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आखिर भ्रष्टाचार में संलिप्त बीडीओ पर कब कार्यवाही करेगा जिला प्रशासन? | #TejasToday
ग्राम प्रधानों की पैरवी करना कार्यशैली का बना हिस्सा, जनता त्रस्त
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। सूबे की योगी सरकार कितना भी भ्रष्टाचार मुक्त शासन का दावा करे किंतु सरकार के दावे को कोई और नहीं, बल्कि उनके ही अधिकारी जमकर पलीता लगा रहे हैं। वैसे यदि देखा जाए तो इस समय जनपद में भ्रष्टाचार तो चरम पर है किंतु जनपद के डीह ब्लाक के खंड विकास अधिकारी के संरक्षण में हो रहे भ्रष्टाचार की बात ही कुछ और है। कुछ माह पूर्व कहीं डीह ब्लाक में भ्रष्टाचार पकड़ आने पर प्रधान के तीनों अधिकार सीजकर कमेटी गठित कर दी गई तो कहीं दिलावलपुर गांव में भ्रष्टाचार पकड़ आने पर ग्राम विकास अधिकारी सुनील कुमार को निलंबित कर दिया गया किंतु लगातार ब्लाक क्षेत्र के गांवों में हो रहे भ्रष्टाचार की जड़ खंड विकास अधिकारी ही हैं जिससे आये दिन भ्रष्टाचार कि शिकायतें जिला मुख्यालय पर पहुंचा करतीं हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला डीह ब्लाक के ही रेवड़ी सैदपुर का है।
जिले में हो रहा लाल खून का काला धंधा | #TejasToday
जहां पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अशोक कुमार द्वारा विकास कार्यों में जमकर घपला किया गया। कागजों पर सिर्फ विकास दिखाया गया है किंतु मौके की हकीकत कुछ और ही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में 32 पात्रों की सूची बनाई गई थी जिसमें 24 लोगों के खाते में प्रथम किस्त हस्तांतरित की गई किंतु 8 लोगों के खाते में पैसा अब तक नहीं पहुंचा। यदि ग्रामीणों की मानें तो पूर्व में चल रही लोहिया आवास योजना के तहत लोगों के 40 आवास आए थे जो कि अब तक पूर्ण न हो सके है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि ग्राम प्रधान पति ने 50000 रुपए प्रति आवास के नाम पर वसूली की है।
उसके बावजूद ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने अपने ठीक मातहतों के दुकान पर सांठ-गांठ कर लोगों को ईंट व अन्य निर्माण सामग्री दिलवाकर अच्छी खासी कमाई की है। ग्रामीणों का कहना है कि जिस वक्त बाजार में ईंट 4200 रुपए थे, उस समय ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने 55 सौ रुपए की दर से लोगों को दबिश दे ईंट मुहैया करवाया था। जानकारी लेने पर एक बात यह भी प्रकाश में आई कि ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अशोक कुमार एक दबंग व अपराधी किस्म का व्यक्ति है जिसके ऊपर पूर्व में कई मुकदमे पंजीकृत हैं जिससे ग्रामीणों को दबाव में लेकर सत्ता की हनक व रसूख के दम पर मनमाना काम ग्राम पंचायत में किया जाता है जिससे ग्रामीण काफी पीड़ित हैं। सारी हदें तो तब पार हो जाती हैं जब ग्राम प्रधान के इस भ्रष्टाचार की जानकारी खंड विकास अधिकारी डीह से ली जाती है तो लगातार ग्राम प्रधान के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालते नजर आते हैं जिससे स्पष्ट है कि इनके ही संरक्षण में आये दिन एक एक कर ग्राम प्रधानों के भ्रष्टाचार की पोल खुल रही है जिसमें फोन पर जानकारी लेने पर साहब लगातार प्रधान का बचाव करते नजर आए। डीह ब्लाक में ग्राम प्रधानों के भ्रष्टाचार के कारनामों में खण्डविकास अधिकारी डीह की भूमिका संदिग्ध है?
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