आखिर क्यों उतारा दिग्गजों ने पत्नियों निर्दल ही मैदान? जानिए असली वजह | #TEJASTODAY

आखिर क्यों उतारा दिग्गजों ने पत्नियों निर्दल ही मैदान? जानिए असली वजह | #TEJASTODAY

आखिर क्यों उतारा दिग्गजों ने पत्नियों निर्दल ही मैदान? जानिए असली वजह | #TEJASTODAY जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल सै. हसनैन कमर दीपू जौनपुर। मल्हनी सीट पर हो रहे उपचुनाव में सपा के प्रत्याशी लकी यादव ने अपनी पत्नी पुष्पा यादव को दो दिन पूर्व निर्दल पर्चा दाखिल कराया तो आखिरी दिन खुद निर्दल प्रत्याशी पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने अपनी पत्नी श्रीकला सिंह को निर्दल के रुप में ही पर्चा भरवा दिया। जनमानस के बीच मुद्दा बने दोनों उम्मीदवारों में कहा जा रहा है कि लकी यादव के पिता मल्हनी सीट से कई बार चुनाव जीते है, जातिगत मतदाता आंकड़ें में भी उनका पलड़ा भारी है। एक बार पूर्व वह मडि़याहूं सीट से चुनाव लड़ भी चुके है, ऐसे में पर्चा खारिज होने जैसी बात समझ से परे है। आपराधिक इतिहास भी सतही या राजनीतिक स्तर का है लिहाजा यह बात रोड़ा नहीं बन सकती है फिर किस डर से अपनी पत्नी को मैदान में उतारा है। अब सबकी निगाह नाम वापसी की तिथि पर लगी है। वहीं दूसरी ओर पूर्व सांसद और विधायक रहे धनंजय सिंह ने अपनी ही मल्हनी सीट के माहिर खिलाड़ी व दिग्गज प्रत्याशी है, जनमानस तक उनकी पहुंच भी काफी हद तक है, हर वर्ग के लोगों को पैठ होने के बावजूद उन्होंने किस डर से अपनी पत्नी श्रीकला का पर्चा दाखिल कराया। इसके जवाब में चाय की दुकानों और विभिन्न ठीहों पर बहस में यही बात उभरकर आ रही है कि किन्हीं तरीकों से और सत्ताधारी दल के दबाव में उनका पर्चा खारिज होता है तो मैदान में श्रीकला रेड्डी सिंह मौजूद रहेंगी। इनका राजनीतिक इतिहास भी अपने मायके में रहा है, पिता खुद विधायक रहे हैं। ऐसे में वह भी अन्य उम्मीदवारों से कमजोर साबित नहीं होंगी। फिलहाल दोनों दिग्गज उम्मीदवारों की पत्नियों का निर्दल पर्चा वापसी की तिथि तक वापस होता है या नहीं इस पर सबकी निगाह लगी है।

जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल

सै. हसनैन कमर दीपू
जौनपुर। मल्हनी सीट पर हो रहे उपचुनाव में सपा के प्रत्याशी लकी यादव ने अपनी पत्नी पुष्पा यादव को दो दिन पूर्व निर्दल पर्चा दाखिल कराया तो आखिरी दिन खुद निर्दल प्रत्याशी पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने अपनी पत्नी श्रीकला सिंह को निर्दल के रुप में ही पर्चा भरवा दिया।

जनमानस के बीच मुद्दा बने दोनों उम्मीदवारों में कहा जा रहा है कि लकी यादव के पिता मल्हनी सीट से कई बार चुनाव जीते है, जातिगत मतदाता आंकड़ें में भी उनका पलड़ा भारी है। एक बार पूर्व वह मडि़याहूं सीट से चुनाव लड़ भी चुके है, ऐसे में पर्चा खारिज होने जैसी बात समझ से परे है। आपराधिक इतिहास भी सतही या राजनीतिक स्तर का है लिहाजा यह बात रोड़ा नहीं बन सकती है फिर किस डर से अपनी पत्नी को मैदान में उतारा है। अब सबकी निगाह नाम वापसी की तिथि पर लगी है।

वहीं दूसरी ओर पूर्व सांसद और विधायक रहे धनंजय सिंह ने अपनी ही मल्हनी सीट के माहिर खिलाड़ी व दिग्गज प्रत्याशी है, जनमानस तक उनकी पहुंच भी काफी हद तक है, हर वर्ग के लोगों को पैठ होने के बावजूद उन्होंने किस डर से अपनी पत्नी श्रीकला का पर्चा दाखिल कराया। इसके जवाब में चाय की दुकानों और विभिन्न ठीहों पर बहस में यही बात उभरकर आ रही है कि किन्हीं तरीकों से और सत्ताधारी दल के दबाव में उनका पर्चा खारिज होता है तो मैदान में श्रीकला रेड्डी सिंह मौजूद रहेंगी। इनका राजनीतिक इतिहास भी अपने मायके में रहा है, पिता खुद विधायक रहे हैं। ऐसे में वह भी अन्य उम्मीदवारों से कमजोर साबित नहीं होंगी। फिलहाल दोनों दिग्गज उम्मीदवारों की पत्नियों का निर्दल पर्चा वापसी की तिथि तक वापस होता है या नहीं इस पर सबकी निगाह लगी है।

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दाह संस्कार को गई शव को पुलिस ने लिया कब्जे में | #TEJASTODAY पत्नी सहित ससुराली जनों ने लगाया हत्या का आरोप सुरेरी, जौनपुर। बीते रविवार की रात लगभग 8 बजे नेवढ़िया थाना क्षेत्र के दोदापुर गांव निवासी छविनाथ मिश्र के 40 वर्ष पुत्र विनय मिश्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक के परिजनों की मानें तो युवक पारिवारिक कलह को लेकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था। वही घटना के बाद मृतक के परिजन बगैर किसी को सूचना दिए मृतक के शव को दाह संस्कार के लिए वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर लेकर पहुंच गए थे। किसी तरह से घटना की सूचना मायके गई पत्नी प्रतिमा को लगी तो उन्होंने घटना की सूचना पुलिस अधीक्षक जौनपुर सहित जिलाधिकारी जौनपुर को दी, और परिजनों के साथ पत्नी भी मणिकर्णिका घाट पहुंच गई। वही घंटों चले पंचायत के बाद नेवढ़िया पुलिस शव को कब्जे में लेकर थाने पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक की पत्नी प्रतिमा का आरोप है कि परिवार जनों द्वारा युवक की हत्या की गई है, और उसे आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है। वही मृतक के पत्नी का यह भी आरोप है कि जब वह अपने पिता दीनानाथ के साथ सोमवार को तहरीर देने नेवढ़िया थाने पहुची तो थानाध्यक्ष द्वारा फटकार लगाते हुए उन्हें थाने से भगा दिया गया। ग्रामीणों की माने तो मृतक अपने परिवार के साथ मुंबई में ही रहता था, लॉकडाउन के दौरान वह मुंबई से अपने घर आया हुआ था। मृतक की पत्नी रक्षाबंधन के पर्व पर अपने मायके गई हुई थी। मृतक को दो बच्चे हर्षीत 14 वर्ष, अंकिता 8 वर्ष है। इस संदर्भ में थानाध्यक्ष नेवढ़िया संतोष राय ने बताया कि पत्नी की शिकायत पर मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

कोरोना संक्रमण के चलते 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प | #TEJASTODAY मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील के अधिवक्ताओं ने बैठक कर कोरोना संक्रमण को मद्देनजर 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प रखने का निर्णय लिया है। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रेम बिहारी यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को साधारण सभा की बैठक बुलाई गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुये अधिवक्ता 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। इस मौके पर अधिवक्ताओं ने कहा कि तहसील में वादकारियों व अधिवक्ताओं की बढ़ती भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है जिसके कारण संक्रमण का बराबर खतरा बना हुआ है। ऐसी स्थिति में एहतियात के तौर पर यह निर्णय अति आवश्यक है। बैठक में महामंत्री अजय सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चंद्र सिन्हा, अशोक श्रीवास्तव, सुरेन्द्र मणि शुक्ला, जगदंबा प्रसाद मिश्र, नागेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव, विनय पाण्डेय, हरि नायक तिवारी, वीरेंद्र भाष्कर यादव, मनमोहन तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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