था। डॉक्टर ने जांच कर सदर अस्पताल भेजा था। वहां नवंबर में मेरी बाईं आंख का ऑपरेशन निःशुल्क हुआ। अब मुझे बढ़िया दिखाई देता है। इसी ब्लाक के गांव हुसेपुर रामजियावन निवासी 65 वर्षीय बुद्धिराम ने बताया कि मेरी आंखों से कम दिखाई देता था। डॉक्टर ने जांच कर सदर अस्पताल भेजा था। यहां नवम्बर में मेरी बायीं आंख का ऑपरेशन किया गया। अब मुझे अच्छा दिखाई देता है।

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