मांग रहे हैं वोट
कौन कितना पानी में?
दिन नहीं वो दूर।।
आएंगे वो पास।
रहते जो सुदूर।।
झोंकी पूरी ताकत।
मांग रहे हैं वोट।।
कितना कौन कर पाया।
ताल-घात से चोट।।
जनमानस के मन में।
चल रही क्या बात?
पास किसके जाना।।
किसे मिलेगी मात?
मंच हुए गुलजार।
नए-नए बयान।।
खोल दिया है सबने।
अपनी-अपनी म्यान।।कृष्णेन्द्र राय