गोबर गैस प्लाण्ट लगाकर अन्नदाता किसान ऊर्जादाता बने: श्याम बिहारी गुप्ता
गोबर गैस प्लाण्ट लगाकर अन्नदाता किसान ऊर्जादाता बने: श्याम बिहारी गुप्ता
गौ आधारित प्राकृतिक कृषि करने वाले 8 किसान किये गये सम्मानित
तेजस टूडे ब्यूरो
अजय पाण्डेय
जौनपुर। अध्यक्ष उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग श्याम बिहारी गुप्ता की अध्यक्षता में गो आधारित प्राकृतिक कृषि पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन पिंजरा पोल पशु अनाथालय (गौशाला) में हुआ जिसका शुभारंभ उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। इस दौरान उन्होंने गौ आधारित प्राकृतिक कृषि करने वाले कुल 8 किसानों को माला पहनाकर सम्मानित किया। साथ ही देशी गाय पालने वालों को सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी खराब हो रही है। बीमारियों को बढावा मिल रहा है। हम अपनी आने वाली पीढ़ी को शुद्ध हवा और भोजन दे तब विकास का मॉडल लागू होगा। गौ आधारित कृषि पर ध्यान देने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी आने वाली पीढ़ियों के बारे में भी चिन्तन कर रहे हैं। सभी लोगों से अपील किया कि गौ आधारित कृषि करना शुरू करें। गोबर गैस प्लांट लगाकर अन्नदाता किसान ऊर्जादाता बने, इसके संबंध में विस्तार से जानकारी दिया।
इसी क्रम में अध्यक्ष जी ने प्रेस वार्ता करते हुए अवगत कराया कि पूरे प्रदेश में इस समय लगभग साढ़े 8 सौ गो आश्रय स्थल, गोशाला चल रही है। साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री जी ने सबको निर्देश दिया है कि गो आश्रय स्थलों में प्राकृतिक खेती आधारित गौशाला प्रशिक्षण केन्द्र बनाया जाय और प्रशिक्षण केन्द्र में जो भी प्रशिक्षण लेने आएंगे, उन्हें एक गाय दी जाएगी और उन्हें 15 सौ रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। उन लोगों को प्राकृतिक खेती भी सिखायी जाएगी और बायो गैस स्थापित किए जाने एवं उनके बारे में भी बताया जाएगा। प्रधानमंत्री जी ने गो आधारित प्राकृतिक खेती करने का प्रावधान किया है जिसके तहत किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में किसानों को जानकारी दी जाएगी।
इसी क्रम में पूर्व विधायक सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अध्यक्ष गौ सेवा अयोग के नेतृत्व में गाय पर आधारित कृषि को विस्तार होगा। गाय पालने में प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने उर्वरक आधारित कृषि को छोड़कर जैविक खेती करने के सुझाव दिए। गाय, कृषि और प्रकृति के तरफ लौटना पड़ेगा। प्रत्येक व्यक्ति एक गाय का पालन अवश्य करें। जनपद के गौशालाओं को एनर्जी, इकोनोमिक, एजुकेशन सेंटर बनाना है।
उप परियोजना निदेशक आत्मा डा. रमेश चंद्र यादव ने कहा कि पूरी तरह से प्राकृतिक संसाधनों के इस्तेमाल से की जाने वाली खेती को जैविक खेती कहा जाता है। जैविक खेती केवल फसल उत्पादन तक सीमित नहीं है, वरन पशुपालन में भी यदि पशुओं को भोजन और दवाइयां इत्यादि प्राकृतिक रूप से उपलब्ध संसाधनों से प्रदान की जाएं तो ऐसे पशुओं के उत्पाद भी जैविक पशु उत्पाद कहलाते हैं।
इस अवसर पर प्रतिनिधि अध्यक्ष नगर पालिका परिषद डा. रामसूरत मौर्य, गौशाला के प्रबंधक दिनेश कपूर, अध्यक्ष गोपाल कृष्ण हरलालका, प्रतिनिधि राज्यमंत्री खेल एवं युवा कल्याण गिरीश चंद्र यादव के प्रतिनिधि अजय सिंह, श्याम मोहन अग्रवाल, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ ओपी श्रीवास्तव, किसान मोर्चा के अध्यक्ष दिनेश प्रकाश सिंह, समाजसेवी संजय जेब्रा सहित गौ आधारित कृषि करने वाले किसानगण उपस्थित रहे।
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