आर्मी अफसर बनने के लिए एक और ज़रूरी गुण जिसे कहा जाता है सामाजिक अनुकूलनशीलता
आर्मी अफसर बनने के लिए एक और ज़रूरी गुण जिसे कहा जाता है सामाजिक अनुकूलनशीलता
आरएल पाण्डेय
लखनऊ। हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में इस बात की काफी अहमियत है। यदि विश्लेषण करें तो आप ज्यादातर समाज में हर तरह के लोगों के संपर्क में आते हैं, जैसे घर में दादा दादी, माता पिता और भाई बहिन, घर के बाहर आपके मित्र, पडोसी, शिक्षक या फिर कई अनजान व्यक्ति। हम किस तरह से हर तरह के लोगों से वार्तालाप करते हैं या फिर संपर्क बढ़ाते हैं, वहीं हमारी सामाजिक अनुकूलनशीलता को दर्शाता है।
इस काबिलियत को और निखारने के लिए आवश्यक है कि आप अपने परिवार, दोस्तों, रिश्तेदारों, पड़ोसियों, अज्ञात व्यक्तियों के साथ बातचीत और घुलने-मिलने एवं स्कूल, कॉलेज या किसी संगठन गतिविधि में सक्रिय भागीदारी लें। इसके अलावा अलग-अलग परिस्थितियों जैसे यात्रा करना, नए लोगों से मिलना, जगहों पर जाना आदि में खुद को ढालें। सबसे महत्वपूर्ण है कि आप एक सामाजिक दायरे या नेटवर्क का हिस्सा बनें। इसलिए इन पहलुओं को विस्तार से समझने के लिए, वरिष्ठ सलाहकारों से संपर्क करें जो अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। जीएसएम डिफेंस एकेडमी एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है जो लखनऊ में 4 सीनियर आर्मी ऑफिसर्स द्वारा संचालित किया जा रहा है।
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